वायु प्रदुषण की वजह से हम 140 करोड़ भारतीयों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही है क्योकि जब हम प्रदूषित माहौल में साँस लेते है तब प्रदूषण के कण सीधे हमारे शरीर में प्रवेश करता हैं। AQI और इसके प्रभावों को समझना और जागरूक होना हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
इस लेख में आप जानेंगे की AQI क्या है, इसके प्रकार और खराब वायु गुणवत्ता से खुद को कैसे सुरक्षित रखें। आपको यह भी पता चलेगा कि यह कैसे हमें सतर्क रखती है।
AQI क्या है?
Air Quality Index या AQI एक मापन प्रणाली है जिसमें वायु की गुणवत्ता और वायु प्रदुषण से होने वाले स्वास्थ्य दुष्परिणामों को मापा जाता है। इसकी शुरुवात साल 1968 में की गई थी। ये प्रणाली वायु प्रदूषण डेटा को 0 से 500 तक के पैमाने में दर्शाता है।
AQI आपको यह बताता है कि आपके आसपास में वायु प्रदूषण कौन से स्तर पर पहुँच गया है। 100 या उससे कम की वायु गुणवत्ता रीडिंग सुरक्षित मानी जाती है, जबकि 100 से ऊपर स्वास्थ्य जोखिमों की ओर इशारा करती है।
वायु प्रदुषण के मुख्य कारण
EPA वायु गुणवत्ता एक्ट के तहत पांच मुख्य वायु प्रदूषकों के स्टार को AQI वैल्यूज के लिए ट्रैक किया जाता है:
- Ground-level ozone (smog)
- Particulate matter (PM2.5 and PM10)
- Carbon monoxide (CO)
- Sulfur dioxide (SO2)
- Nitrogen dioxide (NO2)
AQI Categories
AQI में छह श्रेणियों होती है ताकि हम समझ सकें कि हमारी वायु कितनी साफ या प्रदूषित है। ये श्रेणियां हमें वायु स्थितियों व इससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को आसानी से समझने में मदद करती हैं।
6 AQI Levels
AQI पैमाना 0 से 500 तक होता है और यह छह स्तरों में विभाजित होता है:
- अच्छा (0-50): स्वच्छ वायु
- मध्यम (51-100): स्वच्छ वायु लेकिन संवेदनशील लोगों को प्रभावित कर सकती है
- संवेदनशील लोगों के लिए अस्वस्थ (101-150): संवेदनशील लोग स्वास्थ्य समस्याएं अनुभव कर सकते हैं
- अस्वस्थ (151-200): हर कोई स्वास्थ्य समस्याएँ अनुभव कर सकते हैं।
- बहुत अस्वस्थ (201-300): गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को ट्रिगर करता है।
- खतरनाक (301-500): आपातकालीन चेतावनियाँ पूरी जनसंख्या को प्रभावित करती हैं
AQI Color Coding System
प्रत्येक AQI श्रेणी एक विशिष्ट रंग की होती है जिस देखकर हम वायु प्रदुषण के स्तर को जान सकते हैं। अच्छी वायु गुणवत्ता हरे रंग में दिखाई देती है, मध्यम पीले में और संवेदनशील समूहों के लिए अस्वस्थ नारंगी रंग में होती है। लाल अस्वस्थ वायु को दर्शाता है, बैंगनी बहुत अस्वस्थ स्थितियों को दिखाता है, और मरोन खतरनाक स्तरों को संकेत देता है।
प्रत्येक श्रेणी के स्वास्थ्य प्रभाव
जैसे-जैसे AQI मान बढ़ते हैं, वैसे वैसे इसका स्वास्थ्य में प्रभाव और खराब होते जाते हैं। संवेदनशील लोगों को 51-100 के मध्यम स्तरों पर थोड़ी सांस लेने में असुविधा हो सकती है। इसी तरह, जब स्तर संवेदनशील समूह रेंज (101-150) में पहुँचते हैं, तो बच्चे, बुजुर्ग और फेफड़ों की बीमारियों वाले लोग उच्च जोखिम का सामना करते हैं।
अस्वस्थ परिस्थितियाँ (151-200) लगभग 30% स्वस्थ लोगों में मध्यम फेफड़े की समस्याएँ उत्पन्न करती हैं। स्थिति बहुत अस्वस्थ स्तरों (201-300) पर और खराब हो जाती है, जहाँ आधी आबादी सांस लेने तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करती है। खतरनाक परिस्थितियाँ (301+) आपातकालीन स्वास्थ्य स्थितियाँ पैदा करती हैं जो सभी को घर के अंदर रहने के लिए मजबूर कर देती हैं।
AQI का दुनिया पर प्रभाव
वायु प्रदूषण हमारे सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में से एक है, जिससे हर साल लगभग 6 करोड़ लोगों की समय से पहले मौत हो जाती हैं।
यंहा वे समूह है जिन्हे वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा समस्याएं हो सकती हैं :
- बच्चे और गर्भवती महिलाएँ
- वृद्ध
- हृदय और फेफड़ों की समस्यायों वाले लोग
- उद्योग के पास रहने वाले लोग
स्वयं को सुरक्षित कैसे रखें
अपने आसपास की वायु गुणवत्ता स्तरों को जानकार आप सजग रह सकते है और अपने स्वास्थ को बनाये रख सकते है। आज कई टूल्स और तरीके हैं जो आपको खराब वायु गुणवत्ता को ट्रैक करने में आपकी मदद कर सकती हैं।
AQI ट्रैकिंग टूल्स और ऐप्स
मोबाइल ऐप्स अब आपको तत्काल AQI मॉनिटरिंग सुविधाएँ देती हैं। AirMatters और IQAir AirVisual जैसी ऐप वायु गुणवत्ता फोरकास्ट और मौसम डेटा दिखाता है। जब वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है तो ये ऐप्स अलर्ट भी भेजते हैं ताकि आप जल्दी से सुरक्षात्मक कदम उठा सकें।
सुरक्षा सुझाव
जब AQI ख़राब स्तरों पर पहुँचता है तो आपको उचित सुरक्षा की आवश्यकता होती है जिसमें N95 या N99 मास्क अच्छी तरह से काम करते हैं। यहाँ कुछ सुरक्षात्मक कदम दिए गए हैं:
- 12 बजे से 4 बजे के बीच बाहरी गतिविधियों की योजना बनाएं जब प्रदूषण स्तर आमतौर पर कम होते हैं
- अपनी आँखों को बहते पानी से धोएं और गर्म पानी से गरारे करें
- पर्याप्त पानी पिएं और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं
घर में वायु गुणवत्ता नियंत्रण कैसे करें
बाहरी प्रदूषण आपके घर की वायु गुणवत्ता को भी प्रभावित करते हैं। घरों में पोर्टेबल एयर प्यूरिफायर जिनमें HEPA फिल्टर होते हैं, वे वायु में कणों को अच्छी तरह से हटा सकते हैं। आपके एयर कंडीशनर को “रीसर्कुलेट” मोड में चलाना चाहिए ताकि बाहरी वायु का संपर्क कम हो। गीला पोछा झाड़ू लगाने से घर के अंदर प्रदूषित कण नियंत्रित किये जा सकते है।
निष्कर्ष
वायु गुणवत्ता हर व्यक्ति को अलग-अलग प्रभावित करती है। बच्चे, बुजुर्ग लोग और जिनकी स्वास्थ्य स्थिति पहले से कमजोर है, उन्हें AQI स्तरों के रेंज के ऊपर चढ़ते समय अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है।