साइबर क्राइम क्या है? और इसके प्रकार

जिस तरह से कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट के उपयोगकर्ता बढ़ रहे ही उसी तेजी से इनसे जुडी अपराधों की संख्या भी बढ़ रही है। इसलिए हम सभी को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक और सतर्क होना चाहिए।

साइबर अपराध क्या है?

कम्पूटर और नेटवर्क के जरिये की जाने वाली अवैध गतिविधियों जैसे ऑनलाइन ब्लैकमेल करना, धमकी देना, कंप्यूटर वायरस फैलाना, अनधिकृत पैसे ट्रांसफर करना, डाटा की चोरी, Phishing आदि को साइबर अपराध कहा जाता है।

ज्यादातर साइबर अपराध इंटरनेट के माध्यम से की जाती है। लेकिन मोबाइल फ़ोन पर एसएमएस, ऑनलाइन चैटिंग, फ़ोन कॉल्स और अन्य एप्लीकेशन के माध्यम से किये जाने वाले साइबर अपराधों की संख्या में भी भारी बढ़ोत्तरी हो रही है।

साइबर अपराध के प्रकार

वैसे तो साइबर क्राइम के दो मुख्य प्रकार होते है। जिसमे आपराधिक गतिविधियों से कम्प्यूटर, नेटवर्क्स और उपकरणों को निशाना बनाया जाता है और दूसरा जिसमे कम्प्यूटर और नेटवर्क के इस्तेमाल से सरकारों, संस्थाओ और उपभोक्ताओं को निशाना बनाकर उनसे लाभ लिया जाता है। बाकी दूसरे अधिकांश साइबर क्राइम इन्ही दो मुख्य प्रकारों के अंदर आते है। तो आइये जाने साइबर अपराध के कुछ प्रमुख प्रकारों के बारे में।

पहचान की चोरी (Identity Theft)

जब कोई किसी की व्यक्तिगत जानकारी उनके अनुबती के बिना ही इस्तेमाल करे अर्थात उनकी चोरी कर ले तो वह इस अपराध के अंतर्गत आता है। क्योकि अपराधी आपके पते, बैंक खाता नंबर, क्रेडिट कार्ड, CVV नंबर और आधार कार्ड जैसी जानकारियों को चुरा सकते है, जिसका इस्तेमाल वे अपनी जरूरतों और फायदे के लिए करते है। जैसे :

  • क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सर्विस या चीजे खरीदने में कर सकता है।
  • आपके नाम से नया क्रेडिट कार्ड बनवा सकता है।
  • आपके नाम से नया सिम कार्ड, बिजली कनेक्शन या गैस कनेक्शन ले सकता है।
  • आपके टैक्स रिफंड की चोरी कर सकता है।
  • अगर कही पकडे गए तो आपके नाम और पते का इस्तेमाल कर सकते है।

कंप्यूटर धोखाधड़ी / व्यक्तिगत अपराध

किसी भी डिजिटल माध्यम का प्रयोग करके व्यक्तिगत नुकसान पहुँचाना साइबर कंप्यूटर धोखाधड़ी / व्यक्तिगत अपराध कहलाता है। जैसे हैकर्स द्वारा अपने निजी फायदों के लिए जानबूझकर किसी के कंप्यूटर को हैक कर जानकारी चुराना। और अश्लील व आपत्तिजनक सामग्री तथा वायरस प्रसार के जरिये कंप्यूटर में अनधिकृत कब्ज़ा करना। या किसी भी अन्य प्रकार के हैकिंग क्रैकिंग व साइट्स हैकिंग में कम्पूटरो का प्रयोग करना आदि कंप्यूटर धोखाधड़ी और व्यक्तिगत अपराध की श्रेणी के अंतर्गत आता है।

किसी संस्था के विरुद्ध

ये किसी भी संस्था, सरकार, कंपनी और समूहों के खिलाफ किये जाने वाले अपराध होते है। इसमें भी हैकिंग, क्रैकिंग या किसी भी प्रकार के अवैध तरीको से जानकारी प्राप्त करना और उन्हें इनके खिलाफ इस्तेमाल करना संस्था के विरुद्ध किये जाने वाले साइबर अपराध कहलाते है।

समाज के विरुद्ध

समाज के विरुद्ध किये जाने वाले साइबर अपराध न ही किसी एक व्यक्ति को निशाना बनाकर किया जाता है और ना ही किसी संस्था को नुकसान पहुंचाने के उदेश्य वाले होते है। बल्कि इससे पुरे समाज को नुकसान होता है। इसका सबसे बड़ा उदहारण है अश्लील व आपत्तिजनक सामग्री और पोर्नोग्राफी शामिल होते है।

