बिटकॉइन दुनिया में सबसे लोकप्रिय डिजिटल मुद्रा में से एक है और इसे डिजिटल गोल्ड भी कहा जाता है। यह तेजी से कई देशों में भुगतान करने मुख्यधारा का एक तरीका भी बन रहा है।
बिटकॉइन को अब लगभग एक दशक से भी अधिक हो गया है और यह समय के साथ साथ और भी लोकप्रिय होते जा रहा है। इसके साथ ही बिटकॉइन का मूल्य भी पिछले कुछ वर्षों में बहुत तेजी से बढ़ा है, जिसका मतलब है कि लोग पहले की तुलना में अब बिटकॉइन पर अधिक निवेश करने को तैयार हैं। तो, चलिए जानें बिटकॉइन क्या है :
Table of contents
- बिटकॉइन क्या है (What is Bitcoin in Hindi)
- बिटकॉइन को किसने बनाया?
- दुनिया का पहला क्रिप्टोकरेंसी
- बिटकॉइन की टोटल सप्लाई कितनी है?
- बिटकॉइन कैसे प्रोड्यूस होता है?
- Bitcoin में व्यापार कैसे करते हैं?
- Bitcoin का रेट
- बिटकॉइन वॉलेट क्या है?
- बिटकॉइन माइनर क्या होता है?
- सुरक्षित है बिटकॉइन में निवेश करना
- बिटकॉइन कैसे खरीदें?
- बजट 2022 में क्रिप्टो टैक्स पर केंद्र सरकार का एलान
- भारत में बिटकॉइन का भविष्य
- बिटकॉइन के उपयोग
- बिटकॉइन के लाभ
- बिटकॉइन के नुकसान
- FAQs
बिटकॉइन क्या है (What is Bitcoin in Hindi)
बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है जिसे आभाषी मुद्रा भी कहते है। एक विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा होने की वजह से यह किसी देश या केंद्रीय बैंक से सम्बन्ध नहीं रखता और ना ही यह किसी सरकार द्वारा जारी या विनियमित (Regulate) की जाती है। इसका कोई भौतिक (Physical) प्रतिनिधित्व (Representation) नहीं है इसलिए इसे डिजिटल मुद्रा का रूप कहा जाता है। यह 2009 में बनाया गया था, लेकिन Cryptocurrency का विचार 1990 के दशक से है।
Bitcoin को सुरक्षित और गुमनाम (Anonymous) होने के लिए की तैयार किया गया था। यह एक गणितीय सूत्र (Mathematical formula) का उपयोग करके बनाया गया है और इसे किसी केंद्रीय प्राधिकरण (Authority) द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
नया बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी जारी करने या लेन-देन पर नज़र रखने के लिए किसी केंद्रीय प्राधिकरण (Authority) की आवश्यकता नहीं है। बिटकॉइन पियर टू पियर नेटवर्क और क्रिप्टोग्राफिक तकनीक पर निर्भर करता है, जिसकी वजह से यह किसी अस्थिर अर्थव्यवस्था वाले देशों में रहने वाले लोगों के लिए उनकी मुद्रा के जगह व्यकल्पिक रूप में इस्तेमाल की जा सकती है।
इसके लेन-देन को ब्लॉकचेन नामक एक सार्वजनिक बहीखाता में दर्ज किया जाता है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है कि लेनदेन सुरक्षित हैं और उनके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।
बिटकॉइन को किसने बनाया?
Bitcoin को साल 2009 में सातोशी नाकामोटो नाम के किसी अनजान व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा बनाया गया था। हालाँकि बिटकॉइन की अवधारणा (Concept) को 2008 में सातोशी नाकामोटो द्वारा पेश किया गया था, जिन्होंने अपने आविष्कार को ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में पेश किया गया था।
बिटकॉइन को बनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य था एक “पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम” बनाना।
दुनिया का पहला क्रिप्टोकरेंसी
बिटकॉइन पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा होने के साथ यह कुल बाजार मूल्य के मामले में सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी भी है। विकेन्द्रीकृत का अर्थ है कि यह किसी भी सरकार कंपनी या बैंकों द्वारा नियंत्रित नहीं है।
बिटकॉइन की टोटल सप्लाई कितनी है?
