USB या Universal Serial Bus तकनीक अपनी बेहद शक्तिशाली उपयोगिताओं के कारण आम बोलचाल का हिस्सा बन गया है। यह कंप्यूटर से लेकर खिलौनों तक में होता है, आज के समय में अधिकांश सभी चीजों में USB की सुविधा होती है , चाहे वह उपकरण को पावर देने के लिए हो या डाटा ट्रांसफर करने के विकल्प के रूप में। तो चलिए जाने यूएसबी क्या होता है।
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यूएसबी का परिचय, यह क्या है?
USB का मतलब यूनिवर्सल सीरियल बस है। यह एक हार्डवेयर इंटरफ़ेस है जो कम्पूटरो और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच कनेक्शन के लिए प्रयुक्त होता है, आमतौर पर USB का प्रयोग दो उपकरणों के मध्य डेटा स्थानांतरित करने के उद्देश्य से होता है, हालाँकि USB कनेक्शन से उपकरणों में पॉवर यानि बिजली भी प्रदान की जा सकती है।
USB के पहले व्यावसायिक संस्करण यूएसबी 1.0 को साल 1996 में विकसित किया गया था ताकि उपकरणों को सिर्फ एक केबल का उपयोग करके कंप्यूटर से जोड़ा जा सके। हालाँकि इसका सबसे पहला संस्करण यूएसबी 0.8 को साल 1994 में पेश किया गया था लेकिन उसे आम लोगो के लिए लांच नहीं किया गया। वर्तमान में यह बाह्य उपकरणों को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए सबसे लोकप्रिय मानक है।
साल 1997 से USB के लोगो के बीच आने के बाद से ही यह बेहद तेजी से कंप्यूटर में बाह्य उपकरणों जैसे कीबोर्ड, माउस, डाटा स्टोरेज विकल्प, हार्ड डिस्क, इत्यादि को जोड़ने का मानक प्रारूप बनते गया। वर्तमान में यह कंप्यूटर परिधीय कनेक्शन (computer peripheral connection) तकनीक बाह्य उपकरणों को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए सबसे लोकप्रिय मानक है।
इसके तेजी से लोकप्रिय होने की वजह इसकी बढ़ती डाटा ट्रांसफर की गति और इसके आकर को मान जाता है। और दूसरी सबसे बड़ी वजह है इसको पावर स्त्रोत कंप्यूटर से ही सीधे मिल जाता है। अभी के USB 3.2 की गति को देखें तो यह 20Gb प्रति सेकंड बैंडविड्थ की गति से डाटा ट्रांसफर कर सकता है।
कंप्यूटर यूएसबी का विकास
यूएसबी का अविष्कार इंटेल में काम रहे कंप्यूटर आर्किटेक्चर अजय भट्ट ने किया था। इनका मुख्य उद्देश्य पर्सनल कम्प्यूटरों से सीरियल पोर्ट और पैरेलल पोर्ट का एक ही समाधान खोजने का था।
उनके इस अविष्कार को देखने के बाद साल 1995 के नवंबर महीने से DEC, आईबीएम, नोर्टेल, NEC, इंटेल और माइक्रोसॉफ्ट सभी सातों कंपनियों ने मिलकर USB के विकास कार्य का शुरुवात किया और इस अविष्कारक समूह का नेतृत्व अजय भट्ट ने ही किया।
यूएसबी पोर्ट वाला पहला कंप्यूटर
साल 1998 में एप्पल कंपनी ने एप्पल iMac G3 लांच किया जो की दुनिया का सबसे पहला केवल USB पोर्ट वाला कंप्यूटर है मतलब इसमें और दूसरे तरह के कनेक्टिविटी के साधन नहीं थे जैसे सीरियल पोर्ट, पैरेलल पोर्ट, या एक्सटर्नल डिवाइस कनेक्टिविटी।
पहली यूएसबी फ्लैश ड्राइव का आविष्कार
वैसे तो यूएसबी फ़्लैश ड्राइव का अविष्कार करने का दवा कई लोग करते है लेकिन “USB-based PC flash disk” का पेटेंट पहली बार 5 अप्रैल 1999 में इसरायली कंपनी M-Systems के द्वारा भरा गया था। यह कंपनी वर्तमान में वजूद में नहीं है क्योकि इसे 2006 में SanDisk ने अधिग्रहित कर लिया था।
M-Systems के द्वारा भरे गए पेटेंट की अनुमति बाद में 14 नवंबर 2000 को दी गई इसके बाद उसी साल पहले फ़्लैश ड्राइव / पेन ड्राइव को जारी किया गया जिसे आईबीएम और ट्रेक टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा साल 2000 अंत होते होते फ़्लैश ड्राइव बेचा जाने लगा।
USB के संस्करण
इस सूचि में आप अब तक के सभी USB संस्करणों के रिलीज़ डेट, कार्यविधि और दूसरी जरुरी जानकारियों को जानेनेगे।
USB 0.8
