Cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान

क्रिप्टो मार्किट में लगभग 10,000 से भी अधिक क्रिप्टोकोर्रेंसी उपलब्ध है। जिनमे से ज्यादातर क्रिप्टोकोर्रेंसी को कोई नहीं जानता और जानते भी होंगे तो इनमे निवेशकों ने बहुत ही कम पैसे निवेश किये है। लेकिन इन्ही में से शीर्ष के ऐसे क्रिप्टोकोर्रेंसी है जो काफी लोकप्रिय हो चुके है। और लोग इनमे अधिक से अधिक पैसे निवेश किये है। जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, टेथर, शीबा इनु इत्यादि।

Cryptocurrency लगभग पिछले चार-पांच सालों से देश में काफी लोकप्रिय होते जा रहा है और इसमें निवेशकों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ते जा रही है। हालाँकि इसकी शुरुवात 2008 से हो चूका था। परन्तु नए लोगो के लिए Cryptocurrency को समझने में थोड़ी परेशानी तो होती ही है। जो की स्वाभाविक है। तो आइये जाने क्रिप्टोकोर्रेंसी क्या है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What Is Cryptocurrency?)

क्रिप्टोकररेंसी या क्रिप्टोग्राफिक मनी एक डिजिटल प्रकार की मुद्रा है। यह कोई भौतिक धन (Physical currency ) नहीं है और न ही असल सिक्के या नोट है जिसे हम अपने पास या बैंक अकाउंट में जमा कर सकें। मतलब बिटकॉइन,एथेरियम और दूसरे क्रिप्टो करेंसी जैसे कोई भी भौतिक मुद्रा के रूप में उपलब्ध नहीं है जिसे लोग बाजार में असली पैसे के रूप में उपयोग कर सके। इसलिए यह पारम्परिक मुद्रा से बिलकुल ही अलग तरीके से संचालित होती है।

हमारे देश की करेंसी के नोट सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के आदेश पर छापे जाते है। लेकिन क्रिप्टोकोरेंसी को अलग तरीके से बनाया और जारी किया जाता है। किसी भी क्रिप्टोकररेंसी को तकनीकी प्रक्रिया के माध्यम से प्रचलन में लाया जाता है जिसमे दुनिया भर के क्रिप्टो समुदाय के लोगो की भागीदारी शामिल होती है। यानि इसे दुनियाभर के क्रिप्टो तकनीक के जानकार लोग अपने अपने कम्पूटरो के माध्यम से तैयार करने के भागीदार होते है। वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी प्रमुख दो प्रोटोकॉल Proof of Work और Proof of Stake पर आधारित होते है।

क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह डिजिटल यानि सिर्फ आभाषी मुद्रा है जो ब्लॉक चैन पर संग्रहित होते है। ब्लॉकचैन पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा बनाये रखने के लिए डाटा और सूचनाओ को एन्क्रिप्ट करने की जरुरत होती है जो क्रिप्टोग्राफ़ी प्रणाली पर चलती है। इसलिए इसे क्रिप्टोग्राफ़ी मनी भी कहते है। इसे किसी भी देश के सरकार या संस्था द्वारा नियंत्रित या संचालित नहीं किया जा सकता जिसके कारण ही इसे विकेन्द्रीकृत (decentralized) परिभाषित किया जाता है।

क्रिप्टोग्राफ़ी, क्रिप्टोकररेंसी एक्सचेंस के डिसेंट्रलाइज़्ड माध्यम के रूप में कार्य करता है जंहा ये डिजिटल हस्तांतरण (transaction) का सत्यापन, जाँच करके पूर्ण करने का कार्य करता है। और साथ ही नए क्रिप्टो करेंसी के निर्माण में उनके अंतर को चिन्हित करने का कार्य क्रिप्टोग्राफ़ी से ही होता है।

क्रिप्टोकररेंसी में आदान प्रदान (एक्सचेंस) मुख्य रूप से ब्लॉकचैन तकनीक पर आधारित होते है जो क्रिप्टोकररेंसी को डिसेंट्रलाइज़्ड रूप में रखता है। ब्लॉकचैन, एक सार्वजनिक बही खाता की तरह है जिसमे अब तक उस नेटवर्क में किये गए सभी लेन देन की जानकारी होती है। इसलिए उस नेटवर्क के हर कोई सभी लेन देन की जानकारी देख सकता है।

क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत कब हुई थी?

