हैकिंग क्या है? इसके प्रकार और नुकसान

कंप्यूटर और नेटवर्क प्रणाली में हैकिंग का उद्देश्य केवल नुकसान पहुंचाना नहीं होता अपितु इसके लाभकारी प्रयोग भी किये जाते है। जैसे तकनिकी सुरक्षा व्यवस्था जानने में, नेटवर्क की सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी पाने के लिए, डाटा की सुरक्षा के लिए, खोई हुई डाटा वापस लाने में, इत्यादि। तो आइये जाने हैकिंग क्या है और इसके प्रकारों के बारे में :

हैकिंग क्या है?

हैकिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क की कमजोरियों तथा खामियों का पता लगाने के लिए किया जाता है चाहे वह फायदा उठाने के लिए हो या नुकसान पंहुचाने के लिए। हैकिंग अच्छे और बुरे दोनों तरह के इरादे से प्रयोग किया जाता रहा है।

कंप्यूटर प्रोग्रामर्स अक्सर सिस्टम के मौजूदा सुरक्षा प्रणाली की मजबुती का परीक्षण करने के लिए एथिकल हैकिंग का प्रयोग करते है। जबकि कुछ हैकर्स या उनके समूह महत्वपूर्ण जानकारी जैसे व्यक्तिगत जानकारी, बैंक खाते का विवरण और दूसरे महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुँचने के लिए दुर्भावनापूर्ण (malicious) गतिविधियां करते है। ऐसे हैकर्स को ब्लैक हैट हैकर्स या क्रैकर कहा जाता है।

किसी भी अच्छे इरादे से किया जाने वाले हैकिंग को एथिकल कहते है। जबकि भयानक उद्देश्य या नुकसान पँहुचाने के उद्देश्य से किया जाने वाले हैकिंग को साइबर अपराध कहा जाता है। हैकिंग, “डेनियल ऑफ़ सर्विस (DoS)” हमलों और दूसरे मैलवेयर को शामिल करके किया जा सकता है।

हैकिंग में माहिर लोगो को दो समूहों में बांटा गया है :

  1. हैकर्स
  2. क्रैकर्स

हैकर क्या है?

हैकिंग करने वाले व्यक्ति को हैकर कहते है यानि ये वे व्यक्ति होते है जो कंप्यूटर और नेटवर्क प्रणाली में पहुँच बनाने के लिए उनकी सुरक्षा कमजोरियों का पता लगाकर सिस्टम में पहुँच बनाते है। हैकर्स अक्सर कंप्यूटर प्रोग्राम्स के अच्छे जानकार होते है इसके साथ ही उन्हें कंप्यूटर सिक्यूरिटी की भी अच्छी खासी जानकारी होती है। इसलिए आप दुनिया के 10 सबसे प्रसिद्ध और खतरनाक हैकर्स और उनकी कहानियो के बारे में जरूर पढ़े।

क्रैकर्स क्या है?

क्रैकर्स वे लोग होते है जो दूर से इंटरनेट नेटवर्क के जरिये कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा प्रणाली को तोड़कर व नियमो का उल्लंघन कर बुरे उद्देश्यों से नेटवर्क में अनधिकृत रूप से प्रवेश करने, पासवर्ड बाईपास करने, बैंक डिटेल्स चुराने, पैसे ट्रांसफर्स करने, डाटा चुराने और नुकसान पहुंचाने के लिए कार्य करते है। क्रैकर्स एक प्रकार से बुरे लोग होते है जो नेटवर्क में छुपे हुए कार्य करते है क्योंकि ये अधिकतर गैरकानूनी और अवैध कार्यो में शामिल रहते है।

एथिकल हैकिंग क्या है

एथिकल हैकिंग कंप्यूटर सुरक्षा विशेषज्ञों यानी एथिकल हैकरों द्वारा संस्थाओ के अनुमति के आधार पर उनके कंप्यूटर तथा कंप्यूटर नेटवर्क की सुरक्षा खामियों का पता लगाने व हैक हो चुके सिस्टम को पुनः नियंत्रण में लाने के लिए किया जाता है ताकि सिस्टम को हैक होने व हैकिंग से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके ताकि संस्थाओं की जानकारियां सुरक्षित रहे।

