ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इस सदी की चुनिंदा टेक्नोलॉजी में से एक हैं। इस तकनीक के इस्तेमाल से साइबर अपराध एवं करप्शन को कम किया जा सकता हैं, वास्तव में यह वेब 3.0 की नींव है। इसलिए आपको इस तकनीक के बारे में जानने की जरूरत हैै, आज हम जानेंगे की ब्लॉकचेन क्या हैं? और बिटकॉइन और ब्लॉकचेन में क्या अंतर हैं?
Table of contents
- ब्लॉकचेन क्या हैं? (What is blockchain in hindi)
- क्रिप्टोग्राफी क्या हैं? (What is cryptography in hindi)
- हैश क्या है? (What is hash in hindi)
- ब्लॉकचेन कैसे काम करता है? (How does Blockchain work?)
- ब्लॉकचेन की विशेषताएं (Features of blockchain)
- ब्लॉकचेन और बिटकॉइन में अंतर (difference between blockchain and bitcoin)
- ब्लॉकचेन का इतिहास (History of blockchain)
- ब्लॉकचेन F&Q
ब्लॉकचेन क्या हैं? (What is blockchain in hindi)
ब्लॉकचेन एक विकेंद्रीकृत तकनीक है और क्रिप्टो करेंसी इस पर आधारित एक एप्लीकेशन है। ब्लॉकचेन तकनीक वितरित लेजर (distributed ledger) टेक्नोलॉजी का एक हिस्सा है, जँहा ब्लॉकचेन में डाटा को ब्लॉक्स में स्टोर किया जाता हैं। इसमें ब्लॉक्स की एक श्रेणी रहती है, जिनमें सूचनाएं होती है और ये सूचनाएं क्रिप्टोग्राफी के जरिए एनकोडेड होती हैं। सरल शब्दों में ब्लॉकचेन को इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस भी कहते हैं।
क्रिप्टोग्राफ़ी की बात करें तो यह डाटा को स्टोर करने और आगे ट्रांसमीट करने का एक तरीका हैं। अगर ब्लॉकचेन का प्रयोग पैसे ट्रांसफर के लिए किया जा रहा है तो ब्लॉक्स में सेंडर का नाम रिसीवर का नाम और अमाउंट की जानकारी होती है इसके अलावा ब्लॉक्स में एक हैश(HASH) भी होता है, हैश यूनिक आइडेंटिटी कार्ड्स को कहां जाता है। इस हैश की तुलना आप फिंगरप्रिंट से भी कर सकते हैं जैसे फिंगरप्रिंट यूनिक होता है वैसे ही हर हैश यूनिक होता हैं।
लेजर (ledger) P2P नेटवर्क पर आधारित होता है, अगर किसी एक ब्लॉक में बदलाव किया जाता है तो सारे नोड्स को लेजर के द्वारा पता चल जाता हैं। यह तकनीक विकेंद्रीकृत है, एक सिस्टम से पूरी चेन कनेक्ट नहीं होती बल्कि पूरी चेन के सारे सिस्टम एक-दूसरे से कनेक्ट होते हैं।
ब्लॉकचेन कई तरह के होते हैं जैसे कि पब्लिक ब्लॉकचेन इसमें सारी सूचनाएं सबके लिए ओपन होती है वहीं प्राइवेट ब्लॉकचेन को कुछ लोगों तक ही सीमित रखा जाता हैं। ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी का प्रयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है विभिन्न क्षेत्रों में इसका उपयोग किया जाता है जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, सिक्योरिटी, इत्यादि।
क्रिप्टो करेंसी, क्रिप्टो मेटावर्स और Non-Fungible Tokens (NFT) तीनो ब्लॉकचैन पर ही आधारित है जँहा NFTs ब्लॉकचैन में ही सुरक्षित रूप से संगृहीत किये जाते है जिस तरह क्रिप्टोकोरेंसी के सारे रिकॉर्ड होते है। जबकि ब्लॉकचैन तकनीक और क्रिप्टोकोर्रेंसी पर आधारित मेटावर्स यांनी आभाषी दुनिया को क्रिप्टो मेटावर्स कहते है।
क्रिप्टोग्राफी क्या हैं? (What is cryptography in hindi)
क्रिप्टोग्राफी सामान्य लेख को बायनरी (binary) रूप में परिवर्तित करता है यानी कि सिंपल शब्दों को अंको में परिवर्तित करता है, क्रिप्टोग्राफी के द्वारा डाटा को स्टोर किया जाता है एवं डाटा को ट्रांसमिट कराया जाता है, इसे किसी विशेष रूप में ही ट्रांसमिट किया जाता है। साथ ही जिस व्यक्ति को क्रिप्टोग्राफी के द्वारा डाटा भेजा जाता है केवल वे ही इसे समझ सकते हैं या Decode कर सकते हैं। यह डाटा को चोरी होने से बचाता है एवं पूरी तरह से डाटा को सुरक्षित रखता हैं।
हैश क्या है? (What is hash in hindi)
यूनिक आइडेंटिफायर कोड्स को हैश कहते हैं। जिस तरह से हर व्यक्ति का फिंगरप्रिंट अलग होता है उसी तरह से हैश भी अलग-अलग होता है। इसलिए इसे यूनिक कहते हैं। हैश को अंको और अल्फाबेट से निरूपित( represent) करते हैं। उदाहरण के तौर पर 11SY28T, हैश सभी ब्लॉक्स में होता है एवं सभी ब्लॉक्स हैश के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।
ब्लॉकचेन कैसे काम करता है? (How does Blockchain work?)
