Secondary Memory क्या है और इसके प्रकार

Secondary memory क्या है (What is secondary memory in hindi)

सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस कंप्यूटर का एक हार्डवेयर कंपोनेंट है इसे सहायक स्टोरेज डिवाइस भी कहा जाता है। यह कंप्यूटर का एक हिस्सा है जिसे अलग से कंप्यूटर से जोड़ा जाता है। इसमें स्टोर किया गया डेटा स्थायी होता है, यानी कंप्यूटर के बंद होने पर स्टोर किया गया डेटा डिलीट नहीं होता है।

जरूरत के हिसाब से आप भविष्य में इसमें सेव की गई फाइल या फोल्डर को खोलकर देख या सुधार सकते हैं। प्राइमरी मेमोरी के मुकाबले सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता अधिक होती है। सेकेंडरी मेमोरी में फ्लॉपी डिस्क, हार्ड डिस्क, कंपैक्ट डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव, एसएसडी इत्यादि आते हैं।

Secondary memory का कार्य (work of secondary memory in hindi)

सेकेंडरी मेमोरी का कार्य पर्सनल डेटा, सॉफ्टवेयर डेटा और कंप्यूटर के सभी डेटा को स्टोर करना है, यह डेटा कुछ भी हो सकता है जैसे फोटो, वीडियो, मूवी, गाने, गेम, डॉक्यूमेंट आदि। सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है, इसलिए इसमें बहुत सारा डेटा आसानी से स्टोर किया जा सकता है।

Secondary memory के प्रकार (types of secondary memory)

सेकेंडरी मेमोरी के कुल 7 प्रकार है – Hdd, CD drive, Dvd, pendrive, Blue-ray disc, ssd, memory card.

  1. HDD – इसे Hard disk drive कहते हैं। इसमें सर्कुलर डिस्क में डाटा स्टोर होता है।
  2. CD – इसे Compact disk drive कहते हैं। इसमें पतली सी सर्कुलर डिस्क में डाटा स्टोर होता है
  3. DVD – इसे Digital versatile disc कहते हैं। इसमें भी पतली सी सर्कुलर डिस्क में डाटा स्टोर होता है CD के मुकाबले DVD की स्पीड ज्यादा होती है।
  4. Blue-Ray – इसे Blue-Ray disc कहते हैं। यह भी एक सर्कुलर डिस्क है इसमें DVD के मुकाबले ज्यादा स्टोरेज क्षमता होती है।
  5. Pendrive – यह आकार में बहुत छोटा होता है लेकिन इसकी स्टोरेज कैपेसिटी ज्यादा होती है। इसे फ्लैश ड्राइव भी कहते हैं।
  6. Memory card – यह आकार में पेनड्राइव से भी छोटा होता है और इसकी स्टोरेज कैपेसिटी भी ज्यादा होती है।
  7. SSD – इसे Solid State drive कहते हैं। यह अब तक की सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी है इसकी खास बात यह है कि इसकी speed अन्य स्टोरेज डिवाइस की तुलना में सबसे अधिक है।

Secondary memory के फ़ायदे (benifits of secondary memory)

  • यह सभी प्रकार का डाटा स्टोर कर सकता है।
  • किसी भी प्रकार के डाटा को परमानेंट स्टोर करके रखा जा सकता हैं।
  • प्राइमरी मेमोरी के मुकाबले सेकेंडरी मेमोरी की कीमत कम होती है।
  • इसका उपयोग करना आसान है।
  • इसकी मदद से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं।

Primary memory और secondary memory में अंतर

Primary memory Secondary memory
यह एक temporary memory है। यह एक permanent memory है।
यह volatile memory है। यह non-volatile memory है।
स्टोरेज की क्षमता कम होती है। स्टोरेज की क्षमता ज्यादा होती है।
यह एक फास्ट मेमोरी है। सेकेंडरी मेमोरी स्लो होती है।
यह expensive है।यह non-expensive है।
उदाहरण- Ram, Rom. उदाहरण- Hdd, SSD, etc.

Secondary memory के Disadvantages

  • सेकेंडरी मेमोरी स्लो होती है।
  • डाटा रिकवरी करना बहुत मुश्किल है।
  • खराब होने पर ठीक करना मुश्किल है।

Price list of secondary memory

  • Hdd 1Tb – Rs.3000
  • CD drive 4Gb – Rs.100
  • Dvd 8Gb – Rs.150
  • pendrive 32Gb – Rs.400
  • Blue-ray disc 12gb – Rs.250
  • ssd 1Tb – Rs.10,000
  • memory card 128Gb – Rs.1000

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