साल 1994 के दिसंबर महीने में USB के सबसे शुरुवाती संस्करण USB 0.8 को जारी किया गया था। हालाँकि इसे व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं किया गया था।
USB 0.9
1995 के अप्रैल महीने में USB 0.9 संस्करण को जारी किया गया था लेकिन यह भी प्री रिलीज़ संस्करण 0.8 के जैसे ही व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं था।
USB 0.99
साल 1995 में ही USB के एक और संस्कारण 0.99 को अगस्त महीने में जारी किया गया था परन्तु यह भी पहले संस्करणों की तरह ही सभी के लिए उपलब्ध नहीं हो पाया।
USB 1.0
1996 के पहले महीने जनवरी में USB के पहले व्यापारिक संस्करण USB 1.0 को जारी किया गया जिसकी डाटा ट्रांसफर करने की गति 12 Mbps थी।
USB 1.1
साल 1998 के अगस्त महीने में USB 1.1 संस्करण को जारी किया गया। इस संस्करण को बाजार में लोगो की अछि प्रतिक्रिया मिली जिसकी वजह से बहुत अधिक USB डिवाइस की बिक्री होने लगी।
USB 2.0
साल 2000 के अप्रैल महीने में यूएसबी 2.0 लांच किया गया और कहा गया गया की इसकी डाटा ट्रांसफर रेट 480 Mbps तक की है, हालाँकि इसके परिक्षण के परिणाम में इसकी अधिकतम डाटा ट्रांसफर रेट 280 Mbps तक ही देखने मिली।
USB 3.0
12 नवंबर 2008 को आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाले USB 3.0 को जारी किया गया जो की हमें 5 Gbps तक की गति से डाटा ट्रांसफर करने की सुविधा देती है।
USB 3.1
जुलाई 2013 में USB 3.1 को जारी किया गया जिसका डाटा ट्रांसफर रेट 10 Gbps है यानि USB 3.0 के मुकाबले दोगुना है।
USB 3.2
सितम्बर 2017 में USB 2.0 को रिलीज़ किया गया और इसकी गति 20 Gbps डाटा ट्रांसफर रेट तक की है। इसके लांच के साथ ही USB टाइप C कनेक्टर को पेश किया गया।
USB 4.0
साल 2019 के अगस्त महीने में USB Implementers Forum द्वारा USB 4.0 संस्करण को पेश किया गया। USB 4.0 थंडरबोल्ट 3 प्रोटोकॉल पर आधारित है जिसमे 40 Gbps तक डाटा ट्रांसफर करने की क्षमता है।
USB पोर्ट क्या है?
USB port एक प्लग एंड प्ले कनेक्टर इंटरफ़ेस है जिसकी सहायत से ही डिवाइस को कम्प्यूटर से कनेक्ट किया जा सकता है। USB पोर्ट पर ही USB कनेक्टर को प्लग किया जाता है।
वैज्ञानिको द्वारा इसे बनाने का शुरुवाती उद्देश्य कीबोर्ड और माउस को कम्प्यूटर से जोड़ने का था। परन्तु आज सभी तरह के डिवाइस में इसके इस्तेमाल होते है। यूएसबी पोर्ट को सीरियल बस के नाम से भी जाना जाता है क्योकि इसमें सीरियल कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल का प्रयोग होता है।
USB केबल कैसे काम करता है
USB केबल में चार तार होते हैं: ground, power, data, and signal. ग्राउंड वायर डिवाइस के लिए यह निर्धारित करता है की वोल्टेज स्तर सकारात्मक या नकारात्मक है। Power का तार डिवाइस को बिजली की आपूर्ति करता है। डेटा वायर दो उपकरणों के बीच डेटा प्रसारित करता है। अंत में, सिग्नल वायर डेटा सिग्नल को वहन (carries) करता है।
यूएसबी कनेक्टर के प्रकार (USB connector types)
USB के अविष्कार से लेकर अब तक USB कनेक्टर के कई प्रकार बनाये जा चुके है जिनके अलग अलग डिज़ाइन और इस्तेमाल है। तथा इनकी अपनी अलग अलग खासियतें और कमियां है। तो आइये जाने यूएसबी के सभी प्रकारो को :
USB Type A Connector
USB Type A कम्प्यूटर जगत का मानक कनेक्टर है जिसे कम्प्यूटरों में बाह्य उपकरण जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह साल 1994 से वजूद में है इसे USB अविष्कार करने वाले समूह के द्वारा बनाया गया था। तथा इसकी लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ते जा रही है।
USB Type B Connector
USB Type B कनेक्टर यूएसबी टाइप A आकर में छोटा होता है। यह पुराने कम्प्यूटर उपकरणों में पाया जाता है इसलिए आपको इसकी जरुरत नहीं पड़ने वाली है। यह कनेक्टर से पावर डिलीवरी नहीं कर सकता इसलिए इसके डिवाइस में अलग से पावर एडाप्टर लगाना पड़ता है।
