बूटिंग क्या है? कंप्यूटर में बूटिंग प्रोसेस को जानें

आपने कभी यह जरूर सोंचा होगा की कंप्यूटर या लैपटॉप कैसे चालु होता है? कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को शुरू करने की प्रक्रिया को “बूटिंग” के रूप में जाना जाता है। इस लेख में हम, बूटिंग क्या है, बूटिंग के प्रकार और बूटिंग प्रक्रिया के बारे में जानेंगे।

बूटिंग क्या है

बूटिंग (Booting) वह प्रारंभिक प्रक्रिया है जो कंप्यूटर के चालू होने के दौरान होता है। जब आप पावर बटन दबाते हैं, तो कंप्यूटर का फर्मवेयर यानि BIOS सक्रिय होता है, और यह परीक्षणों के माध्यम से सुनिश्चित करता है कि हार्डवेयर ठीक से काम कर रहा है। इसे पावर-ऑन सेल्फ-टेस्ट (POST) के रूप में जाना जाता है।

एक बार POST पूरा हो जाने के बाद, फर्मवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) की तलाश करता है और इसे कंप्यूटर की Main Memory या RAM में लोड करता है। और वहां से ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य शुरू होता है, जोकि कंप्यूटर से जुड़े सभी हार्डवेयर घटकों और उपकरणों को शुरू करता है। आखिर में, OS उपयोगकर्ता को लॉगिन स्क्रीन के साथ प्रस्तुत करता है, और कंप्यूटर उपयोग के लिए तैयार हो जाता है। बूटिंग प्रक्रिया जब भी PC को स्टार्ट किया जाता है प्रत्येक बार यह प्रक्रिया होती है।

बूटिंग के प्रकार

बूटिंग के दो मुख्य प्रकार हैं:

  • कोल्ड बूटिंग
  • वार्म बूटिंग।

1. कोल्ड बूटिंग क्या है?

कोल्ड बूटिंग पूरी तरह से बंद अवस्था से कंप्यूटर को चालू करने की प्रक्रिया है, जिसे पावर-ऑन सेल्फ-टेस्ट (POST) के रूप में भी जाना जाता है। जब आप अपने कंप्यूटर को कोल्ड बूट से चालू करते हैं, तो यह पूर्ण स्टार्ट-अप प्रक्रिया से गुजरता है।

जब आप अपने कंप्यूटर को चालू करते हैं, तो पावर सप्लाई या SMPS मदरबोर्ड को बिजली भेजती है, जिससे BIOS शुरू होता है। BIOS यह जांच करता है कि सभी हार्डवेयर घटक ठीक से काम कर रहे हैं और उसके बाद ऑपरेटिंग सिस्टम को मेमोरी में लोड करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को कोल्ड बूट के रूप में जाना जाता है।

2. वार्म बूटिंग क्या है?

बिजली बंद किए बिना कंप्यूटर को रीस्टार्ट करने की प्रक्रिया वार्म बूटिंग कहलाती है। यह सिस्टम में रीस्टार्ट बटन का उपयोग करके या कीबोर्ड पर Ctrl + Alt + Del कुंजियों को दबाकर किया जा सकता है।

वार्म बूटिंग कोल्ड बूटिंग की तुलना में तेज है क्योंकि इसमें हार्डवेयर घटकों को फिर से जांचने की आवश्यकता नहीं होती। यानी जब आप एक वार्म बूट करते हैं, तो कंप्यूटर डायग्नोस्टिक परीक्षणों को छोड़ देता है और ऑपरेटिंग सिस्टम को सीधे मेमोरी में लोड करता है। इस प्रकार के बूटिंग को वार्म रीबूट के रूप में भी जाना जाता है।

बूटिंग प्रोसेस (Booting Process)

बूटिंग प्रोसेस (Booting Process) में कई चरण होते हैं :

