आदित्य एल1 (Aditya-L1) सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन है, इसके पहले 23 अगस्त 2023 को भारत ने दूसरा लैंडर और रोवर मिशन चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारा था।
अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी दूर है।
आदित्य L1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 2 सितंबर 2023 को सुबह 11:50 पर प्रक्षेपित किया गया। आदित्य L1 को शक्तिशाली ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान PSLV-C57 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया। इसने 63 मिनट में उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा दिया।
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आदित्य L-1
Aditya L1 Mission: आदित्य यानी सूर्य, एल1 यानी पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन पॉइंट L1, जहां यह स्थापित होगा। आदित्य L-1 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पहला सौर मिशन है।
Aditya L1 Mission details:
- लॉन्च – 2 सितंबर 2023 (11:50 AM)
- रॉकेट – PSLV-C57 (Polar Satellite Launch Vehicle)
- एजेंसी – ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन)
- प्रक्षेपण स्थल – सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश
- यान का वजन – 1480.7 किलोग्राम
- लागत – 400 करोड़
- लक्ष्य स्थान – लैग्रेंजियन पॉइंट L1
- इसरो चेयरमैन – श्री एस.सोमनाथ
आदित्य एल-1 फोटो
आदित्य एल1 मिशन के उद्देश्य
आदित्य-एल1 मिशन के प्रमुख विज्ञान उद्देश्य हैं –
- सौर ऊपरी वायुमंडलीय (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) गतिकी का अध्ययन।
- क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल तापन, आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा की भौतिकी, कोरोनल मास इजेक्शन की शुरुआत, और फ्लेयर्स का अध्ययन
- सूर्य से कण की गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले यथावस्थित कण और प्लाज्मा वातावरण का प्रेक्षण
- सौर कोरोना की भौतिकी और इसका ताप तंत्र।
- कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा का निदान: तापमान, वेग और घनत्व।
- सी.एम.ई. का विकास, गतिशीलता और उत्पत्ति।
- उन प्रक्रियाओं के क्रम की पहचान करें जो कई परतों (क्रोमोस्फीयर, बेस और विस्तारित कोरोना) में होती हैं जो अंततः सौर विस्फोट की घटनाओं की ओर ले जाती हैं।
- कोरोना में चुंबकीय क्षेत्र टोपोलॉजी और चुंबकीय क्षेत्र माप।
- हवा की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता।
लैग्रेंजियन पॉइंट-1 (L1) क्या है
लैगरेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में एल1 नाम से जाना जाता है।
धरती और सूर्य के बीच पांच लैगरेंज पॉइंट हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रिफ्यूगल फोर्स बन जाती है। ऐसे में इस जगह पर अगर किसी ऑब्जेक्ट को रखा जाता है तो वह आसानी से दोनों के बीच स्थिर रहता है और उस पॉइंट के आस-पास चक्कर लगाना शुरू कर देता है। पहला लैगरेंज पॉइंट धरती और सूर्य के बीच 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है, जो कि सूर्य के सबसे करीब है।
अंतरिक्ष में भारत की पहली वेधशाला
आदित्य एल1 सूर्य की गतिविधियों का अध्ययन करने वाली भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला (observatory) है। यान को पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन बिंदु L1 पर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो सूर्य के सबसे करीब है। यहां तक पहुंचने में आदित्य एल1 को करीब चार माह का समय लगेगा।
सूर्य का अध्ययन क्यों आवश्यक है
सूर्य का अध्ययन विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, और यह हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। सूर्य से हमें प्राकृतिक ऊर्जा, गर्मी, और प्रकृति के अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे हम अपने दैनिक जीवन को सुझावी तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं।
पृथ्वी का वायुमंडल और उसका चुंबकीय क्षेत्र एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करते हैं और हानिकारक तरंग दैर्ध्य विकिरण को रोकते हैं। ऐसे हानिकारक विकिरणों का पता लगाने के लिए ही सूर्य का अध्ययन किया जाता है।
महत्वपूर्ण बातें
इस पूरे मिशन के दौरान 5 साल तक की प्रोग्रामिंग और इतने ही दिनों में मिली जानकारी के आधार पर दुनिया भर के वैज्ञानिक अगले कई दशकों तक रिसर्च कर सकते हैं। यह मिशन सूर्य के लैग्रेंजियन बिंदु पर पहुंचकर न केवल सूर्य की पराबैंगनी किरणों का अध्ययन करेगा बल्कि सूर्य से निकलने वाली X-Rays और उच्च ऊर्जा प्रोटॉन के प्रभाव को भी समझेगा।
FAQs
आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन है।
आदित्य-एल1 का उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है। यह मिशन सूर्य के वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेगा। यह सूर्य के वायुमंडल की संरचना, तापन प्रक्रिया और सौर विस्फोट के कारणों का अध्ययन करेगा।
आदित्य एल1 मिशन 2 सितंबर 2023 को सुबह 11:50 बजे लॉन्च किया गया था।
PSLV का फुल फॉर्म Polar Satellite Launch Vehicle है।
निवेदन
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