नमस्कार दोस्तों आज इस लेख में हम FASTag जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों में प्रयोग होने वाले RFID प्रणाली और इसके प्रकारों सहित महत्वपूर्ण जानकारियों पर चर्चा करेंगे। तो आइये जाने RFID क्या है :
RFID क्या है?
RFID का पूरा नाम radio frequency identification है, यह वायरलेस संचार का एक प्रकार है, जिसमें किसी विशिष्ट वस्तु की पहचान करने के लिए विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के रेडियो आवृत्ति भाग (adio frequency portion) में विद्युत चुम्बकीय (electromagnetic) या इलेक्ट्रोस्टैटिक युग्मन (electrostatic coupling) का उपयोग होता है।
RFID कैसे काम करता है?
स्कैनिंग एंटेना, ट्रान्सीव्हर और एक ट्रान्सपोंडर, RFID सिस्टम में तीन मुख्य घटक हैं। जब स्कैनिंग एंटेना और ट्रान्सीव्हर एक साथ होते है तो इस प्रणाली को RFID रीडर या इंट्रोगेटर कहते है। RFID एक नेटवर्क-कनेक्टेड डिवाइस है, जो की दो प्रकार के होते है फिक्स्ड रीडर और मोबाइल रीडर। यानि की RFID रीडर पोर्टेबल या स्थायी किसी भी रूप में हो सकता है।
RFID रीडर रेडियो तरंगों का उपयोग करके टैग को रीड या सक्रिय करने वाले संकेतों को प्रसारित करता है। और जब टैग एक्टिव हो जाता है तो यह वापस रीडर के एंटीना को तरंग भेजता है। तब रीडर प्राप्त सिग्नल डाटा को अनुवाद कर टैग की पहचान करता है।
RFID रीडर में स्कैनिंग एंटेना और ट्रान्सीव्हर होते हैं जबकि इसका तीसरा मुख्य घटक ट्रांसपोंडर RFID टैग में मौजूद होता है। टैग की रेंज या क्षमाता इसके प्रकार, RFID frequency, रीडर के प्रकार, जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है।
FAQs
RFID बारकोड की तुलना में सटीक डेटा कैप्चर करने के साथ साथ तेज भी होते हैं। इसके अलावा यह एक साथ कई टैग को रीड कर सकता है।
RFID तकनीक में उचित एन्क्रिप्शन और प्रमाणीकरण उपायों का प्रयोग करके सुरक्षित बनाया जा सकता है। हालांकि, दूसरे तकनीक की तरह, अनधिकृत एक्सेस को रोकने के लिए इसमें भी निगरानी की आवश्यकता होती है।
RFID तकनीक को आमतौर पर रोजमर्रा के उपयोग के लिए सुरक्षित माना जाता है, इसके मानक अनुप्रयोगों से जुड़े अभी तक कोई ज्ञात स्वास्थ्य समस्याएं नहीं हैं।