इंटरनेट का मालिक कौन है? (Who Owns Internet?)

जिस तरह हम अपने दैनिक जीवन के लिए इंटरनेट पर निर्भर हो रहे हैं, यह आश्चर्य करना स्वाभाविक है कि इंटरकनेक्टेड सिस्टम के इस विशाल नेटवर्क यानी इंटरनेट का मालिक कौन है। इसका जवाब बिल्कुल भी आसान नहीं है, क्योंकि इंटरनेट को कई संगठनों द्वारा मिलकर चलाया जाता है।

इस लेख में, हम इंटरनेट की स्वामित्व संरचना और विभिन्न संगठनों और संस्थाओं को जानेंगे जो इसके संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इंटरनेट का मालिक कौन है?

इंटरनेट को अक्सर एक साझा संसाधन (shared resource) के रूप में जाना जाता है, जिसे हर कोई एक्सेस कर सकता है। इंटरनेट किसी एक इकाई (entity) के स्वामित्व में नहीं है, और ना ही यह किसी भी सेंट्रल अथॉरिटी द्वारा नियंत्रित नहीं है। अर्थात इंटरनेट का कोई एक मालिक नहीं है।

जैसा की हम जानते हैं इंटरनेट अनेक छोटे बड़े कंप्यूटर नेटवर्क के आपस में जुड़ने से बना है, जिसकी वजह से इंटरनेट पर अनेक संस्थानों, निगमों, सरकारी उपक्रमों, शिक्षण संस्थाओं, व्यक्तिगत संस्थानों तथा विभिन्न सेवा प्रदाताओं (Service Providers) का थोड़ा-थोड़ा स्वामित्व माना जा सकता है।

इंटरनेट की कार्यप्रणाली की देखरेख करने तथा उनके अंतर्राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने का कार्य कुछ स्वैच्छिक अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं करती हैं। कुछ प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थाए हैं—

  • ISOC (Internet Society) : यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसे 1992 में इंटरनेट से संबंधित मानकों (Standards), प्रोटोकॉल तथा नीतियों (Policies) का विकास करने, और उपयोग को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ लोगों को इंटरनेट के संबंध में शिक्षित बनाने के लिए स्थापित किया गया था।
  • Internet Architecture Board (IAB) : यह संस्थान इंटरनेट सोसायटी (ISOC) द्वारा निर्धारित नियमों के तहत इंटरनेट के लिए आवश्यक तकनीकी और इंजीनियरिंग विकास का कार्य करता है।
  • ICANN (Internet Corporation for Assigned Names & Numbers) : ICANN 1998 में स्थापित की गई एक गैर-लाभकारी संगठन (Not-For-Profit Organisation) है जो मान्यता प्राप्त डोमेन रजिस्ट्रार के माध्यम से इंटरनेट की एड्रेसिंग सिस्टम की रीढ़ DNS का प्रबंधन करता है। यह IP Address और Domain name प्रदान करने के साथ उसके मानकों के निर्धारण का भी कार्य करता है।
  • Internet Assigned Numbers Authority (IANA) : यह संगठन ICANN के अंतर्गत इंटरनेट पर IP एड्रेस आबंटन और डोमेन नाम सिस्टम में रूट ज़ोन प्रबंधन के अलावा इंटरनेट के अन्य बुनियादी प्रोटोकॉल-संबंधित प्रतीकों और इंटरनेट नंबरों की देखरेख करता है।
  • Domain Name Registrars: डोमेन नाम रजिस्ट्रार वे कंपनियां हैं जो व्यक्तियों और संगठनों के लिए डोमेन नाम पंजीकृत करने की सेवा प्रदान करती हैं। ये रजिस्ट्रार ICANN द्वारा मान्यता प्राप्त होते हैं।
  • IRTF (Internet Research Task Force) : IRTF इंटरनेट इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह इंटरनेट के विकास में योगदान देने वाले शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों को एक साथ आने और नई प्रौद्योगिकियों और इनोवेशन के साथ इंटरनेट में सुधार करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • IETF (Internet Engineering Task Force) : IETF ने इंटरनेट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इसके मानकों को दुनिया भर के संगठनों और सरकारों द्वारा अपनाया गया है। IETF नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करती है, जिसकी वजह से यह इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर का एक महत्वपूर्ण घटक है।
  • W3C (Word Wide Web Consortium) : W3C एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो वर्ल्ड वाइड वेब के लिए मानकों और दिशानिर्देशों को विकसित और निर्धारित करती है। इसकी स्थापना 1994 में वर्ल्ड वाइड वेब के आविष्कारक टिम बर्नर्स-ली ने की थी और इसका मुख्यालय मैसाचुसेट्स, USA में है। यह संस्था सदस्य संगठनों से बना है, जिसमें कंपनियां, सरकारी एजेंसियां और अन्य संगठन, साथ ही व्यक्तिगत सदस्य भी हैं।
  • Internet service providers (ISPs) : Jio, Airtel और BSNL जैसे इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) केबल, टावर, राउटर जैसे भौतिक बुनियादी ढांचे के मालिक होते हैं। लेकिन, वे स्वयं इंटरनेट के मालिक या नियंत्रण नहीं करते हैं और ना ही यह अधिकार रखते हैं की उस पर क्या होता है।