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ब्लॉक पर आधारित एवं कार्य करने वाला सिस्टम हैं। ब्लॉक में उपयोगकर्ता की जानकारी एवं ट्रांजैक्शन हिस्ट्री होती है, मान लीजिए कि 3 ब्लॉक होते हैं ये तीन ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते हैं इन तीनों में हैश होता है। अगर किसी भी ब्लॉक को बदला जाता है तो अन्य ब्लॉक को बदलावों का पता चल जाता है, कंप्यूटर के द्वारा करोड़ों अरबों हैश को कुछ सेकंड में ही कैलकुलेट किया जाता हैं।
ब्लॉकचेन को प्रूफ ऑफ वर्क भी कहते हैं। ब्लॉकचेन कंप्यूटर के द्वारा सारे कामों की सूची तैयार करके अपने पास स्टोर करता हैं। अगर कोई यूजर ट्रांजैक्शन करता है तो ट्रांजैक्शन किसके द्वारा किया गया है और ट्रांजैक्शन कहां किया गया है। इसके अलावा ट्रांजैक्शन की राशि को ब्लॉकचेन ब्लॉक के अंदर स्टोर करता हैं, आवश्यकता पड़ने पर ब्लॉक के डेटाबेस को देखा एवं पढ़ा जा सकता हैं।
ब्लॉकचेन की विशेषताएं (Features of blockchain)
Peer to peer ट्रांजैक्शन के चलते किसी थर्ड पार्टी का दखल खत्म हो जाता है जिससे किसी भी उद्योग या व्यापार के कीमत में कमी की जा सकती हैं। और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पूरी तरह से सुरक्षित है इसलिए इस पर भरोसा किया जा सकता हैं। इसके कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्न है।
- बैंकों में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके इस क्षेत्र में डाटा सिक्योरिटी, सर्विस डिलीवरी की गति, भ्रष्टाचार में कमी आदि की जा सकती हैं।
- ब्लॉकचेन के कारण डेटाबेस सुरक्षित रहता है एवं ट्रांजैक्शन समय में कमी आती हैं।
- ब्लॉकचेन तकनीक में एक बार होने वाले ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड को हटाया नहीं जा सकता, जिसके कारण इससे वर्तमान में होने वाले बड़े अपराधियों को रोका जा सकता हैं।
- ब्लॉकचेन के जरिए सारा डाटा एक जगह स्टोर हो सकेगा इसके साथ साथ हर रिकॉर्ड की जानकारी तुरंत हासिल करने की सहूलियत भी रहेगी।
- इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस होने के कारण पेपर वर्क कम होने से पर्यावरणीय स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- शिक्षा के क्षेत्र में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके पेपर लीक जैसे मामलों पर लगाम कसी जा सकती हैं।
ब्लॉकचेन और बिटकॉइन में अंतर (difference between blockchain and bitcoin)
कुछ लोग बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को लेकर अक्सर भ्रम में रहते है। ऐसे में इनके अंतर को भी जान लें।
Blockchain | Bitcoin |
---|---|
ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी का नाम हैं। | ब्लॉकचेन पर आधारित बिटकॉइन एक एप्लीकेशन हैं। |
ब्लॉकचेन को distributed database कहते हैं। | बिटकॉइन को क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। |
ब्लॉकचैन अंडरपिनिंग तकनीक हैं। | बिटकॉइन को खरीदा एवं बेचा जा सकता हैं। |
ब्लॉकचेन के अंदर ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री स्टोर रहती हैं। | बिटकॉइन को माइनिंग के द्वारा प्राप्त किया जाता हैं। |
ब्लॉकचेन का इतिहास (History of blockchain)
आज से लगभग 10 साल पहले प्रयोग में आई इस तकनीक ने पूरी दुनिया में क्रांति ला दी, सबसे पहले साल 1991 में क्रिप्टोग्राफी के बारे में Stuart Haber, W. Scott Stornetta और Dave Bayer ने बताया था, साल 2008 में सतोशी नाकामोटो नाम के वैज्ञानिक ने पहला ब्लॉकचेन डाटाबेस तैयार किया। साल 2009 के अंतराल नाकामोटो ने पहला पब्लिक लेजर ब्लॉकचेन बिटकॉइन के लिए बनाया।
इसके बाद साल 2014 में ब्लॉकचेन तकनीक में बिटकॉइन के भीतर अन्य क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों में बात की गई, समय के साथ टेक्नोलॉजी में बहुत सारे बदलाव किए गए और इस तकनीक ने बैंकिंग, पब्लिक रिकॉर्ड्स, लैंड डील जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला दी, बैंकिंग और पब्लिक रिकॉर्ड्स में सबसे बड़ी चुनौती है रिकॉर्ड्स को सुरक्षित रखने की पारदर्शिता और किसी भी तरह की जालसाजी को रोकना, ब्लॉकचेन की प्रक्रिया में इन सभी चुनौतियों का हल शामिल हैं।
ब्लॉकचेन F&Q
सुरक्षित हैं।
सतोशी नाकामोटो
ब्लॉक्स।
मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, सिक्योरिटी, इत्यादि।
1991
इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस।