आमतौर पर हम कंप्यूटर के डेटा को स्टोरेज डिवाइस यानी हार्डड्राइव और एसएसडी में स्टोर करते हैं, लेकिन कई कंपनियां और बिजनेस स्टार्टअप अपने डिजिटल डेटा को इंटरनेट पर स्टोर करते हैं। इंटरनेट पर डेटा स्टोर करके इसे प्रोसेस भी किया जा सकता है, यह सब क्लाउड कंप्यूटिंग के कारण ही संभव है, आज हम जानेंगे कि क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है और क्लाउड कंप्यूटिंग कितने प्रकार के होते है।
Table of contents
- क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है?
- क्लाउड कंप्यूटिंग का इतिहास | History of cloud computing
- Cloud computing के प्रकार | types of cloud computing in hindi
- Cloud computing के Delivery Models
- Cloud computing के उदाहरण | Examples of cloud computing
- Cloud computing का उपयोग | use of cloud computing in hindi
- Cloud computing के फायदे | advantages of cloud computing in hindi
- Traditional computing और Cloud computing में अंतर
- Best service providers of cloud computing
क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है?
जब इंटरनेट के माध्यम से कोई भी सेवा (service) अदृश्य कंप्यूटर और सर्वर के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है तो उसे cloud computing कहते हैं। यह कोई भी सर्विस हो सकती है, जैसे कि cloud based स्टोरेज सर्विस, ई-मेल सर्विस, cloud gaming या कंप्यूटर से संबंधित अन्य साधन जैसे Google cloud, Amazon Web server, Microsoft Azure, IBM cloud तथा अन्य होस्टिंग सर्विस भी क्लाउड कंप्यूटिंग के ही उदाहरण हैं।
आसान शब्दों में कहें तो हर वो सेवा (service) जो हम ऑनलाइन उपयोग करते हैं वह क्लाउड कंप्यूटिंग है। यूट्यूब में वीडियो देखना, ऑनलाइन गेम खेलना या फिर ऑनलाइन एग्जाम दिलाना ये सब क्लाउड कंप्यूटिंग पर निर्भर है और आज जो आप ये लेख पढ़ पा रहे हैं यह भी क्लाउड कंप्यूटिंग और क्लाउड स्टोरेज का कमाल हैं।
Cloud computing एक ऐसा सिस्टम है जो इंटरनेट की मदद से डाटा को ऑनलाइन मैनेज, स्टोर और प्रोसेस करता हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करना आसान है और यह हमारे डाटा को सुरक्षित रखता हैं।
क्लाउड कंप्यूटिंग का इतिहास | History of cloud computing
1960 के दशक में क्लाउड कंप्यूटिंग का जन्म हुआ, इस दौर में इंटरनेट बहुत कम स्थानों पर मौजूद था साथी इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम थी। इसलिए क्लाउड कंप्यूटिंग को इस दौर में विकसित नहीं किया गया।
आगे चलकर जब इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल होने लगा और उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ने लगी तब 1990 में Scaleforce नाम की एक कंपनी ने क्लाउड कंप्यूटिंग सेवा की शुरुआत की शुरुआती दौर में क्लाउड कंप्यूटिंग के कुछ ही सर्विस उपलब्ध थें।
सन् 2000 के बाद, जब लोगों को क्लाउड कंप्यूटिंग की सेवा पसंद आने लगी और बिजनेस कंपनियों को इसकी आवश्यकता पड़ने लगी तब गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, ऐमेज़ॉन जैसी बड़ी कंपनी द्वारा क्लाउड कंप्यूटिंग की सेवाएं चालू की गई।
समय के साथ क्लाउड कंप्यूटिंग को विकसित किया गया और इसका इस्तेमाल सभी क्षेत्रों में होने लगा, आज के इस युग में जितने भी सेवाएं इंटरनेट से ली जाती है वह सेवा क्लाउड कंप्यूटिंग के द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं।
Cloud computing के प्रकार | types of cloud computing in hindi
क्लाउड कंप्यूटिंग सिस्टम कई प्रकार के होते हैं, क्लाउड कंप्यूटिंग को अलग-अलग कार्यों के अनुसार डिजाइन किया जाता है। परिनियोजन(deployment) मॉडल के आधार पर क्लाउड कंप्यूटिंग के चार प्रकार होते हैं public cloud, private cloud, community cloud और hybrid cloud.
Public cloud
इस तरह के क्लाउड थर्ड पार्टी क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा संचालित होते हैं जो सरवर और स्टोरेज जैसे सर्विसेस को इंटरनेट के द्वारा उपलब्ध करवाते हैं। इस तरह की सर्विस में सभी हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सहायक इंफ्रास्ट्रक्चर क्लाउड प्रोवाइडर द्वारा ही खरीदे और मैनेज किए जाते हैं।
Private cloud
प्राइवेट क्लाउड किसी व्यवसाय या संगठन के लिए होता है जोकि कंपनी के डाटा सेंटर पर स्थित भी हो सकता है या कंपनी के द्वारा थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर से मैनेज करवाया जा सकता हैं।
Community cloud
इस तरह के क्लाउड को ग्रुप के लिए बनाया जाता है ताकि उस ग्रुप और कम्युनिटी के लोग ही इस सर्विस का उपयोग कर सके।
Hybrid cloud
यह पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड का मिश्रण है, बड़ी-बड़ी बिजनेस कंपनी हाइब्रिड क्लाउड का उपयोग करती हैं।
Cloud computing के Delivery Models
सर्विस मॉडल के आधार पर क्लाउड कंप्यूटिंग के तीन डिलीवरी मॉडल्स हैं SAAS, PAAS और IAAS. आसान शब्दों में क्लाउड कंप्यूटिंग के 3 सर्विस लेयर है जिन्हें डिलीवरी(Delivery) मॉडल्स कहते हैं।
SAAS
इसका पूरा नाम software as a service हैं। यह सॉफ्टवेयर सर्विस उपलब्ध करवाती हैं, इसमें यूजर को अपने कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती है और इसकी कीमत बहुत कम होती हैं।
PAAS
इसका पूरा नाम platform as a service हैं। यह सर्विस सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन को डिवेलप, टेस्ट, डिलीवर और मैनेज करने के लिए इन्वायरमेंट(virtual hardware system) सप्लाई करती है साथ ही यह सर्विस वेब और मोबाइल एप्स को तुरंत बनाने के लिए डिजाइन की गई हैं।
IAAS
इसका पूरा नाम infrastructure as a service हैं। इसमें यूजर क्लाउड प्रोवाइडर्स से अपनी जरूरत के अनुसार उपकरण किराए पर ले सकता है, इन उपकरणों में डाटा स्टोरेज, वर्चुलाइजेशन, सरवर और नेटवर्क शामिल हैं।
Cloud computing के उदाहरण | Examples of cloud computing
क्लाउड कंप्यूटिंग के ऐसे कई उदाहरण हैं जिनका उपयोग हम हर दिन जाने-अनजाने में करते हैं जैसे कि-
Google drive
गूगल कंपनी के द्वारा बनाया गया गूगल ड्राइव एक ऐसा एप्लीकेशन और वेबसाइट है जिसमें हम photos, videos और documents upload कर सकते हैं। इन सभी फाइल्स को हम गूगल ड्राइव में जाकर देख सकते हैं साथ ही ऑनलाइन एडिट भी कर सकते हैं।
Online games
काफी सारे ऑनलाइन गेम्स का डाटा ऑनलाइन सर्वर पर अपलोड रहता है, कंप्यूटर और स्मार्टफोन में हम ऑनलाइन गेम्स का एप्लीकेशन डाउनलोड करके सीधे ऑनलाइन सरवर के माध्यम से बिना किसी डाटा फाइल के ऑनलाइन गेम्स खेल सकते हैं।
Web hosting
Web hosting का मतलब है वेबसाइट का स्टोरेज जहां पर वेबसाइट का डाटा स्टोर रहता है, web hosting में हम डाटा स्टोर करके डाटा को वेबसाइट की मदद से ऑनलाइन दिखा सकते हैं, वेब होस्टिंग क्लाउड कंप्यूटिंग का एक शानदार उदाहरण हैं।
Cloud computing का उपयोग | use of cloud computing in hindi
आज की तकनीकी दुनिया में क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल शिक्षा से लेकर अस्पताल और आईटी(IT) कंपनी से लेकर ट्रैफिक तक हर क्षेत्र में हो रहा है।
Online Exam – स्कूल और कॉलेज में ऑनलाइन परीक्षा दिलाने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग किया जाता है, जहां पर किसी एक सरवर में यानी मेन कंप्यूटर पर प्रश्न पत्र अपलोड किया जाता है और अन्य कंप्यूटर से उस प्रश्न पत्र को देखा और दिलाया जाता है, जितने भी ऑनलाइन कंपटीशन परीक्षाएं होती है वह क्लाउड कंप्यूटिंग के जरिए होती हैं।
