प्रोटोकॉल क्या है और इसके प्रकार

नमस्कार दोस्तों आज इस लेख में हम जानेंगे की इंटरनेट के प्रमुख घटकों में से एक इंटरनेट के प्रोटोकॉल क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं तथा इंटरनेट को सुचारु बनाने में इनका क्या योगदान रहता है।

प्रोटोकॉल क्या है? – Protocol in Hindi

इंटरनेट पर अनेक सुविधाऐं उपलब्ध है जिनका कि उपयोगकर्ता, आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकते हैं। ये सभी सुविधाऐं सुचारु रुप से चल सकें इसके लिये कुछ नियम निर्धारित किये गये हैं जिन्हें प्रोटोकॉल कहा जाता है।

इंटरनेट की कार्यप्रणाली (Working of Internet)

इंटरनेट सामान्यत: बहुत से Networks का Network है। इसमे पूरी दुनिया के Computers आपस में एक Network के द्वारा जुड़े होते हैं। इंटरनेट की संरचना को देखने से ज्ञात होता है कि यह आपके पर्सनल कम्प्यूटर, वेब ब्राऊजर, इंटरनेट सेवा प्रदाता तथा सर्वर कम्प्यूटरों का संयोजन है।

इंटरनेट क्लाईण्ट-सर्वर प्रणाली के आधार पर कार्य करता है जिसमें फाईल (Text या Image आदि) एक मुख्य कम्प्यूटर जिसे सर्वर कहा जाता है में Store होते हैं। User के द्वारा Web Browser के द्वारा इन फाईल के लिए Request किया जाता है जिसे सर्वर के द्वारा Handle किया जाता है।

सर्वर के द्वारा Request का उचित Response दिया जाता है तथा उस फाईल को user computer में display कर दिया जाता है। इस प्रकार Server से client के कम्प्यूटर में data भेजा जाता है। प्रोटोकॉल नियमों का एक समूह है जो इस विधि को नियंत्रित करता है। प्रत्येक वेब पेज का एक Address होता है जिसे URL कहा जाता है। यह उस वेब पेज की नेटवर्क में स्थिति बताता है। वेबसाईट में एक से अधिक वेब पेज होते हैं जो आपस में जुड़े होते हैं।

प्रोटोकॉल के प्रकार – Types of Protocol in Hindi

इंटरनेट पर विभिन्न सुविधाओं के लिये प्रयुक्त होनें वाले प्रमुख प्रोटोकॉल हैं-

  1. TCP/IP (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल / इंटरनेट प्रोटोकॉल)
  2. SMTP / POP (सिम्पल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल /पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल)
  3. SLIP/PPP (सीरीयल लाइन इंटरनेट प्रोटोकॉल / प्वाईंट टू प्वाईंट प्रोटोकॉल)
  4. SNMP (सिम्पल नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल)

इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP)

यह डाटा पैकेट को एक इंटरनेट नोड से दूसरे इंटरनेट नोड तक भेजने का कार्य करता है। यह कार्य वह प्रत्येक पैकेट के साथ संलग्न IP एड्रेस के आधार पर करता है।

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP)

यह IP द्वारा भेजे गये डाटा के सही प्रेषण को सुनिश्चित करता है। यदि मार्ग में डाटा पैकेट किसी कारणवश खराब हो जाता है तब यह प्रोटोकॉल उस डाटा पैकेट को पुनः प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करता है। यह कार्य वह प्रत्येक डाटा पैकेट के साथ करता है अर्थात् वह डाटा पैकेट प्राप्तकर्ता के पास सही रुप में पहुँचा है या नही इसकी जाँच करता है व किसी प्रकार की त्रुटि प्राप्त होने पर उस डाटा पैकेट को पुनः प्रेषित करवाता है जब तक कि समस्त डाटा सही प्रकार दूसरे छोर पर न पहुंच जाये।

SMTP

सिम्पल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (SMTP), मेल प्रेषण के लिये प्रयुक्त होनें वाला प्रोटोकॉल है। जैसे ही कोई उपयोगकर्ता मेल प्रेषित करता है SMTP प्रोटोकॉल उसे अगले सर्वर पर प्रेषित कर देता है वहाँ से यह पुनः SMTP द्वारा सर्वर-सर्वर होता हुआ अंतिम सर्वर पर पहुँच जाता है। तात्पर्य यह कि SMTP, सर्वर से सर्वर तक मेल भेजने के लिये प्रयुक्त होनें वाला प्रोटोकॉल है।

