प्वॉइंटिंग डिवाइस का सीधा सम्बन्ध कम्प्यूटर स्क्रीन तथा GUI सॉफ्टवेयर से है। यह कम्प्यूटर स्क्रीन पर चल रही गतिविधियों का संचालन तथा नियन्त्रण करता है। प्वॉइटिंग डिवाइस के मुख्य उपकरण माउस, लाइट पैन, जॉयस्टिक एवं ट्रैक वॉल हैं।
माउस Mouse
माउस हाथ में पकड़कर चलाया जाने वाला एक इनपुट उपकरण है। यह एक केबिल द्वारा सी. पी. यू. से जुड़ा रहता है। इसका उपयोग मॉनीटर के पर्दे पर कर्सर या माउस प्वॉइण्टर को कण्ट्रोल करने में किया जाता है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर पर गेम खेलने के लिए भी किया जाता है।
माउस एक छोटी डिब्बी के आकार का होता है। इसको हाथ से पकड़कर एक समतल पैड पर सरकाया जाता है, जिसे माउस पैड कहते हैं। माउस में नीचे की ओर पैड को छूती हुई एक बॉल या लेज़र सिस्टम होती है। जब माउस सरकाया जाता है, तो यह बॉल घूमती है। माउस के ऊपर दो बटन भी लगे होते हैं जिन्हें बायाँ और दायाँ बटन कहा जाता है। हम इन बटनों को दबा कर कम्प्यूटर को इनपुट देते हैं।
मॉनिटर के पर्दे पर एक ऊपर उठे हुए तिरछे तीर जैसा चिह्न होता है, जिसे माउस प्वॉइण्टर कहा जाता है। यह प्वॉइण्टर माउस की हलचल के अनुसार ही हलचल करता है। जब माउस को उसके पैड पर सरकाया जाता है, तब माउस प्वॉइण्टर भी पर्दे पर उसी दिशा में सरकता है। माउस को सरकाकर माउस प्वॉइण्टर को स्क्रीन पर कहीं भी लाया जा सकता है। माउस प्वॉइण्टर का रूप उसकी स्थिति और प्रोग्राम के अनुसार बदलता रहता है।

माउस के साथ कई क्रियाएँ की जाती हैं। जब माउस को सरकाकर माउस प्वॉइण्टर को स्क्रीन के किसी विशेष स्थान पर लाते हैं, तो उसे प्वॉइण्ट करना कहा जाता है। माउस के बाएँ बटन को एक बार दबाकर छोड़ देने की क्रिया को क्लिक करना कहा जाता है जब बाएँ बटन को जल्दी-जल्दी दो बार क्लिक करते हैं, तो इस क्रिया को डबल-क्लिक करना कहा जाता है।
कभी-कभी दाएँ बटन को भी क्लिक किया जाता है। इस क्रिया को दायाँ क्लिक करना (Right Clicking) कहते हैं। इसकी आवश्यकता प्राय: विंडोज आधारित प्रोग्रामों में होती है।
हम मॉनीटर की स्क्रीन पर बनी हुई किसी भी वस्तु पर माउस प्वॉइण्टर लाकर और क्लिक करके उस वस्तु को चुन सकते हैं। कभी-कभी स्क्रीन की किसी वस्तु को माउस प्वॉइण्टर द्वारा चुनते हुए बायाँ बटन दबाकर पकड़ लेते हैं और बटन दबाए रखते हुए माउस प्वॉइण्टर को सरकाते हैं। इससे वह चुनी हुई वस्तु भी साथ-ही-साथ सरकती है। इस क्रिया को खींचना या ड्रैगिंग कहा जाता है।
जब हम माउस प्वॉइण्टर द्वारा किसी वस्तु को एक स्थान से खींचकर दूसरे स्थान पर छोड़ते हैं, तो इस क्रिया को छोड़ना या ड्रॉपिंग कहा जाता है। इन क्रियाओं की आवश्यकता भी विंडोज में या विंडोज आधारित प्रोग्रामों पर कार्य करते समय होती है।
माउस का प्रयोग ज्यादातर विंडोज, डेस्कटॉप प्रकाशन (Desk top Publishing) तथा ग्राफिक्स आदि ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस आधारित प्रोग्रामों अथवा कार्यों में अनिवार्य रूप से किया जाता है।
लाइट पेन Light Pen
यह भी जॉयस्टिक और माउस की भाँति एक प्वॉइंटिंग उपकरण होता है, जो एक साधारण बॉलपेन की तरह दिखाई देता है। इसके एक सिरे पर एक पतली पिन या सुई होती है और दूसरे सिरे से तार निकलकर कम्प्यूटर से जुड़ा होता है। इसका प्रयोग एक विशेष प्रकार की लिखने की सतह के साथ किया जाता है।

इसको साधारण पेन की तरह हाथ से पकड़कर या तो किसी विशेष सतह पर या मॉनीटर की स्क्रीन पर किसी बिन्दु पर रखा जाता है। इसकी सुई में से निकली प्रकाश की बौछार से स्क्रीन पर बिन्दु बन जाते हैं। हम जो कुछ भी इस पेन से लिखते हैं या चित्र बनाते हैं, वह उसी रूप में कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिखाई पड़ता है।
यह चित्रकारों तथा डिजाइनरों के लिए बहुत उपयोगी उपकरण है। इसे चुम्बकीय छड़ी (Magnetic Stick) भी कहा जाता है। इसका प्रयोग प्रायः कम्प्यूटर एडेड डिजाइनिंग जैसे कार्यों में किया जाता है।
जॉयस्टिक Joystick
यह एक गोलाकार गेंद के ऊपर लगी हुई एक छड़ी या मूठ होती है, जिससे उस गेंद को उसके सॉकेट के अन्दर घुमाया जाता है। जॉयस्टिक की सहायता से हम स्क्रीन पर चलती हुई किसी वस्तु की दिशा बदल सकते हैं तथा उसे आगे-पीछे या ऊपर नीचे ले जा सकते हैं।

जॉयस्टिक में एक बटन भी लगा होता है, जिसे पुश बटन या फायर बटन कहा जाता है। जायॅस्टिक का प्रयोग प्रायः कम्प्यूटर पर वीडियो गेम खेलने में किया जाता है और फायर बटन को दबाकर आदेश दिया जाता है।
ट्रैक बॉल Track Ball

इसे रॉलर बॉल (Roller Ball) भी कहा जाता है। यह भी माउस की तरह एक प्वॉइंटिंग उपकरण होता है इसमें एक गेंद होती है, जिस अँगुलियों द्वारा घुमाया जाता है। जिस दिशा में यह गेंद घूमती है, उसी दिशा में स्क्रीन पर इसका प्वॉइण्टर घूमता है। इसमें भी माउस की तरह दाएँ और बाएँ दो बटन लगे होते हैं। ट्रैकर बॉल प्रायः लैपटॉप कम्प्यूटरों के की-बोर्ड में लगी होती है। यह अलग से भी उपलब्ध होती है।