Data Storing – photos, videos, softwares तथा अन्य डॉक्यूमेंट फाइल को इंटरनेट में स्टोर करने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग किया जाता हैं। इंटरनेट में डाटा को क्लाउड स्टोरेज में रखा जाता है, क्लाउड स्टोरेज में डाटा वायरस से सुरक्षित रहता है, इसलिए महत्वपूर्ण डाटा को क्लाउड स्टोरेज में रखा जाता हैं।
Gaming – Pubg, call of duty, GTA5 जैसे अन्य ऑनलाइन गेम्स क्लाउड कंप्यूटिंग के बदौलत कार्य करते हैं ऑनलाइन गेम्स की फाइल सर्वर पर अपलोड रहती है और सरवर को क्लाउड कंप्यूटिंग मैनेज करता हैं, इसलिए ऑनलाइन गेम खेलने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग की जरूरत पड़ती हैं।
File Sharing – cloud computing आधारित सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन के मदद से फाइल शेयर की जाती है, ऑनलाइन फाइल शेयर करने के लिए सबसे ज्यादा गूगल ड्राइव सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता हैं।
Cloud computing के फायदे | advantages of cloud computing in hindi
Low price – अन्य हार्डवेयर डिवाइस और कंप्यूटर सिस्टम के मुकाबले क्लाउड कंप्यूटिंग सिस्टम की कीमत काफी कम होती है। क्लाउड कंप्यूटिंग को अपने जरूरत के अनुसार खरीदा जा सकता है, इसमें नेटवर्क, सिस्टम, डाटा, प्रोसेसिंग यूनिट तथा अन्य कंपोनेंट्स शामिल हैं।
Unlimited storage – 1Gb से लेकर 100TB तक के स्टोरेज को उपयोग में लाया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर क्लाउड कंप्यूटिंग के स्टोरेज को बढ़ाया भी जा सकता हैं।
Anywhere access – किसी भी स्थान से जहां पर इंटरनेट मौजूद है वहां से क्लाउड कंप्यूटिंग के डाटा को स्मार्टफोन और कंप्यूटर के जरिए मैनेज कर सकते हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग के डाटा को मैनेज करने के लिए एक सिस्टम की जरूरत पड़ती है जिसमें इंटरनेट मौजूद हो।
Powerful and Speed – एक नॉर्मल कंप्यूटर सिस्टम के मुकाबले क्लाउड कंप्यूटिंग सिस्टम की स्पीड काफी ज्यादा तेज होती है साथ ही क्लाउड कंप्यूटिंग बहुत पावरफुल होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पॉवरफुल प्रोसेसर और हाई एंड हार्डवेयर कंपोनेंट लगे हुए होते हैं।
Easy to use – क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करना बहुत आसान है जिस प्रकार हम google drive में फाइल अपलोड करते हैं उसी प्रकार से क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग किया जाता हैं।
Traditional computing और Cloud computing में अंतर
Traditional computing | Cloud computing |
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डाटा लोकल सर्वर पर स्टोर रहता हैं। | डाटा क्लाउड सर्वर पर स्टोर रहता हैं। |
डाटा को केवल उसी स्थान से एक्सेस किया जा सकता हैं। | किसी भी स्थान से डाटा एक्सेस कर सकते हैं। |
ट्रेडिशनल कंप्यूटिंग का स्टोरेज सस्ता होता हैं। | क्लाउड कंप्यूटिंग का स्टोरेज बहुत महंगा होता हैं। |
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग नहीं होता हैं। | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाता हैं। |
ट्रेडिशनल कंप्यूटिंग इंटरनेट के बिना उपयोग किया जा सकता हैं। | इंटरनेट के बिना उपयोग नहीं किया जा सकता हैं। |
सिर्फ लोकल सिक्योरिटी का उपयोग किया जा सकता हैं। | इसमें बहुत सारे सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता हैं। |
Best service providers of cloud computing
- Google cloud
- IBM cloud
- AWS
- Microsoft AZURE
- Alibaba cloud
बहुत-बहुत dhanyvad is technical Jankari ke liye