POP

पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल वह प्रोटोकॉल है जो कि उपयोगकर्ता के लिये सर्वर तक आए हुए ई-मेल को उपयोगकर्ता के कम्प्यूटर पर लाता है। अर्थात् POP, उपयोगकर्ता के लिये, ISP के मेल सर्वर तक आ चुके ई-मेल को कम्प्यूटर पर डाउनलोड करता है।

सीरीयल लाइन इंटरनेट प्रोटोकॉल (SLIP)

कम्प्यूटर उपयोगकर्ताओं को मॉडम का उपयोग करते हुऐ डॉयल अप विधि से इंटरनेट से जोड़ने हेतु इस प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है। यदि तकनीकी भाषा में इसी बात को कहना है तब SLIP वह प्रोटोकॉल है जो कि इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) को सीरीयल लाइन (टेलीफोन लाइन) पर प्रेषित करनें के लिये प्रयुक्त किया जाता है।

प्वाइंट टू प्वाइंट प्रोटोकॉल (PPP)

यह भी डायल अप इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा इंटरनेट से जुड़ने के लिये प्रयुक्त किया जाने वाला प्रोटोकॉल है। SLIP जहाँ पुराना प्रोटोकॉल है वहीं PPP नया प्रोटोकॉल है।

SLIP व PPP में अंतर

SLIPPPP
SLIP एक पुराना डायल अप प्रोटोकॉल है।PPP इसकी तुलना में नया प्रोटोकॉल है।
इसको सेटअप करनें के लिये अधिक जानकारियाँ देनी होती हैं।अपेक्षाकृत कम जानकारियाँ देनी होती है।
किसी भी प्रकार की COMPRESSION सुविधा है।स्वचालित रूप से COMPRESSION की की सुविधा नहीं है।
ERROR DETECTION एवं ERROR DETECTION CORRECTION की सुविधा नहीं है।ERROR DETECTION एवं ERROR DETECTION CORRECTION की सुविधा है।
यह केवल IP को ही प्रेषित कर सकता है।यह IP तथा IPX के साथ -साथ कुछ अन्य प्रोटोकॉल पर भी कार्य कर सकता है।
SLIP व PPP में अंतर

SNMP (सिम्पल नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल)

वर्तमान में नेटवर्क काफी अधिक जटिल हो गये हैं तथा वे अनेक जटिल प्रक्रियाओं द्वारा संचालित होते हैं। किसी भी नेटवर्क को सुचारु रुप से चलानें व उसका प्रबंधन करने के लिये इस प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है।

इंटरनेट कनेक्शन के विकल्प

इंटरनेट कनेक्शन के लिए उपलब्ध प्रमुख विकल्प है-

  1. टेलीफोन
  2. वी सेट कनेक्शन
  3. केबल कनेक्शन
  4. वायरलेस कनेक्शन
  5. केबल टी.वी. कनेक्शन

इंटरनेट की सुविधा प्राप्त करने के लिए सर्वाधिक प्रचलित विधि डायल-अप कनेक्शन है। इसकी सहायता से निम्न प्रकार कनेक्शन प्राप्त किया जा सकता है।

  1. SHELL कनेक्शन
  2. TCP/IP कनेक्शन
  3. लीज्ड लाइन कनेक्शन

मॉडेम क्या है?

मॉडेम वह उपकरण है जो कम्प्यूटर के डाटा (संकेतों) को टेलीफोन लाइन पर प्रेषण के लिए उपयुक्त अवस्था में परिवर्तित करता है तथा टेलिफोन लाइन से प्राप्त डाटा संकेतों को कम्प्यूटर द्वारा पुनः उपयोग के लिए ऐसी अवस्था में परिवर्तित करता है जिससे कि कम्प्यूटर उसे समझ सके।

निष्कर्ष

इंटरनेट पर सभी सुविधाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ नियम होते हैं जिन्हें प्रोटोकाल कहते हैं, जैसे TCP/IP, SMTP/POP, SLIP/PPP, SNMP, आदि।

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