क्वांटम कंप्यूटर क्या है? कैसे काम करता है और इसके अनुप्रयोग

पिछले कुछ वर्षों में क्वांटम कंप्यूटिंग ने क्रिप्टोग्राफी, दवाओं की खोज और AI (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) जैसे विभिन्न उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकने की अपनी विशेष क्षमताओं के कारण काफी लोकप्रियता बटोरी है। इस लेख में हम जानेंगे की क्वांटम कंप्यूटर क्या है और कैसे काम करता है।

क्वांटम कंप्यूटर क्या है?

क्वांटम कंप्यूटर एक उन्नत कंप्यूटर तकनीक है, यह क्वांटम बिट्स अर्थात क्यूबिट्स (Qubits) पर आधारित होते हैं। डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर बिट्स (Bits) की तकनीक पर आधारित होते हैं, लेकिन क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट्स के माध्यम से गणना, डेटा स्टोर और डेटा का विश्लेषण करते हैं। क्यूबिट्स के कारण ही क्वांटम कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली होते हैं।

एक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर में केवल दो बाइनरी अंक 1 और 0 होते हैं, लेकिन क्वांटम कंप्यूटर की क्युबिट्स में (0 या 1) अथवा (0 और 1) का संयोजन एक ही समय में मौजूद हो सकता है। एक डिजिटल कंप्यूटर के बिट्स में भी केवल दो बाइनरी अंक (0 और 1) होते हैं, लेकिन बिट्स एक बार में या तो (1 या 0) होते हैं।

क्वांटम कंप्यूटर का चित्र

नीचे दी गई तस्वीर में आप देख सकते हैं कि क्वांटम कंप्यूटर कैसा दिखता है –

क्वांटम कंप्यूटर का चित्र

क्यूबिट क्या होता है?

क्यूबिट क्वांटम कंप्यूटर की एक यूनिट है, जो दो मुख्य सिद्धांतों, सुपरपोजिशन (Superposition) और एनटैंगलमेंट (Entanglement) पर कार्य करती है। सुपरपोजिशन का अर्थ है कि प्रत्येक क्यूबिट एक ही समय में 1 और 0 दोनों को दर्शा सकता है।

एनटैंगलमेंट का अर्थ है कि सुपरपोजिशन की अवस्था में क्यूबिट्स एक-दूसरे के साथ सहसंबद्ध हो सकते हैं अर्थात् एक स्थिति चाहे वह 1 हो या 0 दूसरे की स्थिति पर निर्भर कर सकती है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि क्यूबिट आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं, यदि एक पर कार्य किया जाता है तो दूसरा इससे प्रभावित होता हैं।

Quantum Supremacy क्या है?

Quantum Supremacy एक विज्ञानिक अवधारणा है जो क्वांटम कंप्यूटिंग के शक्ति और योग्यता को प्रमाणित करती है। इसका मतलब होता है कि एक क्वांटम कंप्यूटर किसी कार्यक्रम को क्लासिकल कंप्यूटरों से इतनी तेजी से और सटीकता के साथ हल करता है कि क्लासिकल कंप्यूटरों से यह काम असंभव हो जाता है।

यह एक मापक होता है जो क्वांटम कंप्यूटरों की विशेषताओं को दिखाता है और उनके उपयोग की गुणवत्ता को मापता है।

क्वांटम कंप्यूटर कैसे काम करता है?

क्वांटम कंप्यूटर के काम करने का तरीका काफी अनोखा है। यह क्वांटम भौतिकी के नियमों और सिद्धांतों का उपयोग करता है। मैं आपको इसका एक सरल विवरण देता हूं –

