OSI (Open Systems Interconnection) और TCP/IP (Transmission Control Protocol/Internet Protocol) दो ऐसे प्रमुख Models हैं, जिनका उपयोग Networking में किया जाता है। इस लेख मे हम OSI Model और TCP/IP Model के बीच के मुख्य अंतरों को जानेंगे (OSI Model vs TCP/IP Model)
Table of contents
Difference Between OSI and TCP/IP Model
OSI Model | TCP/IP Model |
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OSI का मतलब Open Systems Interconnection है। | TCP/IP का मतलब Transmission Control Protocol/Internet Protocol है। |
OSI Model को 1984 में ISO (International Standards Organization) द्वारा विकसित किया गया था। | TCP/IP Model को 1982 में Arpanet (Advanced Research Projects Agency Network) द्वारा विकसित किया गया था। |
इसमें 7 Layers होती हैं – Physical, Data Link, Network, Transport, Session, Presentation और Application Layer. | इसमें 4 Layers होती हैं – Network Access, Internet, Transport और Application Layer. |
OSI मॉडल Vertical Approach को फॉलो करता है। | TCP/IP मॉडल Horizontal Approach को फॉलो करता है। |
OSI Model में Session Layer और Presentation Layer दो अलग-अलग Layers होती हैं। | TCP/IP Model में Application Layer – Session Layer और Presentation Layer का Combination होता है। |
OSI Model की Network Layer – Connection Oriented और Connectionless दोनों Service प्रदान करती है। | TCP/IP Model की Network Layer केवल Connectionless services प्रदान करती है। |
OSI Model में Physical Layer और Data Link Layer अलग-अलग Layers हैं जो अलग-अलग कार्य करते है। | TCP/IP Model में Network Interface Layer – Physical Layer और Data Link Layer का Combination होता है। |
इस प्रकार OSI और TCP/IP Model के बीच मुख्य अंतरों को समझा जा सकता है। इसके आलावा हमने OSI Model और TCP/IP Model के बारे मे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी हैं, जिसे आपको जरूर पढ़ना चाहिए –
OSI Model
OSI Model में कुल 7 Layers काम करते हैं – Physical, Data Link, Network, Transport, Session, Presentation और Application Layer.
- Layer 1 (Physical Layer) – यह OSI Model की पहली लेयर है। Physical layer का मुख्य कार्य डेटा को बिट के रूप में ट्रांसमिट करना होता है।
- Layer 2 (Data Link Layer) – यह OSI Model की दूसरी लेयर है। यह फ़िज़िकल नेटवर्क लिंक के अंदर डेटा को ट्रांसमिट करने के लिए ज़िम्मेदार होती है।
- Layer 3 (Network Layer) – यह OSI Model की तीसरी लेयर है। इसका मुख्य काम अलग-अलग नेटवर्क्स के बीच डेटा पैकेट्स को Route करना और डिलीवर करना है।
- Layer 4 (Transport Layer) – यह OSI Model की चौथी लेयर है। यह लेयर डेटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक बिना error ट्रांसमिट करती है।
- Layer 5 (Session Layer) – यह OSI Model की पांचवी लेयर है। यह लेयर, दो डिवाइसों के बीच कम्युनिकेशन के लिए sessions उपलब्ध कराती है।
- Layer 6 (Presentation Layer) – यह OSI Model की छठी लेयर है। यह डेटा को encrypted और decrypted करती है।
- Layer 7 (Application Layer) – यह OSI Model की सातवीं लेयर है। यह लेयर, यूज़र और नेटवर्क के बीच इंटरफ़ेस का काम करती है।
TCP/IP Model
TCP/IP Model में कुल 4 Layers काम करते हैं – Network Access, Internet, Transport और Application Layer.
- Layer 1 (Network Access Layer) – यह TCP/IP Model की सबसे निचली और पहली लेयर है। यह लेयर ये बताती है कि डेटा को नेटवर्क में कैसे भेजना है।
- Layer 2 (Internet Layer) – यह TCP/IP Model की दूसरी लेयर है। यह लेयर नेटवर्क में कनेक्शन रहित संचार उपलब्ध करवाती है।
- Layer 3 (Transport Layer) – यह TCP/IP Model की तीसरी लेयर है। ट्रांसपोर्ट लेयर डेटा ट्रांसमिशन के लिए ज़िम्मेदार होती है।
- Layer 4 (Application Layer) – यह TCP/IP Model की चौथी लेयर है। यह लेयर यूज़र को सीधे ऐप्लिकेशन के साथ इंटरैक्ट करने की सुविधा देती है।
FAQs
OSI Model में कुल 7 Layers होती है – Physical, Data Link, Network, Transport, Session, Presentation और Application Layer.
यह OSI मॉडल की तीसरी लेयर (Network Layer) पर काम करता है।
यह OSI मॉडल के data link layer पर कार्य करता है।
OSI का फुल फॉर्म Open Systems Interconnection है।
TCP/IP का फुल फॉर्म Transmission Control Protocol/Internet Protocol है।
निवेदन
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