चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्रयान मिशन

चंद्रयान-3 चंद्रमा पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भेजा गया तीसरा भारतीय चंद्रमा मिशन है। इस लेख में हम भारत के चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी प्रदान करेंगे।

चंद्रयान 3

चंद्रयान 2 मिशन के असफल होने के लगभग चार सालों बाद भारत के दूसरे प्रयास चंद्रयान 3 मिशन में चंद्रमा पर ‘विक्रम’ लैंडर ने अपने अंदर रखे 26 किलोग्राम के ‘प्रज्ञान’ रोवर के साथ अपने 4 पैरों पर योजनाबद्ध तरीके से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की।

चंद्रयान 3 के सफलता के साथ ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बना भारत। आइये इसके कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को जानें :

  • लॉन्च – 14 जुलाई 2023 (2:35 PM)
  • रॉकेट (लॉन्च व्हीकल) – LVM3-M4 (लॉन्च व्हीकल मार्क 3)
  • एजेंसीISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन)
  • प्रक्षेपण स्थल – सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा, आंध्रप्रदेश
  • पेलोड – 3900 किलोग्राम
  • लागत – 615 करोड़
  • रोवर का नाम – प्रज्ञान
  • लैंडर का नाम – विक्रम
  • लैंडिंग की तिथि – 23 अगस्त 2023
  • लैंडिंग का स्थान – साउथ पोल (शिवशक्ति पॉइंट)
  • इसरो चेयरमैन – श्री एस.सोमनाथ

चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्य

  1. चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग का प्रदर्शन करना।
  2. रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करना।
  3. यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना।

मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, लैंडर में कई उन्नत प्रौद्योगिकियाँ मौजूद हैं जैसे –

  1. अल्टीमीटर – लेजर और आरएफ आधारित अल्टीमीटर
  2. वेलोसीमीटर – लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर और लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरा
  3. जड़त्व माप – लेजर जाइरो आधारित जड़त्वीय संदर्भ और एक्सेलेरोमीटर पैकेज
  4. प्रणोदन प्रणाली – 800N थ्रॉटलेबल लिक्विड इंजन, 58N एटीट्यूड थ्रस्टर्स और थ्रॉटलेबल इंजन कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स
  5. नेविगेशन, मार्गदर्शन और नियंत्रण (एनजीसी) – संचालित डिसेंट ट्रैजेक्टरी डिजाइन और सहयोगी सॉफ्टवेयर तत्व
  6. खतरे का पता लगाना और बचाव – लैंडर खतरे का पता लगाना और बचाव कैमरा और प्रसंस्करण एल्गोरिदम
  7. लैंडिंग लेग तंत्र

मॉड्यूल के 3 हिस्से

  • Propulsion – इसकी वजह से स्पेसशिप चंद्रमा के ऑर्बिट में जाएगा। वजन – 2148 किलोग्राम
  • Lander – यह चंद्रमा तक रोवर को ले जाएगा। वजन – 1752 किलोग्राम
  • Rover – रोवर 6 पहियों वाला रोबोट है, जो चंद्रमा की सतह पर घूम कर जानकारी इकट्ठा करेगा। वजन – 26 किलोग्राम

चंद्रयान-3 फोटो

चंद्रयान-3 फोटो 1
चंद्रयान-3 फोटो 1
चंद्रयान-3 फोटो 2
चंद्रयान-3 फोटो 2
चंद्रयान-3 फोटो 3
चंद्रयान-3 फोटो 3
चंद्रयान-3 फोटो 4
चंद्रयान-3 फोटो 4

लॉन्चिंग से लेकर लैंडिंग तक का सफर

  • 14 जुलाई – LVM3 से चंद्रयान लॉन्च
  • 14 – 31 जुलाई – चंद्रयान पृथ्वी की ऑर्बिट में रहा
  • 1 – 5 अगस्त – चंद्रयान चांद की तरफ बढ़ा
  • 5 अगस्त – चंद्रयान चांद के ऑर्बिट में पहुंचा
  • 6 – 16 अगस्त – 4 बार ऑर्बिट घटाकर 153×163 km की ऑर्बिट में लाया गया
  • 17 – अगस्त – प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर अलग
  • 18 – 20 अगस्त – डीबूस्टिंग के बाद 25×134 km की ऑर्बिट में लैंडर
  • 23 अगस्त – चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग

चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के बाद इसरो ने 2 सितंबर को सूर्य का अध्ययन करने के लिए ‘आदित्य-एल1‘ नामक सौर मिशन का प्रक्षेपण किया। आदित्य-एल1 सूर्य के अवलोकन के लिए भेजा गया पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन है।

FAQs

चंद्रयान-2 कब लांच हुआ?

चंद्रयान-2 को 22 July 2019 में लांच किया गया था।

चंद्रयान-3 कब लांच हुआ?

चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई 2023 में 2:35 PM बजे लांच किया गया था।

चंद्रयान 1 लॉन्च की तारीख

चंद्रयान 1 22 October 2008 में लॉन्च की गई थी।

चंद्रयान 2 मिशन किस व्हीकल से लॉन्च किया गया था?

चंद्रयान 2 मिशन को GSLV MkIII-M1 व्हीकल से लॉन्च किया गया था।

चंद्रयान 3 मिशन में कितना खर्चा आया?

चंद्रयान 3 मिशन की कुल लागत 615 करोड़ रूपए था।

चंद्रयान 3 लॉन्च स्थल

चंद्रयान 3 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा, आंध्रप्रदेश से लांच किया गया था।

चंद्रयान 1 मिशन किस व्हीकल से लॉन्च किया गया था?

चंद्रयान 1 मिशन में PSLV-C11 लांच व्हीकल का प्रयोग किया गया था।

इसरो के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?

श्री.एस सोमनाथ इसरो के वर्तमान अध्यक्ष हैं।

इसरो का मुख्यालय कहां है?

इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित हैं।

इसरो का गठन कब हुआ?

इसरो का गठन15 August 1969 हुआ था।

चांद पर कदम रखने वाला दुनिया का पहला व्यक्ति

नील आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाला दुनिया का पहला व्यक्ति है।

ISRO का पूरा नाम क्या है?

ISRO का पूरा नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन है।

अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस कब मनाया जाता है?

20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस मनाया जाता है।

भारत में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस

23 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाता है।

निवेदन

उम्मीद है कि आपको यह लेख (चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्रयान मिशन) जरूर पसंद आया होगा।

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मेरा नाम सारांश वर्मा है। मैंने हार्डवेयर और हैकिंग में डिप्लोमा किया है और मैं एक हिंदी ब्लॉगर हूं मुझे टेक्नोलॉजी के विषय में चर्चा करना बेहद पसंद है।

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