जिस तरह से कंप्यूटर हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है उसी तरह उच्च कार्यक्षमता के कंप्यूटिंग पावर आज विज्ञान, रक्षा विभाग, इंजीनियरिंग और औद्योगिक क्षेत्रो में बेहतर विकास के लिए सबसे मुख्य उपकरण है। इनका उपयोग अब लगभग हर क्षेत्र जैसे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, वित्त और कई अन्य क्षेत्रों में भी किया जा रहा है।
आज सुपर कम्प्युटर्स के बिना किसी भी देश के आधुनिक भविष्य और विभिन्न क्षेत्रो में दूसरे देशों से प्रतिस्पर्था करने की कल्पना करना भी मुश्किल है। एक सुपर कंप्यूटर मूल रूप से बेहद ही शक्तिशाली कंप्यूटिंग पावर के होते क्योकि इसे बड़ी और बहुत जटिल समस्याओं पर काम करने के लिया बनाया जाता है। तो आइये जाने सुपर कंप्यूटर क्या है और इसकी शुरुवात कब हुई।
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सुपर कंप्यूटर क्या है?
सुपर कंप्यूटर दुनिया के सबसे तेज और अत्यंत शक्तिशाली कम्प्यूटरों को कहा जाता है जिनमें प्रति सेकंड खरबों गणनाएँ करने की क्षमता होती है। इनके प्रोसेसिंग क्षमता को फ्लॉप्स (FLOPS – FLoating point Operations Per Second) से मापा जाता है और एक सुपरकम्प्युटर में टेराफ्लॉप या पेटाफ्लॉप की गति होती है जिसके कारण ये प्रति सेकंड कई अरबों-खरबों निर्देशों को प्रोसेस कर सकते है। सुपर कंप्यूटर में पैरेलल प्रोसेसिंग का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे हजारों प्रोसेसरों को इस तरह आपस में जोड़ा जाता है की वे समानांतर कार्य कर सकें।
सुपर कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है, जिसमें बड़े डेटासेट की उच्च गति की गणना की आवश्यकता होती है, जैसे कि मौसम का पूर्वानुमान, जलवायु अनुसंधान, भौतिक सिमुलेशन, विमान और ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग के लिए डिजाइन कार्य, परमाणु हथियार सिमुलेशन, क्रिप्टोग्राफी, इत्यादि।
सुपर कंप्यूटर का उदाहरण है PARAM श्रृंखला के सुपरकम्प्युटर्स जिन्हे भारत में C-DAC (Center for Development of Advanced Computing) द्वारा पुणे में बनाया जाता है। इस श्रृंखला में PARAM-Siddhi AI सबसे आधुनिक सुपर कम्प्युटर है जिसे C-DAC में प्रयोग किया जाता है। PARAM-Siddhi AI की अधिकतम गणनाएँ करने की गति 4.6 पेटाफ्लॉप (PFLOPS) है।
सुपर कंप्यूटर का विकास
सुपर कंप्यूटर का अविष्कार एक ऐसे उपकरण के रूप में किया गया था जो वैज्ञानिकों और गणितज्ञों को जटिल समस्याएँ हल करने में मदद कर सके। सुपर कंप्यूटर शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1920 दशक के अंत में IBM द्वारा बनाये गए टेबुलेटर के लिए किया गया था। आगे चलकर इसका प्रयोग उस वक्त के सबसे तेज और शक्तिशाली कम्प्यूटरों के लिए किया जाने लगा।
दुनिया के सबसे पहले आधुनिक सुपर कंप्यूटर CDC 6600 को साल 1964 में बनाया गया जिसमे केवल एक ही CPU का इस्तेमाल किया था। यह प्रति सेकंड एक मिलियन से भी अधिक गणना करने में सक्षम था। CDC 6600 प्रारंभिक सुपरकम्प्युटर्स की तुलना में काफी छोटा था और इसे बनाने में लगभग 8 मिलियन डॉलर की लागत आई थी जो की वर्तमान में लगभग 60 डॉलर के आसपास होता।
CDC 6600 को बनाने में चार लाख ट्रांसिस्टर्स, नए कूलिंग सिस्टम और 160 किलोमीटर से भी अधिक की वायरिंग की गई थी। इसकी गति 40 Mhz थी और यह अधिकतम 3 मेगाफ्लॉप्स पर कार्य करता था जो कि उस समय के सबसे तेज कंप्यूटर से 10 गुना तेज था परन्तु वर्तमान के पर्सनल कंप्यूटर से काफी कम है। लेकिन उस वक्त से हिसाब से सबसे तेज और आधुनिक था।
CDC 6600 का डिजाइन सिमोर क्रे ने तैयार किया था लेकिन इसका निर्माण सिमोर क्रे और उसके टीम ने किया था। CDC (Control Data Corporation) की स्थापना सीमोर क्रे और विलियम नॉरिस ने मिलकर किया था।
सुपर कंप्यूटर कितने तेज होते है?
