आज के डिजिटल युग में, शायद ही कोई होगा जो विंडोज नाम के बारे ना सुना हो। लेकिन क्या आप वास्तव में जानते हैं कि यह क्या है? और यह दुनिया भर के लाखों कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं के लिए पर्सनल कंप्यूटिंग की आधारशिला क्यों है।
इस लेख में, हम आपको विंडोज क्या है, यह कैसे काम करता है, इसके इतिहास, प्रमुख विशेषताओं, संस्करणों और विंडोज के बारे में सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे।
Table of contents
विंडोज क्या है?
विंडोज माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस आधारित एक ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम है जो कंप्यूटर की समस्त गतिविधियों को नियोजित करता है ताकि कंप्यूटर सरलता से काम कर सके।
यह हमें कम्प्यूटर को निर्देश देने की सुविधा की प्रदान करता है। अर्थात आप, आयकॉन, बटन अथवा माउस की मदद से विकल्पों का चयन करके कंप्यूटर को निर्देश दे सकते हैं। ग्राफिकल यूज़र् इंटरफेस का उपयोग करना बहुत सरल होता है, क्योंकि इसमें कोई भी कार्य बटन क्लिक करके अथवा आदेश के चयन से ही संपन्न किया जा सकता है।
विंडोज उपयोगकर्ता द्वारा दिए जानें वाले निर्देशों के आधार पर कंप्यूटर के हार्डवेयर घटकों और सॉफ्टवेयर ऍप्लिकेशन्स को आपस में जोड़ने और कम्यूनिकेट कराने का कार्य करता है। विंडोज उपयोगकर्ताओं को विभिन्न कार्य करने की सुविधा प्रदान करता है, जैसे प्रोग्राम चलाना, फ़ाइलों और फ़ोल्डरों का प्रबंधन करना, इंटरनेट से कनेक्ट करना, इत्यादि।
Windows एक यूजर फ्रेंडली ऑपरेटिंग सिस्टम है जो उपयोग करने में सरल है। यह उपयोगकर्ता को आइकन, टास्कबार और स्टार्ट मेनू के साथ एक आसान डेस्कटॉप लेआउट प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्ता आसानी से अपनी फ़ाइलों, ऍप्लिकेशन्स और सेटिंग्स को नेविगेट और एक्सेस कर सकते हैं।
विंडोज का इतिहास
विंडोज की शुरुवात 1980 के दशक में शुरू हुई जब माइक्रोसॉफ्ट ने 20 नवंबर 1985 को विंडोज 1.0 नामक अपना पहला ग्राफिकल इंटरफ़ेस आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम पेश किया। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने इसे विकसित करते वक्त 1983 में इसका नाम इंटरफ़ेस मैनेजर रखा था लेकिन बाद में इसे लांच करने से पहले विंडोज 1.0 कर दिया।
कंपनी द्वारा विंडोज को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य IBM कम्पेटिबल PC को यूजर फ्रेंडली इंटरफ़ेस और मल्टीटास्किंग सुविधाएँ प्रदान करना था।बीते वर्षों में, माइक्रोसॉफ्ट ने इसके कई प्रमुख संस्करण जारी किए, जिनमें नई सुविधाएँ जोड़े गए और खामियों को दूर किया गया।
विंडोज के विकास में विंडोज 3.0, विंडोज 95 और विंडोज एक्सपी मील के पत्थर साबित हुए। क्योकि विंडोज 3.0 ने उन्नत ग्राफिक्स और मल्टीमीडिया सुविधाओं को पेश किया, जबकि विंडोज 95 ने अपने स्टार्ट मेनू और टास्कबार के साथ एक क्रांतिकारी बदलाव लाया। विंडोज एक्सपी सबसे लोकप्रिय संस्करणों में से एक है, जिसे 2001 में जारी किया गया था, यह अपनी स्टेबिलिटी और यूजर फ्रेंडली इंटरफ़ेस के लिए भी जाना जाता है।
