HTTP और HTTPS (Hypertext Transfer Protocol Secure) दोनों इंटरनेट पर डेटा को संचार करने वाली अलग-अलग प्रोटोकॉल हैं। इस लेख के माध्यम से आज आप जानेंगे HTTP और HTTPS में क्या अंतर है?
HTTP और HTTPS में अंतर
HTTP | HTTPS |
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HTTP का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol हैं। | HTTPS का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol Secure हैं। |
यह OSI model के application layer में काम करता है। | यह OSI model के Transport layer में काम करता है। |
Https के मुकाबले यह कम Secure (less secure) होता है। | यह ज्यादा secure (more secure) होता है। |
यह SSL Certificate का उपयोग नहीं करता है। | यह SSL Certificate का उपयोग करता है। |
इसमें डाटा Encryption और Decryption नहीं होता है। | इसमें डाटा Encryption और Decryption होता है। |
URL पर इसका चिन्ना है – http://. | URL पर इसका चिन्ना है – https://. |
यह Port 80 का उपयोग करती है। | यह Port 443 का उपयोग करती है। |
HTTP का मुख्य काम
HTTP (Hypertext Transfer Protocol) एक प्रोटोकॉल है जो इंटरनेट पर डेटा के संचार को संभव बनाता है। HTTP का मुख्य काम वेब सर्वर से वेब क्लाइंट के बीच डेटा के संचार को सुनिश्चित करना है।
जब आप अपने वेब ब्राउज़र में एक वेब पेज को खोलते हैं, तो आपके ब्राउज़र द्वारा वेब सर्वर को HTTP रिक्वेस्ट भेजा जाता है, इस रिक्वेस्ट में आपके ब्राउज़र द्वारा जानकारी भी शामिल होती है जैसे कि आपकी वेब पेज पर क्लिक की जाने वाली लिंक्स और अन्य डेटा। सर्वर फिर से HTTP प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए ब्राउज़र को डेटा के साथ उत्तर भेजता है।
HTTP का मुख्य उद्देश्य वेब पेज्स के संचार में सुविधा उपलब्ध कराना है। यह सिस्टम टेक्नोलॉजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो आपको इंटरनेट का उपयोग करने में मदद करता है।
HTTPS का मुख्य काम
HTTPS (Hypertext Transfer Protocol Secure) एक सुरक्षित संस्करण है जो HTTP प्रोटोकॉल का उपयोग करता है और इंटरनेट पर डेटा के सुरक्षित संचार को सुनिश्चित करता है। HTTPS का मुख्य काम यह है कि यह डेटा के संचार के दौरान एक सुरक्षित टनल प्रदान करता है जो कि डेटा के सत्यापन और एन्क्रिप्शन को सुनिश्चित करता है।
HTTPS का उपयोग वेबसाइटों को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। जब आप एक HTTPS संरचना का उपयोग करते हैं, तो डेटा संचार के दौरान एन्क्रिप्टेड होता है, जो कि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उसके पढ़े जाने से रोकता है। इसके अलावा, HTTPS सर्वर सत्यापन प्रोटोकॉल का उपयोग करता है जो सर्वर द्वारा प्रतिबंधित किए गए किसी भी बाध्यकारी संदेशों के विस्तार को रोकता है।
HTTPS का उपयोग वेबसाइटों में ऑनलाइन लेनदेन, पंजीकरण और विवरण जैसी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई अन्य व्यक्ति उन जानकारियों का उपयोग नहीं कर सकता है।
निष्कर्ष
HTTP और HTTPS दोनों ही वेब प्रोटोकॉल हैं जो इंटरनेट पर डेटा के संचार को संभव बनाते हैं, लेकिन दोनों के बीच मुख्य अंतर है।
HTTP असुरक्षित होता है, क्योंकि डेटा संचार के दौरान एन्क्रिप्ट नहीं किया जाता है। इसका मतलब है कि डेटा के संचार के दौरान कोई भी बाध्यकारी व्यक्ति उसे पढ़ और संशोधित कर सकता है।
वहीं, HTTPS सुरक्षित होता है, क्योंकि इसमें एन्क्रिप्टेड टनल का उपयोग करके डेटा के संचार को सुनिश्चित किया जाता है। इसका मतलब है कि डेटा संचार के दौरान कोई भी बाध्यकारी व्यक्ति उसे पढ़ नहीं सकता है।
संक्षेप में कहा जाए तो, HTTP डेटा को नहीं एन्क्रिप्ट करता है, जबकि HTTPS एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है। HTTPS उसे सुरक्षित रखता है जो कि HTTP संचार के दौरान सुरक्षा के लिए आवश्यक होता है। इसलिए, HTTPS सुरक्षित ऑनलाइन लेनदेन, पंजीकरण और विवरण जैसी जानकारियों को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
FAQs
HTTP का Port Number क्या 80 है।
HTTPS का पूरा नाम है – Hypertext Transfer Protocol Secure.
HTTPS का पोर्ट नंबर 443 होता है।
निवेदन – उम्मीद है कि आपको यह लेख (HTTP और HTTPS में क्या अंतर है? – what is the difference between http and https protocols) जरूर पसंद आया होगा।
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