  1. क्यूबिट: क्वांटम कंप्यूटर की मूल इकाई को क्यूबिट कहा जाता है। इसे क्यूबिट के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। क्यूबिट एक प्रोग्राम बिट (0 या 1) की जगह एक सुपरपोजिशन और एनटैंगलमेंट की स्थिति में हो सकता है।
  2. सुपरपोजिशन: सुपरपोजिशन के माध्यम से, क्यूबिट एक ही समय में एकाधिक स्थितियों का संचार कर सकता है। यानी, यह एक साथ 0 और 1 दोनों को दर्शा सकता है। जब हम क्यूबिट की स्थिति को पढ़ते हैं, तब हमें उसके एक संदर्भ में निर्धारित संख्या की संभावना मिलती है।
  3. एनटैंगलमेंट: एनटैंगलमेंट एक विशेष गुण है जिसके माध्यम से दो क्यूबिट्स के साथ-साथ संबद्ध हो सकते हैं। एक क्यूबिट की स्थिति परिवर्तित होने पर दूसरा क्यूबिट भी प्रभावित हो सकता है।

क्वांटम कंप्यूटर इन सिद्धांतों का उपयोग करते हुए एकाधिक कार्यों को पैरलल रूप से समाप्त करने की क्षमता देता है। यह साधारण कंप्यूटरों की तुलना में अत्यंत तेज़ और शक्तिशाली होता है।

क्वांटम कंप्यूटिंग के अनुप्रयोग

क्वांटम कंप्यूटर के अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं –

  1. तकनीकी सुरक्षा
  2. आपदा प्रबंधन
  3. सुरक्षित संचार
  4. मौसम विज्ञान
  5. अनुसंधान
  6. औषधि के क्षेत्र में
  7. अंतरिक्ष विज्ञान

क्वांटम कंप्यूटर का उपयोग

अभी के समय में क्वांटम कंप्यूटर का पूर्ण विकास नहीं हो पाया है तथा इसे आम उपयोगकर्ता के लिए नहीं तैयार किया गया है, इसलिए क्वांटम कंप्यूटर का प्रयोग बहुत ही कम जगहों पर हो रहा है, जिनके नाम इस प्रकार हैं –

  1. मौसम विज्ञान के क्षेत्र में
  2. अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में
  3. सुरक्षित संचार के क्षेत्र में

क्वांटम कंप्यूटिंग के लाभ

क्वांटम कंप्यूटिंग के कई फायदे हैं, यहाँ कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं –

  • उच्च गति के समाधान – क्वांटम कंप्यूटर्स क्लासिकल कंप्यूटरों की तुलना में बहुत अधिक गति प्रदान करते हैं। क्वांटम बिट्स के एकाधिक स्थितियों के कारण, क्वांटम कंप्यूटर्स कठिन समस्याओं को तेजी से हल करने में सक्षम होते हैं।
  • उन्नत क्रिप्टोग्राफी – क्वांटम कंप्यूटर्स क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिदम्स को तोड़ने के लिए प्रयोग किए जा सकते हैं। इसका मतलब है कि क्वांटम कंप्यूटिंग सुरक्षा के क्षेत्र में एक चुनौती प्रदान करता है, लेकिन इसका उपयोग नई और सुरक्षित क्रिप्टोग्राफिक प्रोटोकॉल्स का विकास करने में भी किया जा सकता है।
  • Parallelization of processes – क्वांटम कंप्यूटिंग में, समस्याओं को parallelized किया जा सकता है, जिससे बड़े और जटिल प्रक्रियाएं तेजी से हल की जा सकती है, इसका मतलब है कि क्वांटम कंप्यूटर प्रक्रियाओं को समान समय में संचालित कर सकता है, जो कि क्लासिकल कंप्यूटिंग के लिए असंभव है।
  • विशेष उन्नति – क्वांटम कंप्यूटर के उपयोग से कई अन्य उन्नति भी संभव हैं, इनमें शामिल हो सकते हैं – अत्यधिक सक्रिय और सटीक रोबोटिक्स, नई दवाओं और उत्पादों की खोज, पर्यावरण प्रदूषण की समस्याओं का नियंत्रण और समाधान, एकीकृत विज्ञान में प्रगति।

Quantum Computer और Regular Computer में अंतर

क्वांटम कंप्यूटर और रेगुलर कंप्यूटर (क्लासिकल कंप्यूटर) के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं –

  • बिट्स (bits) – रेगुलर कंप्यूटर में बिट्स (bits) का उपयोग होता है वहीं क्वांटम कंप्यूटर में क्वांटम बिट्स (qubits) का उपयोग होता है।
  • आकार (size) – रेगुलर कंप्यूटर का आकार छोटा होता है वही क्वांटम कंप्यूटर का आकार बहुत बड़ा होता है।
  • गति (speed) – क्वांटम कंप्यूटर की गणना करने की गति अत्यधिक तीव्र होती है वही रेगुलर कंप्यूटर की गणना करने की गति क्वांटम कंप्यूटर से धीमी होती है।
  • कार्य (work) – रेगुलर कंप्यूटर को आम उपयोगकर्ताओं के लिए बनाया गया है इसका उपयोग कोई भी कर सकता है वही क्वांटम कंप्यूटर को मुख्य रूप से विशेष कार्य को करने के लिए बनाया गया है।

क्वांटम कंप्यूटिंग की शुरुआत किसने की थी?

क्वांटम कंप्यूटिंग की शुरुआत रिचर्ड फेनमैन और यूरी मैनिन ने की थी। यह दोनों एक भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने 1980 के दशक में क्वांटम यांत्रिकी के मौजूदा सिद्धांतों पर आधारित कंप्यूटर बनाने के बारे में एक विचार दिया था। इसके बाद अन्य वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान किया और क्वांटम कंप्यूटिंग को वास्तविकता में लाने का प्रयास किया।

क्वांटम कंप्यूटिंग विज्ञान की दुनिया में एक रेवोल्यूशनरी तकनीक मानी जाती है, जिसमें क्वांटम बिट्स यानी क्यूबिट्स का उपयोग किया जाता है, जो क्लासिकल बिट्स के मुकाबले आधुनिक रूप से अधिक क्षमता रखते हैं।

हमें क्वांटम कंप्यूटर की आवश्यकता क्यों है?

हमें क्वांटम कंप्यूटर की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि यह कुछ ऐसी समस्याओं को हल करने में हमारी मदद कर सकता है जो क्लासिकल कंप्यूटर के साथ संभव नहीं हैं। यह मजबूत क्रिप्टोग्राफी जैसी समस्याओं के विकास को संभव बना सकता है। इसके अलावा क्वांटम कंप्यूटिंग शक्तिशाली विश्लेषण के लिए भी उपयोगी है, जो भविष्य में हमें जटिल मुद्दों को हल करने में मदद कर सकता है।

भारत में क्वांटम कंप्यूटर

भारत सरकार ने अपने 2021 के बजट में क्वांटम कंप्यूटिंग और क्रिप्टोग्राफी के विकास को बढ़ावा देने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों के लिए 8,000 करोड़ रुपये आवंटित किए है। इसके अलावा दिसंबर 2021 में, मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में स्थित एक नगर ‘महू’ में एक सैन्य इंजीनियरिंग संस्थान में भारतीय सेना द्वारा एक क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला स्थापित की गई है।

FAQs

क्या क्वांटम कंप्यूटर मौजूद हैं?

हां, क्वांटम कंप्यूटर मौजूद हैं। क्वांटम कंप्यूटिंग के विकास में वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी कंपनियों ने काफी प्रयास किए हैं। कई विश्वविद्यालय, प्रयोगशालाएं और विशेष अनुसंधान संगठन इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और नई क्वांटम कंप्यूटर तकनीकों का विकास कर रहे हैं।

क्वांटम कंप्यूटिंग में Qubits क्या हैं?

क्यूबिट, क्वांटम कंप्यूटर की एक यूनिट है।

क्या भारत क्वांटम कंप्यूटर बना रहा है?

हां, भारत क्वांटम कंप्यूटर के विकास में कार्य कर रहा है।

कितने क्वांटम कंप्यूटर हैं?

वर्तमान में क्वांटम कंप्यूटरों की संख्या सीमित है, क्योंकि यह नई तकनीक है और उसका विकास अभी प्रारंभिक चरण में है।

क्वांटम कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था?

क्वांटम कंप्यूटिंग की शुरुआत रिचर्ड फेनमैन और यूरी मैनिन ने की थी।

निवेदन – उम्मीद है कि आपको यह लेख (क्वांटम कंप्यूटर क्या है? – क्वांटम कंप्यूटर का परिचय – what is Quantum computing in Hindi) जरूर पसंद आया होगा।

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