पूरी दुनिया में बिटकॉइन की कुल आपूर्ति (Total Supply) 21 मिलियन यानि 2.1 करोड़ है लेकिन अभी तक इसके 18.6 मिलियन BTC माइन हो पाया है शेष 2.3 मिलियन किया जा रहा है। जिसे माइन करने में लगभन 120 साल लग सकते है जो साल 2140 के आसपास सभी Bitcoin ट्रेडिंग और इस्तेमाल के लिए मौजूद होंगे। अर्थात अब तक लगभग 90 प्रतिशत बाजार में मौजूद है और 10 प्रतिशत किया जाना है।
लेकिन हैरान करने वाली बात तो ये है 90% बिटकॉइन के लिए 10 साल का समय लगा और 10 प्रतिशत माइन करने में 120 साल लग सकते है। सबसे जिसका सबसे मुख्य कारन है बिटकॉइन माइनिंग की डिफिकल्टी का बढ़ते जाना।
बिटकॉइन कैसे प्रोड्यूस होता है?
बिटकॉइन बनाने (Generate) के लिए बिटकॉइन माइनिंग की जाती है। Bitcoin माइनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिये लोग एक विशेष प्रकार के कम्पूटरो के माध्यम से जटिल गणितीय समस्याओ को हल करते है जिसके परिणाम स्वरुप उन्हें पुरूस्कार (Reward) के रूप में बिटकॉइन मिलता है। चुकीं इन कम्प्यूटरों के जरिये इन समस्याओ का हल होता है इसलिए इन्हे माइनर्स कहा जाता है।
Bitcoin में व्यापार कैसे करते हैं?
बिटकॉइन को असल मुद्राओं के व्यकल्पिक रूप में बनाया गया था जिसके वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) में किसी भी तीसरे पक्ष जैसे व्यक्ति, संस्था, समूह, बैंक, या सरकार का नियंत्रण न हो और स्वतः संचालित हो सके। यह ब्लॉकचेन पर माइनर को लेन देन सत्यापित करने के लिए पुरुस्कार के तौर पर प्राप्त होता है तथा, Wazirx जैसे विभिन्न ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से बिटकॉइन का कारोबार किया जा सकता है।
Bitcoin का रेट
बिटकॉइन की कोई निश्चित मूल्य नहीं है, लेकिन इसका अन्य मुद्राओं, वस्तुओं, सेवाओं और उत्पादों के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है, जिसके कारण इसकी मूल्य तय होती है। बिटकॉइन 2009 से प्रचलन में है और आज, एक बिटकॉइन की कीमत लगभग $23,000 USD से भी अधिक है।
बिटकॉइन वॉलेट क्या है?
बिटकॉइन वॉलेट वे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या डिवाइस होते है जो बिटकॉइन को रखने वॉलेट की तरह कार्य है जैसे की हम असल जीवन में वॉलेट का इस्तेमाल कार्ड्स या पैसे रखने के लिए करते है। Bitcoin वॉलेट में एक यूनिक एड्रेस होता है जिसके जरिये वॉलेट की सहायता से बिटकॉइन भेजे व प्राप्त होते है।
इन वॉलेट में सुरक्षा के लिए एक प्राइवेट की होते है जो वॉलेट के एड्रेस से मेल खाती है। बिटकॉइन वॉलेट डेस्कटॉप, वेब, मोबाइल और हार्डवेयर प्रकार में उपलब्ध होते है।
बिटकॉइन माइनर क्या होता है?
माइनर्स उन विशेष कम्पूटरो को कहा जाता है जिनसे माइनिंग की जाती है। बिटकॉइन माइनिंग ब्लॉकचेन, क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन नेटवर्क का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। क्योकि यह नेटवर्क पर होने वाले सभी लेन देन को ट्रैक करने में मदद करता है और सुनिश्चित करता है कोई भी दूसरा खर्चा ना हो। बिटकॉइन नेटवर्क में होने वाले ट्रांसक्शन माइनिंग की वजह से ही प्रोसेस हो पाते इसलिए माइनर्स को फीस के रूप में बिटकॉइन प्राप्त होते है।
सुरक्षित है बिटकॉइन में निवेश करना
आज के समय में क्रिप्टो में निवश की बात की जाए तो बिटकॉइन सबसे सुरक्षित है क्योकि यह दूसरे क्रिप्टो की तुलना में कम अस्थिर (volatile) है। क्रिप्टो विशेषज्ञों की माने तो आने वाले कुछ सालो में बिटकॉइन में भारी बढ़ोतरी देखी जा सकती है। अगर आप क्रिप्टो में निवेश की शुरुवात करना चाहते है तो Bitcoin से कर सकते है लेकिन निवेश करने से पहले इसके जोखिमों के बारे में जानकारी जरूर लें।
बिटकॉइन कैसे खरीदें?