एथिकल हैकरों को सिस्टम/ नेटवर्क को हैक करने लिए कंप्यूटर व कंप्यूटर नेटवर्क के मालिकों की लिखित अनुमति होती है इसके अलावा ये पूरी तरह पारदर्शी कार्य करते है। और संस्थाओं की जानकारी और निजता की सुरक्षा के लिए कार्य करते है।

साइबर हैकिंग क्या है

जानबूझकर किसी संस्था को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से उनके नेटवर्क की खामियों और जानकारियों का पता लगाने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया को साइबर हैकिंग कहते है। इसके अलावा कंप्यूटर और नेटवर्क पर की जाने वाली गैरकानूनी गतिविधियों को भी साइबर हैकिंग कहते है।

साइबर हैकिंग के जरिये हैकर्स कंप्यूटर वायरस फैलाना, बैंक खाते से अनधिकृत पैसे ट्रांसफर करना, ऑनलाइन छेड़खानी करना, आदि गतिविधियां करते है। सबसे अधिक साइबर अपराध इंटरनेट पर होते हैं। और वर्तमान में तो हैकरों के निशाने से मोबाइल फ़ोन और इसमें आने वाले टेक्स्ट सन्देश भी सुरक्षित नहीं है।

हैकर हैकिंग क्यों करते है

हैकरों द्वारा किसी भी सिस्टम या नेटवर्क को हैक करने के पीछे उनके अपने खास उद्देश्य, निजी स्वार्थ्य या आपराधिक इरादे होते है। कुछ हैकर केवल अपनी जिज्ञासा पूरी करने के लिए हैकिंग करते है, तो कुछ आपराधिक इरादे पुरे करने के लिए।

सभी हैकरों के अलग अलग उद्देश्य और हैकिंग के कारण होते है। जैसे किसी खास नेटवर्क को बंद करना, कंप्यूटर सिस्टम को नियंत्रण में लाना, प्रसिद्ध होने के लिए, ऑनलाइन पैसे चुराना, वित्तीय लाभ पाने के लिए, चुनौती , बदला , ब्लैकमेल, जासूसी आदि शामिल है।

हैकर और क्रैकर में अंतर

हैकर और क्रैकर के बीच के अंतरो की सूचि :

हैकरक्रैकर
हैकर्स हैकिंग समुदाय में अच्छे लोग होते है जो अच्छे कार्य कार्य करते है।क्रैकर हैकिंग समुदाय में बुरे लोग होते जो खतरनाक और बुरे उद्देश्यों से हैक करते है।
हैकर जरुरी कारणों से या सिस्टम सुरक्षा की जानकारी के लिए हैक करते है।क्रैकर सिस्टम से डाटा चुराने व नुकसान पहुँचाने के लिए हैक करते है।
इन्हे प्रोग्रामिंग भाषाओं और ऑपरेटिंग सिस्टम्स की अच्छी जानकारी होती है। इन्हे इस क्षेत्र में महारत होती है और ये बुद्धिमान लोग होते है। ये भी कुशल होते है लेकिन कुछ क्रैकर को केवल कुछ ही जरुरी तरीके पता है, जैसे डाटा चुराने, पासवर्ड बाईपास, आदि।
हैकर पेशे से एथिकल प्रकार के हैकर होते है। क्रैकर अनएथिकल प्रकार के हैकर लोग होते है। जो अपने फायदों के लिए हैक करते है।
हैकर नेटवर्क की सुरक्षा बढ़ाने के लिए लिए कार्य करते है। क्रैकर के उद्देश्य नेटवर्क को नुकसान पहुँचाने और कमजोर करने के होते है।
हैकर पास हैकिंग के CEH (सर्टिफाइड एथिकल हैकर) जैसे कानूनी प्रमाण पात्र होते है।क्रैकर के पास प्रमाण पत्र हो भी सकते है और नहीं भी हो सकते। क्योकि ये गुमनाम होकर कार्य करते है।

हैकिंग के प्रकार

अलग अलग प्लेटफॉर्म्स व प्रणालियों में की जाने वाली हैकिंग के आधार पर हैकिंग के प्रकार है :