हैकिंग

सुचना प्रौद्योगिकी ऐक्ट 2000 तहत हैकिंग भी साइबर अपराध की श्रेणी के अंतर्गत आता है। इसके यदि कोई भी अनजाने में या जानबूझकर व्यक्ति, समाज या संस्था के कम्प्यूटरों, या डिजिटल उपकरणों को अनधिकृत तरीके पहुँच बनाते है या गलत कार्यो से नुकसान पहुंचाते है तो वे साइबर अपराधी होंगे।

इंटरनेट पर धोखाधड़ी

वर्तमान में इंटरनेट पर धोखाधड़ी सबसे चर्चित साइबर अपराध है इसके अंतर्गत कंपनियों और ठगों द्वारा किये जाने वाले झूठे और भ्रामक विज्ञापन शामिल होते है। जैसे कंपनियों द्वारा उत्पादों की जानकारी देना और इंटरनेट पर झूठे शॉपिंग वेबसाइट द्वारा ठगी करना शामिल है।

क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी

जिस तरह से देश व दुनिया में डिजिटल पेमेंट्स का प्रचलन बढ़ रहा है उसी गति से पेमेंट्स कार्ड यानि डेबिड कार्ड और क्रेडिट कार्ड से जुड़े धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे है। क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी में किसी दूसरे के कार्ड की जानकारी और नकली सिग्नेचर के जरिये अपराधी किसी सेवाओं व वस्तुए खरीदने के लिए उनके खाते से भुगतान करते है। इस तरह के धोखे से बचने के लिए सभी तरह के पेमेंट्स कार्ड में OTP सेवा लागु गया है लेकिन फिर भी ज्यादातर क्रेडिट कार्ड में केवल जानकारी भरने से ही प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

पोर्नोग्राफी

सुचना प्रौद्योगिकी एक्ट 2000 के अनुसार अश्लील और आपत्तिजनक सामग्रियों का किसी भी तरह से प्रसार प्रचार करना दंडनीय अपराध है। इसके तहत जो कोई भी दोषी पाया जाता है उसे 5 वर्ष की सजा और 1 लाख रुपए जर्मन का प्रावधान है और अगर वो व्यक्ति या समूह दूसरी बार ऐसा करते पाए जाने पर उसे 10 साल की जेल की सजा और 10 लाख जुर्माना लगेगा।

साइबर अपराधों से बचने के तरीके

  1. यूनिक और मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
  2. मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर और दूसरे डिजिटल उपकरणों को अपडेटेड रखें।
  3. इंटरनेट, ईमेल और डाउनलोड किये गए फाइलों के साथ आये संदेहजनक लिंक को क्लिक करने से बचें।
  4. अनजाने सोर्स से डाउनलोड किये एप्लीकेशन को इंस्टाल करने से बचें। ये आपके डिवाइस को हैक कर सकते है।
  5. डिजिटल उपकरणों, स्मार्टफोन , लैपटॉप और कम्प्यूटरों आदि से डाटा पूरी तरह मिटाए बिना इन्हे ना बेचें।
  6. अपने डिवाइस को अनाधिकृत पहुँच से बचाने के लिए मजबूत सुरक्षा अपनाएं।
  7. कभी भी अपने संवेदनशील जानकारियों, बैंक खाता, बैंक स्टेटमेंट, आदि ऑनलाइन ना रखें।
  8. अनजाने वेबसाइट में ऑनलाइन ट्रांसक्शन करने से बचें।
  9. संवेदनशील जानकारियों में सुरक्षा बढ़ाने का प्रयास करें।
  10. अपने घरेलु नेटवर्क, वाईफाई में सुरक्षा पद्धतियों को अपनाएँ।
  11. अपने डिजिटल उपकरणों का समय समय पर बैकअप लेते रहें।
  12. किसी भी तरह के लुभावने ऑफर और भ्रामक विज्ञापनों से बचें।
  13. घर के सदस्यों को व्यक्तिगत साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करें।
  14. उन सभी तरह के संदेशो, ईमेल, इत्यादि को सुरक्षित रखे जिन्हे आपको धमकाने या आपके खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। ये अपराधी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने में सबूतों के रूप में इस्तेमाल किये जा सकते है।
  15. पब्लिक वाई फाई में जुड़ने पर सावधान रहें और हो सके तो वीपीएन का इस्तेमाल जरूर करें। क्योकि उसी वाई फाई से जुड़ें दूसरे डिवाइस के जरिये आपके डिवाइस में पहुँच बना सकते है।
  16. अपने उपकरणों को किसी भी प्रकार के हमलो से बचाने के लिए एंटीवायरस, एंटी मैलवेयर और फ़ायरवॉल वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें।

FAQ

साइबर अपराध के कारण?

असल दुनिया में अपराध शारीरिक तौर पर किये जाते है जैसे चोरी या बदले की भावना या किसी को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से उसी तरह इंटरनेट पर भी लाभ उठाने व पैसे कमाने के उद्देश्य से साइबर क्राइम किये जाते है। लेकिन फर्क सिर्फ इतना है की इंटरनेट में पारम्परिक अपराधों से बिलकुल विपरीत होता है।

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