  1. Power On Self Test (POST): जब आप अपने कंप्यूटर को चालू करते हैं, तो सभी हार्डवेयर घटक ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए डायग्नोस्टिक परीक्षणों को चलाता है। इसे पावर ऑन सेल्फ टेस्ट (POST) के रूप में जाना जाता है।
  2. BIOS Initialization: POST पूरा होने के बाद, BIOS शुरू किया जाता है। BIOS एक फर्मवेयर होता है जो कंप्यूटर के हार्डवेयर घटकों को नियंत्रित करता है।
  3. Boot Loader: बूट लोडर एक छोटा प्रोग्राम होता है जो ऑपरेटिंग सिस्टम को मेमोरी में लोड करने के लिए जिम्मेदार है। बूट लोडर आमतौर पर हार्ड डिस्क पर स्थित होता है, और यह BIOS द्वारा लोड किया जाता है।
  4. Operating System Initialization: एक बार बूट लोडर ऑपरेटिंग सिस्टम को मेमोरी में लोड कर देता है उसके बाद ऑपरेटिंग सिस्टम शुरू होता है। Initialization प्रक्रिया में डिवाइस ड्राइवरों, सर्विसेज और दूसरे जरुरी सिस्टम घटकों को लोड करना शामिल होता है।
  5. User Login: ऑपरेटिंग सिस्टम के शुरू होने के बाद, उपयोगकर्ता को लॉग इन करने के लिए संकेत दिया जाता है। एक बार जब उपयोगकर्ता लॉग इन करता है, तो कंप्यूटर उपयोग के लिए तैयार होता है।

बूटिंग समस्याएं

यहां कुछ सबसे आम बूटिंग समस्याएं और उन्हें हल करने के सुझाव दिया गया है।

  • कंप्यूटर चालू न होना: यदि आपका कंप्यूटर बिल्कुल चालू नही हो रहा है, तो इसके लिए पावर सप्लाई की जांच करें। सुनिश्चित करें कि यह प्लग लगा हो और बटन चालू हो, और जांचें कि आउटलेट काम कर रहा है की नही। यदि पावर सप्लाई ठीक से काम कर रही है, तो समस्या मदरबोर्ड या दूसरे कॉम्पोनेन्ट के साथ हो सकती है।
  • स्टार्टअप पर कंप्यूटर बीप्स: यदि कंप्यूटर चालू करते समय बीप की आवाज सुनाई देता है, तो यह आमतौर हार्डवेयर समस्या का संकेत होता है। बीप की संख्या और उनके पैटर्न आपको समस्या का करने में करने में मदद कर सकते हैं।
  • बूट होने में लंबा समय लगना: यदि आपके कंप्यूटर को बूट करने में लंबा समय लगता है, तो इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं। सबसे सामान्य कारण वायरस या मैलवेयर संक्रमण भी हो सकता। इसे हल करने के लिए एक अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इनस्टॉल कर स्कैन करें। दूसरे संभावित कारणों में हार्ड ड्राइव में समस्याएं हो सकती है जो लगभग पूरी तरह भर गया होगा, पुराने ड्राइवर भी कारण हो सकते है, या बहुत सारे स्टार्टअप प्रोग्राम की वजह से हो सकता हैं।
  • ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ: ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) एरर संदेश है जो तब दिखाई देता है जब विंडोज सिस्टम किसी एरर का सामना करता है। यह हार्डवेयर समस्या के कारण हो सकता है, जैसे कि हार्ड ड्राइव फेलियर, फॉल्टी रैम, या सॉफ़्टवेयर समस्या, जैसे कि करप्ट ड्राइवर।

बूटिंग समस्याओं को हल करना

यदि आप किसी भी बूटिंग समस्या का सामना करते हैं, तो उनका निवारण करने के लिए आप इन तरीकों को आजमा सकते हैं।

