फोन उठाने पर हम Hello क्यों बोलते हैं? जानें, दिलचस्प कहानी

फोन का जवाब देते समय हम Hello क्यों कहते हैं? इस बात को लेकर इंटरनेट पर ढेरों अपवाहें फैली हुई है। टेलीफोन का आविष्कार किसने किया यह तो आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आप जानते है की हम फ़ोन पर hello ही क्यों बोलते है, तो आइये इस लेख के माध्यम से फोन पे Hello बोलने के पीछे की दिलचस्प कहानी के बारे में जानें।

क्या ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम हैलो था

अक्सर कहा जाता है कि टेलीफोन के आविष्कारक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार करने के बाद सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड ‘मारगेट हैलो’ को फोन लगाया और टेलीफोन में सबसे पहले उनका नाम ‘हैलो’ लिया, और इसी घटना के कारण फोन पर हैलो बोलने की शुरुआत हुई। लेकिन यह केवल अपवाह मात्र है क्योकि इसका कोई पुख्ता सबूत मौजूद नहीं है।

ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम

ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम मैबेल गार्डिनर हब्बर्ड (Mabel Gardiner Hubbard) था। जिनसे उन्होंने साल 1877 में शादी की जिसके बाद उनका नाम मैबेल हब्‍बर्ड बेल हो गया।

Telephone पर बोला गया पहला शब्द

दूसरी बात, एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्राहम बेल ने अपने टेलीफ़ोन कॉल के दौरान कभी Hello शब्द का प्रयोग ही नहीं किया था। उन्होंने फ़ोन पर सबसे पहले अपने असिस्टेंट ‘थॉमस वॉटसन’ से बात की थी जिसमें उन्होंने “Come-here. I want to see you.” बोला था।

Ahoy शब्द का उपयोग

ऐसा कहा जाता है की ग्राहम बेल टेलीफोन पर बात करते वक्त Ahoy शब्द का प्रयोग करते थे। लेकिन पहली बार लोगो के पास टेलीफोन आने के बाद वे बात करते वक्त उनकी आवाज सामने वाले को सुनाई दे रही है या नहीं यह जानने के लिए सबसे पहले Are you there शब्द का इस्तेमाल किया करते थे।

वैसे टेलीफोन पर हेलो शब्द का प्रयोग ग़लतफ़हमी के वजह से ही प्रचलन में आया। उन दिनों टेलीफोन पर Ahoy बोला जाता था लेकिन एक बार मशहूर वैज्ञानिक थॉमस एडिसन (Thomas Edison) ने Ahoy शब्द को गलती से हेलो सुन बैठे और जवाब में Ahoy की जगह हेलो बोल दिए।

फोन पर Hello क्यों बोलते हैं?

और कहा जाता है की Are you there… जैसे लम्बे शब्द बोलना एडिसन को बिलकुल भी पसंद नहीं था। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ हेलो शब्द के रहस्य के बारे में जांच कर रहे कुछ शोधकर्ताओं कोएनिग्सबर्ग (Koenigsberg) को मैनहट्टन में अमेरिकी टेलीफोन और टेलीग्राफ कंपनी के अभिलेखागार में ले जाया जंहा उन्हें दिनांक 15 अगस्त, 1877 की तारीख में लिखा गया थॉमस एडिसन का एक अप्रकाशित पत्र मिला।

उस पत्र में एडिशन ने पिट्सबर्ग की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलीग्राफ कंपनी के अध्यक्ष टीबीए डेविड को संबोधित करते हुए लिखा है की टेलीफोन पर हेलो शब्द को स्वागत के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।

उन दिनों टीबीए डेविड शहर में टेलीफोन पेश करने की तैयारी कर रहे थे। पत्र मिलने के बाद एडिशन के प्रस्ताव को मान लिया गया था। इस तरह से हेलो शब्द का प्रयोग टेलीफोन पर अभिवादन के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।

प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद थॉमस एडिशन ने अपनी पहली फ़ोन पर बातचीत के वक्त हेलो शब्द का ही प्रयोग किया था। इसके अलावा टेलीफोन एक्सचेंज में काम करने वाली ऑपरेटरों को उन दिनों ‘हेलो गर्ल्स’ कहा जाने लगा।

Hello का मतलब क्या है?

“हैलो” शब्द मूल रूप से अभिवादन या स्वागत को अभिव्यक्ति करता है। हिंदी में इसका अर्थ नमस्ते, नमस्कार और सलाम होता है। और फ़ोन कॉल पर हेलो का अर्थ ‘सुनिए’ होता है।

इस शब्द का उपयोग विभिन्न संदर्भों में किया जा सकता है, चाहे वह किसी की उपस्थिति को स्वीकार करना हो, बातचीत शुरू करना हो, या मित्रता और विनम्रता व्यक्त करना हो।

दिलचस्प बात यह है कि “हैलो” शब्द की उत्पत्ति टेलीफोन अभिवादन के रूप में हुआ था। इससे पहले, यह व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला अभिवादन नहीं था। माना जाता है कि यह पुराने अंग्रेजी शब्द “हुलान” से लिया गया है, जिसका अर्थ सलाम करना या ठीक करना होता है।

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