बाद के संस्करणों, जैसे विंडोज विस्टा, विंडोज 7, विंडोज 8, विंडोज 10 और विंडोज 11 ने विभिन्न सुधार और नई सुविधाओं को पेश किए हैं, जिनमें बेहतर सुरक्षा सुविधाएं, बेहतर प्रदर्शन और आधुनिक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कम्पेटिबिलिटी शामिल है। विंडोज के विकास की समयरेखा को विस्तार से जानने के लिए हमारे विस्तृत लेख विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास लेख अवश्य पढ़ें।
विंडोज के भाग (Parts of a Windows)
डेस्कटॉप
कंप्यूटर स्टार्ट होने के बाद जो स्क्रीन पर दिखाई देता है वह डेक्सटॉप होता है। जहां सिस्टम आइकॉन फोल्डर, फाइल और प्रोग्राम आइकॉन का आसानी से खोलने के लिए रखा जाता है। साथ ही आप इसके बैकग्राउंड में अपनी मनपसंद कोई भी इमेज को लगा सकते हैं। तो आइये जानें कंप्यूटर में Windows के भागों को विस्तार से:
My Computer
कंप्यूटर के स्क्रीन पर माई कंप्यूटर नामक इस छोटे से आइकॉन को क्लिक करने पर आप सीधे ही कंप्यूटर के सारे ड्राइव को देख सकते हैं और काम कर सकते हैं। इससे हम कंप्यूटर में स्टोर किए गए सारे डाटा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
My Documents
इस आइकॉन से आप अपने कंप्यूटर पर उस जगह पर सीधे ही पहुंच सकते हैं जहां आपने अपने सभी कार्यों को सेव किया है। यह कंप्यूटर का सिस्टम फोल्डर होता है और जब भी कोई नई फाइल बनाई जाती है तो वो सीधे इसी में सेव कर देता है। इसमें My music, my picture और my videos आदि फोल्डर default रूप से होते हैं। इसका फोल्डर हमें डेक्सटॉप पर और स्टार्ट मेनू पर मिल जाऐगा और हम इसका इस्तेमाल दोनों ही जगहों से कर सकते हैं।
Recycle Bin
हार्ड डिस्क से डिलीट करने पर फाइल्स व फोल्डर रीसाईकल बिन में पहुंचता है, जिसको वहां से दोबारा रिस्टोर भी किया सकता हैं या फिर उसे स्थायी रूप से डिलीट भी कर सकते हैं। इसे पूरी तरह से खाली करने से पहले यह निश्चित कर लें कि वे डाटा आपको नहीं चाहिए अन्यथा उसे दोबारा प्राप्त करना असंभव होगा।
My Network Places
इंटरनेट कनेक्शन व शेयर किए गए सभी फोल्डर को देखने के लिए इस आइकॉन के द्वारा जाया जा सकता है।
Start Button
यह कंप्यूटर स्टार्ट होने पर बाईं तरफ के कोने में एक बटन होता है जिसके द्वारा कंप्यूटर में उपलब्ध सभी प्रोग्राम्स या ऍप्लीकेशन को खोला जाता है और इसके अन्दर विंडोज के सारे प्रोग्राम अपने आप add हो जाते हैं और उनका उपयोग स्टार्ट मेनू से किया जाता है। कंप्यूटर को बंद भी यहीं से किया जाता है।
Quick Launch Toolbar
इस सुविधा से आप अपने उन प्रोग्राम्स को सामने रख कर उन तक सरलता से पहुंच सकते हैं जिन्हें आप ज्यादा उपयोग करते हैं।
टास्क बार (Task Bar )
विंडोज टास्क बार कंप्यूटर स्क्रीन के सबसे निचले हिस्से में होता है। यहां पर हम प्रोग्राम को close, minimize या maximize कर सकते हैं। यहां बहुत से बटन होते हैं जिनसे यूजर को काम करने में सुविधा प्राप्त होती है।
टास्क बार के बाईं ओर स्टार्ट मेन्यू (Start Menu) होता है तथा दाईं ओर सिस्टम ट्रे (System Tray) होती है। सिस्टम ट्रे (System Tray) में दिनांक तथा समय दिखाई देता है। प्रत्येक बार विन्डो खोलते समय इसके लिए टास्क बार पर एक बटन दिखाई देता है। जब विन्डो बंद होती है तो बटन चला जाता है।