शीर्ष 500 सबसे शक्तिशाली सुपर कम्प्यूटर सूचि के जून 2022 संस्करण के आधार पर देखे तो दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर अमेरिका का Frontier है जिसकी गति 1102 PFlop/s (Rmax)और 1,685.65 PFlop/s (Rpeak) है।
इनकी प्रोसेसिंग क्षमता सभी प्रकार के कम्प्यूटरों से अधिक होते। अगर सुपर कम्प्युटर की तुलना पर्सनल कंप्यूटर से की जाए तो इसके कार्य करने की गति सबसे तेज लैपटॉप या डेस्कटॉप की तुलना में लगभग दस लाख गुना से भी अधिक प्रोसेसिंग क्षमता की होती हैं।
सुपर कंप्यूटर की विशेषताएं
- सुपर कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक संस्थानों, डेवलपमेंट फर्म, अनुसंधान संस्थानों और चिकित्सा संस्थानों में जटिल डेटा या अनुसंधान के लिए किया जा सकता है।
- सुपर कंप्यूटर बहुत ही जटिल गणनाओं की गणना कम समय में कर सकता है। जो की साधारण कंप्यूटर के प्रयोग से संभव नहीं हो सकते।
- सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल एक समय में एक साथ कई उपयोगकर्ता कर सकते है। यह दूसरे कम्प्यूटरों की तुलना में अत्यधिक महंगे होते है।
- इनका इस्तेमाल जिन ऍप्लिकेशन्स में रियल टाइम प्रोसेसिंग यानि त्वरित परिणाम की जरुरत होती उनमे प्रयोग किये जाते है।
- सुपर कंप्यूटर में एक से अधिक प्रोसेसर होते है इसलिए इनमे पैरेलल प्रोसेसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। जिस वजह से इसकी प्रोसेसिंग क्षमता भी बहुत अधिक होती है।
- ये आकार में बहुत बड़े होते है तथा इनमे अधिक बिजली की खपत होती है। इनके तापमान को स्थिर रखने के लिए इन्हे वातानुकूलित रूम में रखे जाते है।
इंडिया का पहला सुपर कंप्यूटर कौन सा है?