बिटकॉइन खरीदना बेहद ही आसान है, आप बिटकॉइन को किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज पर बड़े ही आसानी से अपने डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और UPI पेमेंट साधनो का इस्तेमाल करके भारतीय रूपये के बदले में बिटकॉइन खरीद सकते है।
देश के कुछ लोकप्रिय क्रिप्टो एक्सचेंज है WazirX, ZebPay, CoinDCX इत्यादि। बिटकॉइन खरीदने के लिए सबसे पहले आपको क्रिप्टो एक्सचेंज पर अपनी आईडी बनानी होगी जो की आप अपने मोबाइल नंबर और ईमेल भरकर कर सकते है। इसके बाद आपको KYC पूरा करना होगा जिसमे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता नंबर जैसी जानकारिया मांगी जाती है।
बजट 2022 में क्रिप्टो टैक्स पर केंद्र सरकार का एलान
साल 2022 के बजट सत्र में भारत सरकार ने फैसला किया की सभी क्रिप्टोकरेंसी के लाभ में 30 प्रतिशत का टैक्स लिया जाएगा। लेकिन इनमे होने वाले नुकसान को टैक्स में कोई भी छूट नहीं मिलेगा। ये 30 प्रतिशत टैक्स क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने वाले पर भी लागू होंगे यानि जो लोग सेलरी या माइनिंग से क्रिप्टो कमाते है।
भारत में बिटकॉइन का भविष्य
बिटकॉइन या क्रिप्टो को लेकर भारत सरकार बहुत सख्त है। सरकार वर्तमान में इसे डिजिटल मुद्रा या निवेश करने के तरीको से तो बिलकुल नहीं देखती। साथ ही रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया भी इसे बैन करने की मांग करते रहता है। आज के समय में क्रिप्टो पर लेन देन करने पर लगभग 30% टैक्स और 1% टीडीएस का प्रावधान है। कई मामलो में तो टीडीएस 5% तक ली जाती है।
इसके प्रॉफिट में लगने वाले 30% टैक्स एमपीएल जैसे बैटिंग प्लेटफार्म में लगाए जाते है। मतलब सरकार इसे एक बैटिंग प्लेटफार्म की तरह ही देखती है। जो की देश में क्रिप्टो के भविष्य के लिए बिलकुल ठीक बात नहीं है।
बिटकॉइन के उपयोग
बिटकॉइन दुनिया में सबसे बड़ी वित्तीय सेवा है जिसे कम शुल्क में पैसे लेन देन करने, दूसरे देश पैसे भेजने, NFT खरीदने, प्रोडक्ट या सर्विस खरीदने तथा ब्याज व मुनाफा कमाने के लिए उपयोग किया जाता है।
बिटकॉइन के लाभ
ब्लॉकचेन को दुनिया कि सबसे बड़ी वित्तीय सेवा कही जाती है। BTC भी इसी तकनीक पर आधारित है जिसकी वजह से इसके इस्तेमाल से कई देशो में ऑनलाइन शॉपिंग, क्रॉस बॉर्डर रेमिटेंस, टिकट, होटल बुकिंग की जा सकती है। आइये इसके उपयोग के कुछ प्रमुख लाभ को देखें :
अभेद्य सुरक्षा
यह विकेन्द्रीकृत मुद्रा प्रणाली है। जो की आभाषी रूप में होती और इसके सभी ट्रांसक्शन की जांच व्यक्तिगत रूप से पुरे होते है जिसके कारण इसे हैक करना लगभग नामुमकिन होता है। इसमें होने वाले सभी ट्रांसक्शन की जानकारी जांचने के ब्लॉकचेन बहीखाते में हमेशा के सुरक्षित हो जाती है जो की यह सुनिश्चित करता है सुरक्षित तरीके के ट्रांसक्शन पूरा होगा।
तेज पेमेंट सिस्टम
बिटकॉइन के ट्रांसक्शन को पूरा होने में 10 मिनट से कुछ घंटे ही लगते है। लेकिन यही गति दुनिया में कही भी बिटकॉइन भेजने पर भी लागू होते है जो की बैंको की तुलना में दूसरे देश पैसे भेजने की गति से बहुत तेज है क्योकि बैंकों में तो इंटरनेशनल ट्रांसक्शन को जांचने में बैंक कुछ दिनों का लेते है।
बिटकॉइन को ट्रेस करना
