Gopher क्या है? कैसे काम करता है और इसके उपयोग

वर्ल्ड वाइड वेब तीन दशकों से वजूद में है, और सभी दोषों के बावजूद, वेब दुनिया भर के लोगों के लिए आवश्यक टूल बन गया है, और यह आगे भी विकसित होते रहेगा। वेब की तरह ही गोफर इंटरनेट सूचना प्रणाली को भी 30 वर्षों से अधिक हो रहा है।

Gopher Protocol इंटरनेट के शुरुवाती रूपों में से एक है जो की 90 के दशक में अत्यधिक लोकप्रिय हुआ करता था, लेकिन WWW की बढ़ती लोकप्रियता के चलते 90 के अंत के दौरान इसका पतन शुरू हो गया और आज यह लगभग पूरी तरह से गायब हो गई। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है की यह पूरी तरह से समाप्त हो गया है, 21 वीं सदी में इंटरनेट पर इसके प्रयोग जारी है। तो, आज इस लेख में हम जानेगे की Gopher क्या है :

Gopher Protocol क्या है?

इंटरनेट पर Gopher Protocol उपलब्ध एक अन्य प्रकार का सुचना प्राप्ति टूल है। इसका विकास अमेरिका के मिनिसोटा विश्वविद्यालय में हुआ था। या एक यूजर फ्रेंडली इंटरफ़ेस प्रदान करता है। गोफर के माध्यम से कोई यूजर इंटरनेट पर सूचनाओं को प्राप्त कर सकते है। गोफर यूजर के द्वारा वांछित सूचनाओं को खोजकर उसके सामने ला देता है। इसका प्रयोग करना बहुत आसान है। इसके अतिरिक्त गोफर कई इंटरनेट सर्विसों को आपस में भी जोड़ने में सहायक है।

Gopher भी WWW की तरह ही इंटरनेट से वांछित फाइल या दस्तावेज प्राप्त करने का एक साधन है। WWW जंहा हाइपरटेक्स्ट पद्धति पर आधारित है वहीं। Gopher पूर्णतः मेनू ड्रिवेन प्रणाली है, Gopher के द्वारा हम जैसे ही किसी Gopher आधारित इंटरनेट साइट से जुड़ते हैं हमें वंहा उपलब्ध दस्तावेजों से सम्बंधित एक मेनू स्क्रीन प्राप्त होता है। इस मेनू में उपलब्ध विकल्पों में से वांछित विकल्प का चयन कर हम वांछित दस्तावेज या जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Gopher के उपयोग

90 के दशक में गोफर वर्ल्ड वाइड वेब के विकल्प के रूप में जाना जाता था, लेकिन आगे चलकर यह HTTP प्रोटोकॉल से आखिरकार पीछे रह गया। आजकल के ब्राउज़र इसे सपोर्ट नहीं करते हैं, जिसकी वजह से अब इसके बहुत कम उपयोग हैं।

परन्तु, अभी भी कुछ लोग गोफर प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं और Gopher Protocol के जरिये अपने कंटेंट को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए इस तकनीक के माध्यम से संसाधनों तक पहुंचने के लिए Gopher-HTTP गेटवे बनाते हैं।

साधारण इंटरफ़ेस होने की वजह से यह कम शक्तिशाली कंप्यूटर में भी अच्छे से काम कर सकता है। गोफरस्पेस यानी वेब के गोफर वर्शन में समाचार, मौसम पूर्वानुमान और यहां तक कि रेडिट और विकिपीडिया एक्सेस करने के लिए भी प्रॉक्सी होते हैं।

Gopher कैसे चलाएं

आज वेब ब्राउज़र गोफरस्पेस साइट एक्सेस करना सपोर्ट नहीं करता लेकिन गोफर क्लाइंट अभी भी सभी प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए उपलब्ध हैं। आधुनिक क्लाइंट्स की वजह से गोफर पर जाना अब पहले से भी कहीं अधिक आसान हो गया है। क्रोम ब्राउज़र पर Burrow और फ़ायरफ़ॉक्स के लिए OverbiteWX जैसे एक्सटेंशन इनस्टॉल करके गोफर साइट्स को ब्राउज़ किया जा सकता है।

