Compiler और Interpreter में अंतर

Compiler और Interpreter दोनों का काम High Level Language में लिखे गए Program को Machine Language में बदलना है, पर कार्य पद्धति के आधार पर दोनों में कुछ अंतर है। इस लेख के माध्यम से आज आप जानेंगे Compiler और Interpreter में क्या अंतर है?

Compiler

Compiler का मुख्य काम दिए गए एक source code को machine code में बदलना होता है। जब हम किसी programming language में code लिखते हैं, तो वह code human-readable language होता है, जो कि computers को समझ में नहीं आता।

Compiler source code को इस तरह बदलता है कि कंप्यूटर इसे समझ सके। इस प्रक्रिया में, कम्पाइलर स्रोत कोड की संरचना और व्याकरण को जांचता है और फिर उसे machine code में बदलता है जो कि computers को समझ में आता है।

कम्पाइलर एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है, जो programming language को संचालित करने में मदद करता है। Compiler के बिना, हम कोई भी programming language का उपयोग नहीं कर सकते हैं।

Interpreter

Interpreter भी programming language translator सॉफ्टवेयर है, जो source code को machine code में बदलता है।

Interpreter का मुख्य काम होता है source code को बारी-बारी संचालित करना। यह source code को एक line या statement को एक machine code instruction में बदलता है और उसे तुरंत execute करता है। यह process एक line या statement को execute करते समय errors को भी पता लगाता है।

Interpreter एक high-level programming language के source code को machine code में बदलता है, जो कि उस language के rules के अनुसार execute होता है। Interpreter एक real-time debugging environment का भी काम करता है जिससे programmer errors को तुरंत पता चलता है और उन्हें सुधारने में मदद मिलती है।

एक interpreter का उपयोग कई programming languages में होता है, जिनमें Python और Ruby शामिल हैं।

Compiler और Interpreter में अंतर

CompilerInterpreter
कम्पाइलर पूरे प्रोग्राम को एक साथ परिवर्तित करता है।यह प्रोग्राम को एक-एक लाइन कर अनुवादित करता है।
पूरे प्रोग्राम को Machine Language में परिवर्तित कर सभी गलतियां एक साथ बताता है।एक लाइन को Machine Language में परिवर्तित कर उसकी गलतियां बताता है तथा उस गलती के ठीक हो जाने पर ही आगे बढ़ता है।
प्रोग्राम को मशीन भाषा में परिवर्तित करता है, लेकिन इसे निष्पादित (execute) नहीं करता है।प्रोग्राम को मशीन भाषा में परिवर्तित कर उसे निष्पादित (execute) भी करता है।
कम्पाइलर का आउटपुट मशीन भाषा का ऑब्जेक्ट कोड होता है।Interpreter का आउटपुट सॉफ्टवेयर क्रियान्वयन का परिणाम होता है।
एक बार अनुवाद हो जाने के बाद प्रोग्राम को निष्पादित (execute) करने के लिए कंपाइलर सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं होती।प्रोग्राम को निष्पादित (execute) करने के लिए सॉफ्टवेयर को प्रत्येक बार Interpreter से होकर गुजरना पड़ता है अतः हर बार Interpreter सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है।
अशुद्धियों को हटाने में धीमा होता है।अशुद्धियों को हटाने में तीव्र होता है।
संपादित (edit) करने में कम समय लगता है।संपादित (edit) करने में अधिक समय लगता है।
Compiler और Interpreter में अंतर

निष्कर्ष

Compiler और Interpreter दोनों programming languages को संचालित करने में मदद करने वाले सॉफ्टवेयर हैं, लेकिन इन दोनों में अंतर होता है।

Compiler source code को एक बार compile करता है और उसे machine code में बदलता है, जो कि बाद में बार-बार execute किया जा सकता है। इसके बाद, यदि code में कोई भी त्रुटि होती है, तो हमें उसको debug करने के लिए compile करने की जरूरत होती है।

वहीं, Interpreter source code को बार-बार execute करता है, इसके लिए उसे source code को machine code में बदलने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए, interpreter की मदद से हम त्रुटियों को संशोधित करने और परीक्षण करने के लिए अपनी code को संचालित कर सकते हैं।

कुल मिलाकर, compiler और interpreter दोनों के अपने अंतर होते हैं जो कि source code को machine code में बदलने की विधि में, code को संचालित करने की तरीके में और debugging के लिए उपलब्ध सुविधाओं में होते हैं।

FAQs

प्रमुख कंपाइलर के नाम ?

प्रमुख कंपाइलर के नाम है – Turbo C, GCC, Clang, Tiny C.

Programming language translator सॉफ्टवेयर के नाम ?

Programming language translator सॉफ्टवेयर के नाम Compiler और Interpreter है।

निवेदन – उम्मीद है कि आपको यह लेख (Compiler और Interpreter में क्या अंतर है? – what is the difference between Compiler and Interpreter) जरूर पसंद आया होगा।

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