USB Type C Connector
टाइप C सबसे डिवाइस को कनेक्ट करने के लिए सबसे आधुनिक मानक है। यह आकर में छोटा लेकिन डाटा ट्रांसफर करने और डिवाइस चार्जिंग में बहुत तेज है साथ ही इसे पावर एफिसिएंट भी माना जाता है। USB Type C पुराने कनेक्टर संस्करणों से बहुत मजबूत भी है।
असल में यह USB कनेक्टर का नवीनीकृत संस्करण है। इसे “रिवर्सिबल USB टाइप-A” के रूप में भी जाना जाता है क्योकि इसकी अंदरूनी बनावट USB Type A कनेक्टर की तरह ही होता है। इसका पुराने संस्करण वाले USB 2.0 या 3.0 पोर्ट्स वाले डिवाइस पर भी परस्पर किया जा सकता है।
Micro USB
इस प्रकार के यूएसबी कनेक्टर को सामान्यतः मोबाइल फ़ोन्स, टेबलेट और लैपटॉप में देखा जा सकता है। यह बहुत ही छोटा और इस्तेमाल करने में आसान होता है। हालांकि यह अधिक डाटा रेट को सपोर्ट नहीं करता।
Mini USB
मिनी यूएसबी माइक्रो USB की तुलना में और भी छोटा होता है। इसे स्मार्टफोन और टेबलेट जैसे पोर्टेबल डिवाइस के चार्जिंग के लिए बेहतर माना जाता था।
Lightning Connector
Lightning USB कनेक्टर माइक्रो और मिनी USB की तुलना में उच्च डाटा रेट का समर्थन करता है। यह आकर में माइक्रो USB से भी बड़ा होता है और इसका इस्तेमाल प्रिंटर और हार्ड ड्राइव जैसे बाह्य उपकरणों को जोड़ने के लिए किया जाता है।
यूएसबी के उपयोग
इसका उपयोग कंप्यूटर सिस्टम से की-बोर्ड, माउस, कैमरा और प्रिंटर जैसे बाह्य उपकरणों को जोड़ने के लिए किया जाता है। तथा बाहरी हार्ड ड्राइव या फ्लैश ड्राइव के उपयोग के माध्यम से डेटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में स्थानांतरित करने के लिए किया जा सकता है। लिसके अलावा इसका उपयोग स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे उपकरणों को चार्ज करने के लिए भी किया जाता है।
यूएसबी उपकरणों को आपस में जोड़ने का सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक बन गया है जिसे कई तरह से उपयोग किया जाता है। जिसके कुछ उदहारण है :
- कंप्यूटर में प्रिंटर कनेक्ट करना
- कैमरा को कंप्यूटर से कनेक्ट करना
- कंप्यूटर में कीबोर्ड जोड़ना
- कंप्यूटर में माउस जोड़ना
- कंप्यूटर में हार्डडिस्क जोड़ना
- कंप्यूटर में स्कैनर जोड़ना
- स्मार्टफोन को कंप्यूटर से कनेक्ट करना
- कंप्यूटर में स्पीकर जोड़ना
- कंप्यूटर में मॉडेम कनेक्ट करना
- पेन ड्राइव को कंप्यूटर में कनेक्ट करना
USB के नुकसान
यूएसबी डिजिटल उपकरणों को आपस में जोड़ने का सबसे आसान तरीका है जो की आसानी से फाइलों को एक से अधिक डिवाइस में भेजने की सुविधा देती है। इसके अलावा यह एक सस्ता होने के साथ साथ इस्तेमाल करने में भी आसान होता है। लेकिन यूएसबी कनेक्शन ज्यादा सुरक्षा नहीं दे पाता। जिसके कारण हैकरों द्वारा इसे हैक किया जा सकता है।
FAQ
USB का अविष्कार साल 1996 में हुआ था।
कॉम्पैक, DEC, आईबीएम, नोर्टेल, NEC, इंटेल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी 7 कंपनियों ने मिलकर USB का विकास किया और इस अविष्कारक टीम का नेतृत्व इंटेल के अजय भट्ट ने किया था।
USB के पहले व्यापारिक रूप से उपलब्ध संस्करण 30 डॉलर प्रति यूनिट के हिसाब से बिका था।
यूनिवर्सल सीरियल बस (Universal Serial Bus)
USB के स्पेसिफिकेशन को देखें तो यह 127 डिवाइस तक सुप्पोर्ट कर सकता है। इस तरह सैद्धांतिक नजरिये से देखा जाए तो कम्प्यूटर में एक साथ 127 डिवाइस जोड़े जा सकते है।
USB एक डाटा स्टोरेज डिवाइस है।
प्रमुख रूप से USB कनेक्टर के छह प्रकार होते है – USB टाइप A, B, C, माइक्रो USB, मिनी USB और Lightning कनेक्टर।
यूएसबी पोर्ट एक मानक इंटरफ़ेस है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट, कैमरा, प्रिंटर और बाहरी हार्ड ड्राइव द्वारा एक दूसरे के साथ जोड़ने के लिए किया जाता है।