  • पासवर्ड हैकिंग : कंप्यूटर सिस्टम में संगृहीत या इसमें संचारित किसी कहते की गुप्त पासवर्ड को जानने या रिकवर करने की प्रक्रिया पासवर्ड हैकिंग कहलाती है। इसे पासवर्ड क्रैकिंग भी कहते है।
  • वेबसाइट हैकिंग : वेबसाइट हैकिंग का मतलब है हैकर द्वारा किसी भी वेबसाइट पर उसके मालिक से पूरी तरह नियत्रण बना लेना।
  • एथिकल हैकिंग : अगर व्यक्ति किसी सिस्टम की कमियों की पहचान कर उन्हें सुधरनेके उद्देश्य से हैकिंग करता है, तो इस प्रक्रिया को एथिकल हैकिंग कहते है।
  • नेटवर्क हैकिंग : नेटवर्क हैकिंग का सामान्य अर्थ है हैकिंग टूल्स के माध्यम से किसी डोमेन की जानकारी प्राप्त करना।
  • ऑनलाइन बैंकिंग हैकिंग : ऑनलाइन बैंकिंग हैकिंग से आप सभी परिचित ही होंगे। इसमें बिना खता धारक की अनुमति के अप्राधिकृत तरीके से खाते का पासवर्ड जाने बिना बैंक कहते में पहुँच बनाने या एक्सेस करने के लिए किया जाता है।
  • कंप्यूटर हैकिंग : कंप्यूटर हैकिंग में बिना आपकी अनुमति के हैकर्स आपके कंप्यूटर में संगृहीत फाइलों को देखते है, एडिट करते है, नया फाइल बनाते है या जरुरी फाइलों को मिटा देते है।
  • ईमेल हैकिंग : किसी के ईमेल खाते में नियत्रण बना लेना ईमेल हैकिंग कहलता है।

हैकर्स के प्रकार

हैकरों को उनके हैकिंग के उद्देश्यों और हैकिंग करने की वजहों के आधार पर छह समूहों में बांटा गया है।

1. वाइट हैट हैकर

एथिकल हैकर उनको कहा जाता है जो सिस्टम की सुरक्षा कमियों तथा उन्हें ठीक करने के उद्देश्य से सिस्टम पर पहुँच बनाते है। एक वाइट हैट हैकर बिना किसी द्वेष भाव कार्य करते है व सिस्टम की सुरक्षा के स्तर की परीक्षण करते है। ये अक्सर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर कंपनियों में कार्यरत होते है या अनुबंध पर कार्य करते है।

2. ब्लैक हैट हैकर

कंप्यूटर सिस्टम में अनधिकृत या अवैध तरीके से अपनी व्यक्तिगत उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पहुँच बनाने वालों को ब्लैक हैट हैकर्स कहते है। इनके उद्देश्य कंप्यूटर से डाटा चुराने, सुरक्षा नियमों को तोड़ने, बैंक खाता से पैसे ट्रान्सफर करना, इत्यादि।

3. ग्रे हैट हैकर

एक ग्रे हैट हैकर वाइट हैट हैकर और ब्लैक हैट हैकर दोनों के बीच होते है। और ये कंप्यूटर सिस्टम की खामियों का पता लगाकर उन्हें सिस्टम के मालिकों तक उजागर करने के उद्देश्य से बिना बिना किसी अनुमति व आदेश के सिस्टम में एक्सेस बनाते है।