क्रिप्टो करेंसी का अविष्कार साल 2008 में बिटकॉइन के रूप में हुआ जिसे सतोशी नाकामोतो नाम के अज्ञात व्यक्ति या समूह ने बनाया था। हालाँकि इसकी शुरुवात साल 2009 में हुआ क्योकि लगभग एक साल तक यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की तरह डेवलपमेंट स्टेज पर था।

पूरी दुनिया में सबसे पहले किसी क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज साल 2009 में बिटकॉइन के ट्रांसेक्शन के साथ हुआ, जिसे सातोशी नाकामोतो ने ही किया था।उन्होंने पुरे क्रिप्टो करेंसी के नेटवर्क (ब्लॉकचैन) की शुरुवात की। जिसे फाइनेंसियल मार्किट में सबसे बड़े अविष्कार के रूप में देखा जाता है।

बिटकॉइन के शुरुवात के साथ ही डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में एक नए युग का आरम्भ हुआ। जिसके बाद से ही लंबे या बड़े वर्ग, आपूर्ति और नई गणनाओं के साथ भविष्य की अर्थव्यवस्था के अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजिटल मुद्रा बनाई जा रही है। जो की भविष्य में धन के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है।

क्रिप्टोकररेंसी का इस्तेमाल वर्तमान में पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ते जा रहा है। अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी की तुलना फ़िएट मनी या नकद से उसके विनिमय दर यानी एक्सचेंज रेट पर की जाए तो यह उपयोगी और लाभकारी हो सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे | Benifits of Cryptocurrency

अगर आप क्रिप्टो में निवेश की सोच रहे है तो इसके फायदों के बारे में जरूर जान लें। सबसे पहले तो यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल मनी है। इसलिए इस पर किसी भी संस्था, संगठन या सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहता यानी आपके निवेश पर आपका पूरा नियंत्रण रहेगा।

इसमें अपने एसेट्स के साथ कुछ भी करने के लिए आपको किसी से भी अनुमति की जरुरत नहीं होती, इसमें पूरा हक़ आपका होता है। चूँकि यह क्रिप्टोग्राफ़ी और ब्लॉकचैन पर आधारित है इसलिए सुरक्षा के मामले में बेहद सुरक्षित है।

दूसरा यह निवेश के नजरिये से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योकि यह तेजी से घटता बढ़ता है। और ऐसे कॉइन जिनकी सप्लाई सिमित है, समय समय में कॉइन बर्न किये जाते है और मजबूत आधार है ऐसे एसेट्स आपको मुद्रास्फीति (inflation) या महँगाई दर से बचा सकती है।

इनके आलावा, क्रिप्टो के माध्यम रेगुलर इनकम कमाने के भी बहुत से तरीके है, जैसे आप क्रिप्टो माइन कर सकते हैं, इसे उधार देकर कमा सकते हैं, क्रिप्टो उधार भी ले सकते हैं और क्रिप्टो स्टेकिंग कर एक निश्चित आय भी कमा सकते है।

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages of Cryptocurrencies

ढेरो खुबिया होने के बावजूद इसमें बहुत सी खामिया भी है। इसे इस्तेमाल करना यानी इसके वॉलेट का प्रयोग, ट्रांसेक्शन करना, अपने क्रिप्टो को सुरक्षित करना आदि सीखने में थोड़ा समय लगता है यानि वर्तमान में यह पूरी तरह से यूजर फ्रेंडली नहीं है। पर जिस तेजी से लोग इसमें जुड़ते जा रहे है इसमें बहुत तेजी से सुधर हो रहा है।

और इसमें आपके क्रिप्टो के साथ कुछ भी होने पर केवल आप ही जिम्मेदार होंगे क्योकि आपके एसेट्स पर आपका पूरा नियंत्रण रहता है इसलिए आपको इसकी सुरक्षा भी खुद ही करनी होगी। थोड़ी सी भी चूक होने पर आप अपना पूरा क्रिप्टो (एसेट्स) हमेशा के लिए खो सकते है। और इन सबकी शिकायत के लिए ग्राहक सहायता जैसी कोई भी सुविधा नहीं होती। यानी थोड़ी सी चूक नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए क्रिप्टो और विकेन्द्रीकृत में सिक्योर रहने के लिए आपको सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान से पालन करें।

और अंत में बात करते है इसकी अस्थिरता (volatility) की। क्रिप्टो करेंसी बेहद अस्थिर है, इनमे बहुत तेजी से उतर चढ़ाव होता है। जिस कारण इसमें अधिक मुनाफा भी होता है लेकिन उसी तरह अधिक नुकसान भी हो सकता है। लेकिन अगर आप क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हो तो जानते ही होंगे की यह बड़ी समस्या नहीं है। और इससे बचने के बहुत से तरीके है। जैसे स्टेबल कॉइन में निवेश कर सकते है या पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई किया जा सकता है। और तो और क्रिप्टो मार्किट की अस्थिरता समय के साथ कम होते जा रहा है। यानि इसकी अस्थिरता भविष्य में ज्यादा मायने नहीं रखेगी।

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