भारत के सबसे पहले सुपरकम्प्युटर का अनावरण 1 जुलाई 1991 में किया गया था जिसका नाम PARAM 8000 रखा गया। इसका इस्तेमाल देश में वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों के लिए किया जाता था। भारत के पहले सुपरकम्प्युटर को Centre for Development of Advanced Computing(C-DAC) द्वारा बनाया गया था जिसमे इस परियोजना का नेतृत्व विजय पाण्डुरंग भटकर ने किया था।
भारत का पहला सुपरकम्प्युटर परम 8000 है लेकिन दुनिया में सुपर कंप्यूटर की सूचि में आने वाला देश का पहला सुपर कंप्यूटर परम श्रृंखला के PARAM Padma है जिसकी गति 1024 GFLOPS की थी और इसे साल 2002 में बनाया गया था।
भारत के सुपर कंप्यूटर का नाम
भारत देश में सबसे तेज सुपर कम्पूटरो की सूचि में पहला नाम आता है PARAM-Siddhi AI का जिसे हाल ही में साल 2020 में बनाया गया। देश में सबसे तेज होने के साथ साथ यह दुनिया के शीर्ष 500 सबसे शक्तिशाली कम्पूटरो की सूचि में भी शामिल है और वर्तमान में यह दुनिया में 111 वे स्थान पर है। और इसका प्रयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग अनुसन्धानों में किया जाता है।
भारत में दूसरे और तीसरे स्थान में सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर है Pratyush और Mihir लेकिन PARAM-Siddhi से अधिक प्रोसेसिंग क्षमता पाने के लिए Pratyush और Mihir को आपस में जोड़कर एकसाथ उपयोग किया जाता है। अगर इस तरह अगर देखा जाए तो भारत का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर Pratyush और Mihir सुपर कम्प्यूटरों का मेल है।
सुपर कंप्यूटर Pratyush और Mihir के मेल को भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान ( IITM) और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) दोनों जगहों में साल 2018 से इस्तेमाल में लाया जा रहा है। उस वक्त Pratyush और Mihir को प्रत्येक संस्थान में स्थापित करने की लागत लगभग 440 करोड़ रुपए थी।
इनका उपयोग मौसम का पूर्वानुमान, मानसून, चक्रवात, भूकंप और दूसरे प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इनका प्रयोग वायु गुणवत्ता मापने, बाढ़, सूखे की भविष्यवाणी करने में भी किया जाता है।
Pratyush और Mihir सुपर कंप्यूटर भी दुनिया के शीर्ष 500 सबसे शक्तिशाली कम्पूटरो की सूचि में शामिल हैं। इस सूचि में Pratyush वर्तमान में 132 वे स्थान पर है जबकि Mihir 249 वे स्थान पर है। इन सबकी वर्तमान शीर्ष 500 की सूचि में स्थान जून 2022 में जारी की गई सूचि के आधार पर है। चूँकि यह एक सालाना सूचि है इसलिए इनके स्थान प्रत्येक सूचि में बदलते रहेंगे।
सुपर कंप्यूटर के उपयोग
शुरुवात में सुपर कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया जाता था लेकिन अब इसका उपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है क्योंकि सुपर कंप्यूटर कई उद्योगों के लिए एक आवश्यकता बन गए हैं। उनका उपयोग अब लगभग हर क्षेत्रों में बेहतर परिणाम और उच्च प्रतिस्पर्धा के कारण किया जा रहा है।
- सुपर कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान और कई उद्योगों में किया जाता है।
- सुपर कंप्यूटर का उपयोग अब लगभग हर क्षेत्र जैसे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, वित्त और कई अन्य क्षेत्रों में किया जा रहा है।
- सुपर कंप्यूटर का उपयोग विभिन्न घटनाओं के परिणाम का अनुकरण और भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है
- सुपर कंप्यूटर का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे मौसम पूर्वानुमान, जलवायु परिवर्तन अनुसंधान, परमाणु हथियारों के डिजाइन, खगोल भौतिकी और कई अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है।
- सुपर कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और गणितज्ञों द्वारा उपयोग किए जाते हैं।
- सुपर कंप्यूटर का उपयोग डेटा का विश्लेषण करने, समस्याओं को हल करने और भौतिक प्रणालियों के मॉडलिंग जैसे कार्यों के लिए किया जाता है।
- सुपर कंप्यूटर का उपयोग अंतरिक्ष अन्वेषण और डीएनए अनुक्रमण जैसे कार्यों के लिए किया जा सकता है।
- सुपर कंप्यूटर का उपयोग जटिल गणितीय गणनाओं, सिमुलेशन और अन्य अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है जिनके लिए गहन प्रसंस्करण शक्ति की आवश्यकता होती है।
FAQ
जून 2022 में जारी हुए शीर्ष 500 सबसे शक्तिशाली सुपर कम्प्यूटर की सूचि के आधार पर दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर अमेरिका का Frontier है जिसकी गति 1102 PFlop/s (Rmax)और 1,685.65 PFlop/s (Rpeak) है।