बिटकॉइन के ट्रांसक्शन को ट्रेस किया जा सकता है जैसे की बैंकिंग सेवाओं के एप्लीकेशन के माद्यम से ट्रांसक्शन को देखा जा सकता है। ठीक उसी तरह ब्लॉकचेन की मदद से बिटकॉइन वॉलेट से की गई ट्रांसक्शन को ट्रेस और उसकी स्थिति देखि जा सकती है।
बिटकॉइन के नुकसान
Bitcoin के हजारो फायदे हो सकते है लेकिन इसके बहुत से नुकसान भी है जैसे इसका इस्तेमाल पूरी तरह इंटरनेट पर निर्भर करता है। आज भी बिटकॉइन में बहुत विकास होने है इसके ट्रांसक्शन की गति माइनिंग और नेटवर्क में भीड़ की स्थिति पर निर्भर करता है। तो आइये जाने इसके कुछ प्रमुख नुकसानों को :
बिटकॉइन का उपयोग कानूनी ना होना
एल सल्वाडोर देश में बिटकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा दिया गया है यानी इसे उस देश में किसी भी चीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन बिटकॉइन का इस्तेमाल कई देशो में बैन है उदाहारण के तौर पर भारत में इसे किसी भी वास्तु या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। कई देशो में
माइनिंग में हाई क्वालिटी रिग का इस्तेमाल
क्रिप्टोकरेंसी के माइनिंग में हाई कॉलिटी रिग और कम्प्यूटर प्रोसेससरो का इस्तेमाल किया जाता है जिसके लिए अत्यधिक विद्युत् क्षमता की आवश्यकता होती है जो की बिजली खपत के मामले में बड़े बड़े देशो की गंभीर समस्या का मुख्य कारण बनते जा रहा है।
ट्रांसक्शन के बाद वापस नहीं लाया जा सकता
बैंक खातों में अगर धोखे से गलत ट्रांसक्शन हो जाए तो बैंक में पैसे वापस लाने के आवेदन किया जा सकता है। लेकिन बिटकॉइन में ऐसा नहीं होता अगर आप गलती से गलत ट्रांसक्शन कर देते है तो आप जान भी नहीं पाएंगे की आप किस नाम के व्यक्ति के वॉलेट में बिटकॉइन भेजे है।
FAQs
ऑनलाइन बिटकॉइन कई तरीको से कमाया जा सकता है। लेकिन कुछ लोकप्रिय तरीके है गेम्स, वेबसाइट, शॉप एंड अर्न, BTC लेंडिंग, माइनिंग, ट्रेडिंग इत्यादि।
बिटकॉइन की सबसे ख़ास बात यह है की ये एक विकेन्द्रीकृत मुद्रा है और ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है जिसे आसानी से हैक नहीं किया जा सकता। अर्थात सुरक्षा और गोपनीयता की दृस्टि से बेहतर साधन है।
गेम्स, वेबसाइट, शॉप एंड अर्न, BTC लेंडिंग जैसे प्रोग्राम जो रिवॉर्ड के रूप में बिटकॉइन देते है। इसके अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज के रेफरल प्रोग्राम के जरिये भी अच्छा खासा बिटकॉइन मिल सकता है।
आप क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स में बिटकॉइन लेंडिंग प्रोग्राम्स के जरिये अपने बिटकॉइन पर ब्याज कमा सकते है।
भारत सरकार बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी को ना ही मुद्रा मानती है और ना ही इसे एसेट के रूप में दर्जा दिया है। भारत सरकार केवल RBI के द्वारा जारी किये गए निवेश माध्यमों को ही लीगल मानती है। इस तरह देखा जाए तो क्रिप्टो ना ही लीगल है और ना ही इल्लीगल।
बिटकॉइन ही क्रिप्टो के लिस्ट में पहले पायदान पर है तथा यह दूसरे क्रिप्टो के मुकाबले कम अस्थिर है।
बिटकॉइन को अनजान सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति या समूह ने बनाया था।
आशा है इस लेख को पढ़कर आपने बिटकॉइन क्या होता है (Bitcoin kya hai) और कैसे काम करता है जान लिए होगा। अगर इस विषय में आप हमें कोई सुझाव साझा करने चाहते है तो कृपया कमेंट के जरिये अपने विचार साझा करें।