हैकरों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले टूल्स

हैकर्स द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ टूल्स के नाम है।

  • ट्रोजन हॉर्स : ट्रोजन हॉर्स एक ऐसा प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर में हैकरों को एक्सेस देने के लिए रास्ता बनाने का कार्य करता है।
  • वायरस : ये एक ऐसी आक्रामक कंप्यूटर प्रोग्राम या फाइलें होते जो किसी भी दूसरे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के साथ खुद को जोड़ लेते है इसके अलावा ये अपनी प्रतिरूप भी बना सकते है। और जब उस संकर्मित सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर पर चलाया जाता है तो पूरा कंप्यूटर संक्रमित हो जाता है। ये सिस्टम में अपना प्रभाव तेज करने के लिए अपनी प्रतिया कंप्यूटर में फैलते व स्वतः चलने वाले प्रोग्राम्स बनाते रहते है।
  • वर्म : कहा जाए तो वर्म एक वायरस प्रोग्राम के जैसे ही कार्य करते है, क्योकि ये भी अपना प्रतिरूप बना सकते है। परन्तु इन दोनों में एक मुख्य अंतर यह है की वर्म खुद में संक्रमण नहीं कर सकते यानि अलग कोड से बने वर्म में संक्रमण नहीं कर सकते। लेकिन ये कंप्यूटर में मौजूद ओपरेटिंग सिस्टम फाइलों और डाटा को एक तरह से खाने का कार्य करते। ये तब तक नहीं रुकते है जब तक संक्रमित ड्राइव खाली न हो जाए।
  • की लॉगर्स : ये टूल कंप्यूटर में टाइप किये जाने वाली सभी जानकारियां रखने के लिए उन्हें रिकॉर्ड करते रहते है और इन जानकारियों को अपने स्त्रोत में भेज देता है। जिनमे आपकी सवेदनशील जानकारियां, पासवर्ड, यूजर नेम, इत्यादि भी शामिल होते है।
  • वल्नेरेबिलिटी स्कैनर : हैकर्स इस टूल का इस्तेमाल कंप्यूटर नेटवर्क में कम्प्यूटरों कुछ प्रमुख कमजोरियों को जांचने के लिए करते है।
  • स्निफर : स्निफर एक ऐसा प्रोग्राम है जो कंप्यूटर या उस नेटवर्क में संचारित पासवर्ड व दूसरे डाटा का रिकॉर्ड बनाने के लिए करते है।
  • रुट किट : रुट किट टूल का इस्तेमाल हैकर्स कम्प्यूटर्स पर अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए करते है।

हैकिंग से कैसे बचें

इटरनेट में लोग अपनी मर्जी से कुछ भी कर सकते है इसलिए इसमें सभी तरह के लोग होते है। वर्तमान में इंटरनेट सबसे खतरनाक जगहों में से एक है, जिसमे लोग छुपकर भी रहते है और खतरनाक भी होते है। इसलिए हैकरों से बचने के लिए सबसे जरुरी है जानकारियां। तो आइये जाने हैकिंग से बचने के लिए कुछ जरुरी उपाय :

  • जटिल पासवर्ड का प्रयोग करें
  • पासवर्ड बदलते रहें
  • अपने वेब ब्राउज़र की हिस्ट्री समय अंतराल में मिटते रहें
  • सार्वजनिक कंप्यूटर में अपने संवेदनशील व व्यक्तिगत जानकारियां देखने से बचे
  • सार्वजनिक व मुफ्त वाईफाई सुविधओं से बचें
  • एक अच्छे एंटी वायरस का इस्तेमाल करें
  • वीपीएन का इस्तेमाल करें
  • इंटरनेट पर किसी भी अनजान सख्स पर भरोसा ना करें
  • किसी भी लिंक में क्लिक करने से पहले अच्छी तरह देख लें
  • मोबाइल में किसी भी नए एप्लीकेशन को कोई भी अनुमति देने से पहले अच्छे से देखें
  • AnyDesk जैसे रिमोट डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सुरक्षा उपायों के साथ करें।
  • अपने क्रेडिट, डेबिट और ATM कार्ड के डिटेल्स और CVV नंबर को कभी भी किसी के साथ साझा न करें।

हैकिंग के नुकसान

हैकिंग गैरकानूनी होते है और अगर ये किसी बुरे इरादे से किये जाए तो इसके कइयों नुकसान है, जैसे गोपनीयता और निजता के नियमों का उल्लंघन, कंप्यूटर सिस्टम सुरक्षा में उल्लंघन, सवेदनशील जानकारियों की चोरी, संस्थाओं की जरुरी डाटा का कर्रप्ट होना, आदि। इसलिए आज के दौर में हम सभी को अपने लैपटॉप, कंप्यूटर को सुरक्षित कैसे रखें इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए।

FAQ

दुनिया में सबसे ज्यादा हैकर किस देश में है?

विश्व में सबसे ज्यादा हैकर्स चीन में है। कहा जाता है की चीन में हर 10 लोगों में से एक हैकर है। इसके बाद दूसरे नंबर पे उत्तर कोरिया का नाम आता है।

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