Clock
कंप्यूटर के नीचे दाहिने तरफ घड़ी का आइकन होता है। , यह वर्तमान समय और तारीख को दर्शाता है।
Window
किसी भी प्रोग्राम को खोलने पर एक आयताकार स्क्रीन उभर कर सामने आती है। इसी को विंडो कहा जाता है।
स्क्रॉल बार (Scroll Bar)
किसी विंडो को खोलने पर यदि उसमें बहुत ज्यादा फाइल और फोल्डर हों तो सभी को देखने के लिए एक फ्रेम बन जाता है जिसको कर्सर के द्वारा ऊपर, नीचे, दाएं और बाएं करके सभी चीजें देखी जा सकती हैं। इसे स्क्रोलबार कहते हैं।
दूसरे शब्दों में, यदि विन्डो इतना छोटा है कि सम्पूर्ण अवयव दिखाई नहीं देते तब scroll bar प्रकट होता है। आप scroll arrows पर click करके विन्डोज़ के अवयवों में scroll कर सकते हैं।
टाइटिल बार (Title bar )
किसी विंडो या प्रोग्राम के खुलने पर वहां सबसे ऊपर उस विंडो या प्रोग्राम का नाम दिखाई देता है। उस जगह को टाइटल बार कहते हैं। Title bar में Maximize, Minimize, और Close buttons भी होते हैं ।
मेन्यु बार (Menu bar)
Horizontal bar जो Title bar के नीचे है जिसमें कई options होते हैं वह मेन्यु बार (Menu bar) कहलाता है। जब ये options click किए जाते हैं कमाण्ड्स (commands) की एक सूची प्रकट होती है जिससे आप कई कार्य कर सकते हैं। ये options आपको विन्डोज़ को किए जानेवाले कार्य के बारे में अनुदेश देने के लिए सहायक होते हैं।
टूल बार (Toolbar)
बार-बार प्रयोग में आनेवाली Commands के लिए पिक्चर्स (images) के रूप में शार्टकट shortcut प्रदान करता है।
स्टेटस बार (Status Bar)
छोटा horizontal bar जो विन्डो के नीचे पाया जा सकता है वह स्टेटस बार (Status Bar) कहलाता है। इसमें प्रस्तुत विन्डो के स्टेटस (status) से संबंधित सूचना पर एक पंक्ति है। सभी विन्डोज़ में status bar नहीं होता है।
फ्रेम्स (Frames)
फ्रेम (frame) किसी विंडो के चारो ओर का बॉर्डर (border) है जो आपको विंडो को रीसाइज़ (resize) करने देता है। आप विंडो को रीसाइज़ करने के लिए उसके बॉर्डर को ड्रैग कर सकते है।
Windows के संस्करण
माइक्रोसॉफ्ट ने समय-समय पर विंडोज के बहुत से वर्जन जारी किए हैं। जिसमें विंडोज एक्सपी सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया। माइक्रोसॉफ्ट ने अब तक विंडोज के 7, 8, 10 और 11 वर्शन जारी किए हैं, जोकि बहुत ही बेहतर परफॉर्मेंस देते हैं।
विंडोज के नए ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर पुराने सिस्टम की अपेक्षा ज्यादा तेज हैं। विंडोज को सही तरीके से काम करने के लिए कंप्यूटर में निर्धारित हार्डवेयर का होना भी जरूरी होता है। यहां हम आपको विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़ी कुछ उपयोगी जानकारी दे रहे हैं जो आपको विंडोज ऑपरेट करने में सहायता प्रदान करेगी:
विंडोज XP के लिए जरूरी है:
- प्रोसेसर– पेंटियम 233-मेगाहर्ट्ज (MHz) या ज्यादा तेज प्रोसेसर, (300MHz) हो तो बेहतर रहेगा।
- रैम – न्यूनतम 64 मेगाबाइट (MB), (128 MB) हो तो बेहतर रहेगा।