  • कनेक्शन की जाँच करें: सुनिश्चित करें कि सभी केबल और कनेक्शन सुरक्षित और ठीक से कनेक्ट डे हैं। यदि कोई ढीला केबल या कोई कॉम्पोनेन्ट है जो सही ढंग से नहीं लगा है, तो यह बूटिंग समस्याओं का कारण बन सकता है।
  • डाइग्नोस्टिक टूल्स चलाएं: अधिकांश ऑपरेटिंग सिस्टम में डाइग्नोस्टिक टूल्स पहले से होते हैं जो हार्डवेयर समस्याओं को पहचानने और ठीक करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। इन टूल्स एक्सेस और उपयोग करने के तरीके के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने कंप्यूटर के मैन्युअल या ऑनलाइन डॉक्यूमेंटशन में देखें।
  • ड्राइवरों को अपडेट करें: पुराने या गलत ड्राइवर बूटिंग समस्याओं सहित कई प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इसलिए यह जांच लें की आपके सभी ड्राइवर अपडेटेड और सही हैं।
  • मैलवेयर निकालें: यदि आपको लगता है कि आपका कंप्यूटर मैलवेयर या वायरस से संक्रमित है, तो अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के साथ सिस्टम को पूरा स्कैन करें। यदि आपका एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर किसी भी समस्या का पता नहीं लगा रहा है, तो आप मैलवेयर हटाने वाले उपकरण का उपयोग कर सकते है या किसी जानकार से मदद लें।
  • हार्डवेयर को सुधारें या बदलें: यदि समस्या किसी हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट में है, तो आपको इसे सुधारने या बदलने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें मदरबोर्ड, रैम, हार्ड ड्राइव या पावर सप्लाई शामिल हो सकती है।

बूटिंग और ऑपरेटिंग सिस्टम

बूटिंग किसी भी कंप्यूटर को शुरू करने का अनिवार्य हिस्सा है। लेकिन जब ऑपरेटिंग सिस्टम की बात आती है तो यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जब आप एक ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल करते हैं, तो यह आपकी हार्ड ड्राइव पर एक विशिष्ट स्थान पर इंस्टॉल होता है, और बूटलोडर बूट सेक्टर में इंस्टॉल होता है।

बूटलोडर ऑपरेटिंग सिस्टम को मेमोरी में लोड करने और इसे शुरू करने के लिए जिम्मेदार होता है। यदि बूटलोडर के साथ कोई समस्या आती है, तो हो सकता है कि आपका कंप्यूटर बिल्कुल भी स्टार्टअप न कर पाए। बूटलोडर समस्याओं का निवारण करने के लिए आपको Windows Recovery Environment या दूसरे recovery tool का उपयोग करने की जरुरत पड़ सकती है।

कई बार ऑपरेटिंग सिस्टम की वजह से भी बूटिंग समस्याएं हो सकते है। यदि आप बूटिंग समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो सिस्टम को सुरक्षित मोड में बूट करें। यह ऑपरेटिंग सिस्टम को केवल आवश्यक ड्राइवरों और सेवाओं के साथ चालू करेगा, जिससे आप किसी भी समस्या का निवारण और पहचान कर सकते हैं।

निष्कर्ष

बूटिंग कंप्यूटर को चालू होने के दौरान होने वाला एक आवश्यक प्रक्रिया है। बूटिंग प्रक्रिया को समझकर आप अपने कंप्यूटर के स्टार्टअप में होने वाली समस्याओं का निवारण कर सकते है। चाहे आप कोल्ड बूट या वार्म बूट कर रहे हों, प्रक्रिया वही रहती है। याद रखें, यदि आप बूटिंग प्रक्रिया के दौरान किसी भी समस्या का सामना करते हैं, तो अपने कंप्यूटर को और नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए कंप्यूटर जानकार की मदद जरूर लें।

FAQs

बूटिंग प्रक्रिया क्यों महत्वपूर्ण है?

बूटिंग प्रक्रिया महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रारंभिक प्रक्रिया है जो कंप्यूटर शुरू होने के दौरान संपन्न होता है।

क्या होता है यदि बूटिंग प्रक्रिया विफल हो जाती है?

यदि बूटिंग प्रक्रिया विफल हो जाती है, तो हो सकता है कंप्यूटर ठीक से चालू न हो। यह हार्डवेयर खामियों या सॉफ़्टवेयर समस्याओं के कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में, प्रोफेशनल की मदद लेना सबसे अच्छा है।

कोल्ड बूटिंग और वार्म बूटिंग में अंतर

कोल्ड बूटिंग एक कंप्यूटर को पूरी तरह से बंद स्थिति से शुरू करने की प्रक्रिया है, जबकि वार्म बूटिंग कंप्यूटर को रीस्टार्ट करने की प्रक्रिया है।

Leave a Comment