रैम क्या है, रैम के प्रकार और उपयोग क्या है?

रैम (RAM) शब्द तो आपने सुना ही होगा, यह कंप्यूटर सिस्टम और स्मार्टफोन का जरूरी हार्डवेयर पार्ट होता है। बिना रैम के कंप्यूटर या स्मार्टफोन में कार्य होना असंभव है।

आपने यह भी सुना होगा कि ज्यादा रैम वाला स्मार्टफोन तेज काम करता है या कम रैम होने से स्मार्टफोन हैंग या धीरे काम करता है मगर हम आपको यह बता दे कि ऐसा कुछ भी नहीं होता। तो चलिए आपको बताते हैं कि रैम क्या होता है (What is RAM) और इसका कार्य क्या होता है।

रैम क्या है?

रैम कंप्यूटर और स्मार्टफोन का हार्डवेयर कंपोनेंट होता है। रैम का काम स्टोरेज से डाटा को जल्द से जल्द प्रोसेसर तक पहुंचाने का काम करता है और डाटा की आवश्यकता खत्म होने पर वह प्रोसेसर से वापस स्टोरेज तक डाटा को ट्रांसफर कर देता है।

RAM
RAM

रैम के प्रकार

रैम के दो मुख्य प्रकार होते है।

  1. SRAM– Static Random Access Memory :
  2. DRAM– Dynamic Random Access Memory

SRAM का उपयोग कैश मेमोरी के लिए किया जाता है और DRAM का उपयोग मेन मेमोरी के लिए किया जाता है। SRAM ज्यादा तेज काम करता है DRAM के मुकाबले और यह ज्यादा महंगा भी आता है। रैम केप्रकारों के बारे में विस्तार से जानने के लिए रैम के प्रकार लेख जरूर पढ़ें।

समय के चलते और जरूरत के अनुसार कंप्यूटर रैम को अपग्रेड किया गया है।

  • DDR1 (200Mhz-400Mhz) support  –  year of 2000   
  • DDR2 (400Mhz-1066Mhz) support  –  year of 2003   
  • DDR3 (800Mhz-2133Mhz) support  –  year of 2005
  • DDR4 (2400Mhz-3600Mhz) support  –  year of 2014
  • DDR5 – Not confirm

कुछ जरूरी ज्ञान की बातें

अगर आप अपने सिस्टम में रैम को अपग्रेड करना चाहते हैं तो अपने मदरबोर्ड और प्रोसेसर के बारे में जान लें कि यह कौन से जनरेशन का रैम सपोर्ट करता है।

अगर आपका रैम काम नहीं कर रहा है तू आप उसे निकालकर उसके गोल्ड पार्ट को रबड़ से धीरे-धीरे दोनों तरफ से घीस ले ध्यान रखें कि उस गोल्ड पार्ट को कोई नुकसान ना हो आप उसे साफ करने के लिए पेट्रोल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं इसके बाद आप उसे अपने सिस्टम पर लगा लें और सिस्टम चालू करके देखें अगर आपका सिस्टम चालू हो गया तो आपका रैम ठीक हो गया अगर फिर भी काम नहीं कर रहा है तो आप कंप्यूटर दुकान पर जाकर दिखाएं।

लोग अक्सर रैम और रोम को लेकर भ्रमित रहते है की इन दोनों में क्या अंतर है। इसलिए “RAM vs ROM: रैम और रोम में अंतर” लेख जरूर पढ़ें।

वर्चुअल रैम क्या है?

वर्चुअल रैम वर्चुअल मेमोरी के सिद्धांत पर कार्य करता है, जो की कंप्यूटर में स्टोरेज डिवाइस की सहायता से अस्थाई मेमोरी यानी रैम की क्षमता बढ़ाने में प्रयोग होती है। यह एक बहुत ही बुनयादी मेमोरी प्रबंधन प्रक्रिया है जिसमे सेकेंडरी मेमोरी को प्राइमरी मेमोरी के हिस्से की तरह प्रयोग में लाया जाता है। जिसकी वजह से कंप्यूटर के कार्य प्रदर्शन में तेज गति अनुभव होता है।

क्या कंप्यूटर/फोन में ज्यादा रैम होने से ये तेज काम करते हैं?

कुछ लोग कहते हैं कि ज्यादा रैम होने से स्मार्टफोन या कंप्यूटर फास्ट चलता है और कम रैम होने से स्मार्टफोन या कंप्यूटर धीरे चलता है या हैंग करता है इस बात की पूरी सच्चाई यह है कि मान लीजिए कि आपके स्मार्टफोन या कंप्यूटर में 8GB रैम दिया गया है और आप एक साथ बहुत सारे कार्य कर रहे हैं जिसके कारण आपका रैम पूरी तरह से भर चुका है तब आपका कंप्यूटर या स्मार्टफोन स्लो हो जाएगा या तो हैंग करने लग जाएगा बात इतनी सी है कि अगर आप अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर में दिए गए रैम को पूरी तरह से भर देते हैं तो वह स्लो हो जाएगा।

और अगर आप दिए गए रैम में कम काम करते हैं यानी कि एक बार में सिर्फ एक कार्य को पूरा करते हैं तब आपका कंप्यूटर, स्मार्टफोन तेजी से काम करेगा अगर आपके सिस्टम मैं 16GB रैम भी दिया गया हो और आप उसे पूरी तरह से भर देते हैं बहुत सारे कार्य को एक साथ चलाते हुए तब भी आपका सिस्टम स्लो काम करेगा और हैंग भी करेगा। 

अगर आपको स्मार्टफोन में सिर्फ सोशल मीडिया या गाना सुनने या फोटो खींचने का कार्य करना है तो आपके लिए 2 से 3 जीबी रैम वाला स्मार्टफोन बेहतर तरीके से काम में आएगा वही आपको अगर अपने स्मार्टफोन में बड़े-बड़े जीबी वाले गेम्स खेलने हैं तो आपके लिए 4 से 6 जीबी रैम वाले स्मार्टफोन की जरूरत पड़ेगी।

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