- हार्ड डिस्क – न्यूनतम 1.5 गीगाबाइट (GB) या ज्यादा खाली जगह हो तो बेहतर रहेगा।
- ड्राइव – सीडी रोम या डीवीडी रोम।
विंडोज 7 के लिए जरूरी है:
- प्रोसेसर – 1 गीगाहर्ट्ज (GHz) या 32-बिट (x86) या 64-बिट (x64) या ज्यादा तेज प्रोसेसर हो तो बेहतर रहेगा।
- रैम – 1 गीगाबाइट (GB) (32-बिट) या 2 GB (64-बिट) हो तो बेहतर रहेगा।
- हार्ड डिस्क -16GB खाली जगह (32-बिट) या 20 GB (64-बिट) हो तो बेहतर रहेगा।
- ड्राइवर – DirectX 9 ग्राफिक्स डिवाइस के साथ WDDM 1.0 या उच्चतर डाइवर हो तो बेहतर होगा।
विंडोज 8 के लिए जरूरी है:
- प्रोसेसर – 1 गीगाहर्ट्ज (GHz) या PAE, NX एवं SSE2 या स्पोर्ट युक्त तेज प्रोसेसर हो तो बेहतर रहेगा।
- रैम – 1 गीगाबाइट (GB) (32-बिट) या 2 GB (64-बिट) हो तो बेहतर रहेगा।
- हार्ड डिस्क – 16GB (32-बिट) या 20 GB (64-बिट) या ज्यादा खाली जगह हो तो बेहतर रहेगा।
- ग्राफिक कार्ड – Microsoft DirectX 9 ग्राफिक्स डिवाइस WDDM ड्राइवर सहित ग्राफिक कार्ड हो तो बेहतर रहेगा।
विंडोज 10 के लिए जरूरी है:
- प्रोसेसर – 1 गीगाहर्ट्ज (GHz) या तेज प्रोसेसर हो तो बेहतर रहेगा।
- रैम – 1 गीगाबाइट (GB) (32-बिट) या 2 GB (64-बिट) हो तो बेहतर रहेगा।
- हार्ड डिस्क – 16 GB (32-बिट) या ज्यादा खाली जगह हो तो बेहतर रहेगा।
- ग्राफिक कार्ड – WDDM ड्राइवर के साथ Microsoft DirectX 9 ग्राफिक्स डिवाइस WDDM ड्राइवर सहित ग्राफिक कार्ड हो तो बेहतर रहेगा।
- माइक्रोसॉफ्ट अकाउंट और इंटरनेट।
विंडोज 11 के लिए जरूरी है:
- प्रोसेसर – 1 गीगाहर्ट्ज (GHz) या तेज प्रोसेसर 2 या अधिक कोर हो तो बेहतर रहेगा।
- रैम – न्यूनतम 4 GB हो तो बेहतर रहेगा।
- स्टोरेज – 64 GB या ज्यादा खाली जगह हो तो बेहतर रहेगा।
- सिस्टम फर्मवेयर – UEFI और सिक्योर बूट कैपेबल होना चाहिए।
- TPM – Trusted Platform Module (TPM) version 2.0 होना चाहिए।
- ग्राफ़िक्स कार्ड – WDDM 2.0 ड्राइवर के साथ Microsoft DirectX 12 ग्राफिक्स डिवाइस WDDM ड्राइवर सहित ग्राफिक कार्ड हो तो बेहतर रहेगा।
- माइक्रोसॉफ्ट अकाउंट और इंटरनेट।
विंडोज की विशेषताएं
विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में कई विशेषताएं उपलब्ध है। आइये जानें विंडोज की कुछ प्रमुख विशेषताओं के बारे में:
- यूजर-फ्रेंडली इंटरफ़ेस: विंडोज एक आसान और यूजर फ्रेंडली इंटरफ़ेस प्रदान करता है जो उपयोगकर्ताओं को अपने कंप्यूटर के साथ आसानी से नेविगेट करने और उपयोग करने की सुविधा देता है।
- मल्टीटास्किंग: विंडोज पर एक साथ कई प्रोग्राम चलाया और आसानी से उनके बीच स्विच किया जा सकता है।
- फ़ाइल मैनेजमेंट: विंडोज में एक पावरफुल फ़ाइल मैनेजमेंट सिस्टम मौजूद है, जिसका इस्तेमाल करके उपयोगकर्ता अपनी फ़ाइलों और फ़ोल्डरों को व्यवस्थित और एक्सेस कर सकते हैं।
- सॉफ्टवेयर कम्पेटिबिलिटी: विंडोज कई प्रकार के सॉफ्टवेयर ऍप्लिकेशन्स को सपोर्ट करता है।
- डिवाइस सपोर्ट: विंडोज अनेकों प्रकार के हार्डवेयर उपकरणों को सपोर्ट करता है, जिसमें प्रिंटर, स्कैनर, कैमरा, इत्यादि शामिल है, जिससे उपयोगकर्ताओं बाहरी उपकरणों को कनेक्ट करके उपयोग कर सकते है।