इंटरनेट गवर्नेंस

इंटरनेट मूल रूप से 1970 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका में DARPA जैसी एजेंसियों के लिए काम करने वाले शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया था। समय के साथ, जैसे-जैसे इंटरनेट एक वैश्विक उपयोगिता में विकसित हुआ, किसी भी सरकार, कंपनी या संगठन ने इसका स्वामित्व नहीं लिया।

जबकि कुछ समूह इंटरनेट के विभिन्न पहलुओं के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, कोई भी इकाई नहीं है जो पूरे इंटरनेट का मालिक है या नियंत्रित करती है। यह एक विकेन्द्रीकृत प्रणाली है जो दुनिया भर के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के प्रतिभागियों के बीच सहयोग पर निर्भर करती है।

निजी कंपनियां और इंटरनेट

जैसा की इंटरनेट का कोई एक मालिक नहीं है, इसलिए निजी कंपनियां इसके बुनियादी ढांचे और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

इंटरनेट एक्सेस प्रदान करने वाली कंपनियां Reliance Jio, Airtel, Vodafone Idea, BSNL, ACT Fibernet, APSFL, MTNL. Excitel जैसी कई लाभकारी संस्थाएं (for-profit entities) हैं, जो अत्यधिक प्रतिस्पर्धी के भीतर काम करती हैं। ये कंपनियां इंटरनेट के बुनियादी ढांचे – फाइबर ऑप्टिक केबल, डेटा सेंटर और नेटवर्क उपकरण में भारी निवेश करती हैं जो इंटरनेट को मज़बूत बनाता है।

इंटरनेट एक्सेस प्रदान करने के अलावा, निजी कंपनियां नई प्रौद्योगिकियों और सेवाओं के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उदाहरण के लिए, Google, Amazon और Facebook जैसी कंपनियों ने सर्च इंजन, क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म जैसी कई लोकप्रिय ऑनलाइन सेवाओं को विकसित किया है जिनका हम आज उपयोग करते हैं।

इंटरनेट में सरकार की भागीदारी

सरकारें इंटरनेट के नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, हालांकि उनकी भागीदारी अक्सर विवादास्पद होती है। दुनिया भर में कई सरकारों ने कानून और नियम बनाए हैं जो इंटरनेट को प्रभावित करते हैं, जैसे – डेटा गोपनीयता कानून, साइबर सुरक्षा कानून और इंटरनेट सेंसरशिप कानून।

कुछ सरकारों ने इंटरनेट के नियंत्रण में अधिक सक्रिय भूमिका निभाई है, जैसे कि चीन, जिसने अपना इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर और सेंसरशिप विकसित किया है। वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी सरकारों ने यह मानते हुए कि इंटरनेट सेल्फ रेगुलेटेड होना चाहिए, अधिक छूट दी है।

सरकार और इंटरनेट

विभिन्न देशों में सरकारी एजेंसियां अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर इंटरनेट से संबंधित नीतियों और कानूनों को विकसित और लागू करती हैं। हालांकि, कोई भी राष्ट्रीय सरकार अकेले वैश्विक इंटरनेट बुनियादी ढांचे का मालिक नहीं है और ना ही इसे संचालित करती है।

निष्कर्ष

इंटरनेट एक जटिल इकाई है जो किसी एक इकाई के स्वामित्व में नहीं है। इसके बजाय, इसमें सरकारों, निजी कंपनियों, गैर-लाभकारी संगठनों सहित कई इकाई शामिल हैं।

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