इसके लिए https://gopher.floodgap.com/gopher/ जैसी कई प्रॉक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं जो सीधे HTTP पर ही गोफर सामग्री एक्सेस करने की सुविधा देती हैं। यदि आप पहली बार गोफर ब्राउज कर रहे हैं तो प्रॉक्सी विकल्प आपके लिए बढ़िया विकल्प साबित हो सकती है क्योकि इससे गोफर साइट्स को किसी भी आधुनिक HTTP ब्राउज़र में एक्सेस किया जा सकता है।

जब आप गोफरस्पेस में चले जाते हैं, तो आपको आगे क्या है, कैसे करना है जैसे मुद्दों पर मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं होगी। क्योकि गोफर को नेविगेट करना लोकल डिस्क पर एक फ़ोल्डर से दूसरे फ़ोल्डर में जाने, फ़ाइलों की जांच करने, फ़ाइलों की एक सूची ब्राउज़ करने, फिर नेविगेट किए गए पाथ पर वापस आने जैसा महसूस होता है। टेक्स्ट-आधारित लिंक्स होने की वजह से यह नेविगेशन करने में तेज़ होते हैं। इसमें फ़ाइलों को डाउनलोड करना बहुत ही आसान होता है।

Gopher कैसे काम करता है?

इंटरनेट के FTP प्रोटोकॉल की तरह ही गोफर भी एक अन्य प्रोटोकॉल, जो TCP / IP इंटरनेटवर्क यानि इंटरनेट पर फ़ाइलों को रेमॉटली एक्सेस करता है।

FTP साइट केवल एक ही सर्वर पर मौजूद होते हैं और कई अलग-अलग FTP साइटें हो सकती हैं, लेकिन केवल एक ही डिस्ट्रिब्यूटेड गोफर फ़ाइल सिस्टम है। गोफर फ़ाइल सिस्टम दुनिया के सभी गोफर सर्वरों का एक संग्रह है, हालांकि निजी गोफर उपनेटवर्क भी मौजूद हैं। गोफर फ़ाइल सिस्टम दुनिया के सभी गोफर सर्वरों का एक संग्रह है, हालांकि निजी गोफर उपनेटवर्क भी मौजूद हैं।

प्रत्येक गोफर सर्वर वितरित फ़ाइल सिस्टम के रूट के रूप में कार्य कर सकता है। किसी फ़ाइल या दस्तावेज़ को एक्सेस करने के लिए, गोफर क्लाइंट यानी वेब ब्राउज़र का उपयोग करने वाला व्यक्ति एक्सेस करने योग्य गोफर सर्वर का URL टाइप करता है तो ब्राउज़र उसे गोफर सर्वर पर ले जाता है। गोफर फ़ाइल सिस्टम को फ़ोल्डरों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जिनमें से प्रत्येक में होते हैं:

  1. फ़ोल्डर
  2. दस्तावेज
  3. अन्य गोफर सर्वरों के लिए लिंक (फ़ोल्डर के रूप में)

तब यूजर उस दस्तावेज़ तक पहुंचकर उसे प्रदर्शित या डाउनलोड करते हैं। दुनिया भर में गोफर नेटवर्क पर दस्तावेजों का पता लगाने के लिए Veronica टूल पर कीवर्ड सर्च का भी उपयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष

असल में 1980 के दशक के शुरुवात में गोफर पुस्तकालयों और विश्वविद्यालयों के लिए जानकारी संग्रहीत करने और प्रसारित करने के रूप में लोकप्रिय था, परन्तु WWW की बढ़ती लोकप्रियता के कारण यह पीछे रह गया है। जिसकी वजह से अब कई गोफर सर्वर काम नहीं करते हैं, और उनमें से अधिकांश जानकारियां अपडेट नहीं होते हैं।

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