- नेटवर्किंग कैपेबिलिटीज: Windows में उपयोगकर्ता इंटरनेट से कनेक्ट हो सकते हैं, फ़ाइलें और प्रिंटर साझा कर सकते हैं और नेटवर्क संसाधनों तक पहुँच सकते हैं।
- सुरक्षा फीचर्स: उपयोगकर्ता अपनी डेटा और गोपनीयता की सुरक्षा के लिए Windows में मौजूद सुरक्षा सुविधाएँ, जैसे Windows Defender एंटीवायरस, फ़ायरवॉल सिक्योरिटी और सिक्योर लॉगिन विकल्प का उपयोग कर सकते है।
यदि आप विंडोज कंप्यूटर इस्तेमाल करते हैं तो आपको F1 to F12 Shortcut Keys और Control Key Shortcuts के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
निष्कर्ष
विंडोज पर्सनल कंप्यूटिंग का पर्याय बन गया है, जो लाखों उपयोगकर्ताओं को सरल और पॉवरफुल ऑपरेटिंग सिस्टम प्रदान करता है। यह हमें कई सुविधाएँ प्रदान करता है जिनमें कस्टमाइजेशन, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर डिवाइस कम्पेटिबिलिटी शामिल है। अपने व्यापक सॉफ्टवेयर सपोर्ट, कम्पेटिबिलिटी और निरंतर सुधार के साथ, विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम की दुनिया में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है।
FAQs
हां, आमतौर पर मौजूदा विंडोज संस्करण को नवीनतम रिलीज़ में अपग्रेड कर सकते हैं। Microsoft इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अपग्रेड विकल्प और टूल्स भी प्रदान करता है। हालाँकि, अपग्रेड करने से पहले सिस्टम आवश्यकताओं और कम्पेटिबिलिटी की जांच करना आवश्यक होता है।
विंडोज को मुख्य रूप से पीसी के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन ऐप्पल बूट कैंप असिस्टेंट समाधान के माध्यम से मैक कंप्यूटर पर विंडोज इनस्टॉल किया जा सकता है।
हाल के वर्षों में, माइक्रोसॉफ्ट पूरी तरह से नए संस्करणों के बजाय नियमित अपडेट और फीचर एन्हांसमेंट जारी करने के मॉडल की ओर बढ़ गया है। हालांकि, महत्वपूर्ण परिवर्तनों के साथ प्रमुख अपडेट अभी भी समय-समय पर पेश किए जाते हैं।
हाल के वर्षों में, माइक्रोसॉफ्ट पूरी तरह से नए संस्करणों को लाने के बजाय मौजूदा संस्करण को नियमित अपडेट करने और फीचर एन्हांसमेंट जारी करने पर ज्यादा ध्यान दिया है। हालांकि, प्रमुख अपडेट को महत्वपूर्ण बदलाओं के साथ अभी भी समय-समय पर पेश किए जाते हैं।
विंडोज मूल रूप से लिनक्स एप्लीकेशन को सपोर्ट नहीं करता है, लेकिन Windows Subsystem for Linux (WSL) जैसे थर्ड टूल्स उपलब्ध हैं जो विंडोज पर लिनक्स सॉफ्टवेयर चलाने में सक्षम हैं।
हां, विंडोज में बिल्ट-इन बैकअप और रिकवरी टूल पहले से मौजूद होते हैं जो सिस्टम बैकअप बनाने और रिस्टोर करने की सुविधा देते हैं।
विंडोज 10 होम, विंडोज 10 प्रो, विंडोज 10 एंटरप्राइज और विंडोज 10 एजुकेशन सहित विंडोज विभिन्न संस्करणों में उपलब्ध है। प्रत्येक संस्करण अलग-अलग सुविधाएँ प्रदान करता है और विशिष्ट उपयोगकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
अपने Windows कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए, एंटीवायरस का उपयोग जरूर करें। फ़ाइलों को डाउनलोड और खोलते समय या वेबसाइटों पर जाते समय सावधानी बरतें, और सुरक्षा खामियों को दूर करने के लिए नियमित रूप से विंडोज और अपने इंस्टॉल किए गए सॉफ़्टवेयर को अपडेट करें।