ज्यादातर कंप्यूटर वायरस खतरनाक नहीं होते पर कुछ data currupting करने व keylogger जैसे खतरनाक भी होते है। कंप्यूटर को वायरस से बचाने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए क्योकि वायरस के प्रभाव को आसानी से पता नही लगाया जा सकता। इससे बचने के लिए कंप्यूटर में एक अच्छा एंटीवायरस जरूर होना चाहिए। इस लेख में आप जानेंगे कंप्यूटर वायरस क्या है और कैसे काम करता है।
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कंप्यूटर वायरस क्या है?
कंप्यूटर वायरस एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जिसे कोडिंग करके दूसरे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की तरह ही बनाया जाता है पर ये कंप्यूटर में आपकी जानकारी के बिना ही लोड हो जाता है और मर्जी के खिलाफ कार्य करने लगता है या आपके सिस्टम व डाटा को नुकसान पंहुचाने की कोशिश करता है।
एक वायरस कंप्यूटर में अपने प्रभाव बढ़ाने, सिस्टम व फाइलों को प्रभावित करने के लिए खुद का प्रतिरूप बना सकते है। बीते कुछ सालो में इसका इस्तेमाल बुरे कार्यो के लिए ज्यादा किया जाने लगा है। कंप्यूटर व मोबाइल में वायरस ईमेल अटैचमेंट्स, फ़्लैश ड्राइव और इंटरनेट से डाउनलोड किये गए फाइलों के माध्यम से फैलता है।
दुनिया में सबसे पहला कंप्यूटर वायरस लाहौर (पाकिस्तान ) शहर के दो भाइयो अमजद और बासित ने बनाया था जिसे उन्होंने ब्रेन नाम दिया था। ब्रेन वायरस का प्रभाव ज्यादा खतरनाक नहीं था। यह केवल प्रभावित फ्लॉपी ड्राइव को धीमा कर देता था।
कंप्यूटर वायरस कौन बनाता है?
क्या आपने भी कभी सोंचा है की ये कंप्यूटर वायरस कंहा से आते है या इन्हे कौन बनाते है। तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की, एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की तरह ही इसके भी बनाने वाले होते है जिन्हे कोडिंग की अच्छी जानकारी होती है। सभी वायरस रचयिता का वायरस बनाने का उद्देश्य अलग अलग होता है। जैसे बिज़नेस में अपने प्रतिद्वंदी को कमजोर करने या बदला लेने के लिए, आदि।
कंप्यूटर वायरस कैसे फैलता है?
कभी कभी क्या होता है की आप किसी इन्फेक्टेड फाइल या प्रोग्राम को ओपेन कर रहे होते है और आपको पता नहीं होता की इससे आपके कंप्यूटर में वायरस आ सकता है।
मुख्यतः खतरनाक वायरस इमेल्स के साथ आने वाले फाइल यानी ईमेल अटैचमेंट्स, इंटरनेट से डाउनलोड किये गए प्रोग्राम्स और CDs के माध्यम से फैलता है। ज्यादातर कंप्यूटर वायरस खुद से नहीं फैलता जब तक की आप उसे ओपन ना करें। इसलिए अनजाने ईमेल अटैचमेंट्स को खोलने से बचे।
कंप्यूटर वायरस की पहचान क्या है?
अगर आपका कम्यूटर धीमा कार्य करने लगे, क्रैश हो जाए, पावर ऑन करने पर ब्लेंक स्कीन दिखे या कुछ समय के अंतराल में खुद से रीस्टार्ट होने लगे तो समझ जाइये की आपके कम्यूटर में वायरस का हमला हो गया है। ये सभी सामान्य कम्यूटर वायरस के लक्षण होते है।
हालाँकि ऐसी समस्याएं किसी हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर के वजह से भी हो सकता है। इसलिए अपने डिवाइस में एक प्रीमियम एंटीवायरस सॉफ्टवेयर जरूर रखे, ये आपके कम्यूटर में वायरस आने पर आपको नोटिफिकेशन के माध्यम से अलर्ट करेगा और उस वायरस को क्लीन भी कर देगा।
कंप्यूटर वायरस के लक्षण क्या हैं?
कंप्यूटर में वायरस इन्फेक्शन के कुछ सामान्य लक्षण, जिनसे आप जान पाएंगे की क्या आपका सिस्टम वाकई में वायरस से इन्फेक्टेड हो गया है।
- कुछ मिनटों में कंप्यूटर का स्वतः रीस्टार्ट होना या क्रैश हो जाना।
- कंप्यूटर का सामान्य गति से धीरे काम करना।
- कंप्यूटर का सामान्य तरीके से काम ना करना।
- कम्यूटर का हैंग हो जाना या स्वतः लॉक होना।
- प्रिंट आर्डर कम्पलीट ना होना।
- सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन का सही से काम न करना।
- मेनू में एप्लीकेशन के व्यवस्था में फेरबदल,
- डिस्क या ड्राइव को एक्सेस ना कर पाना।
- कंप्यूटर चालू करने पर अनजाने प्रोग्राम्स शुरू होना।
- असामान्य एरर संदेशो का दिखाई देना, इत्यादि।
कंप्यूटर वायरस से बचने के तरीके
एक कंप्यूटर सिस्टम में वायरस से बचने के लिए जरुरी है की सिक्योरिटी को बढ़ाया जाए और वायरस के संक्रमण के संभावना को कम किया जाए। इसके लिए फ़ायरवॉल का इस्तेमाल करे, अपने सिस्टम को अपडेटेड रखें, प्रीमियम एंटीवायरस इनस्टॉल करें, और निचे दिए गए सुरक्षा नियमो का पालन करें।
- इंटरनेट फ़ायरवॉल का इस्तेमाल करें (एंटीवायरस में भी उपलब्ध होता है )
- माइक्रोसॉफ्ट आटोमेटिक अपडेट्स को चालू रखें।
- अनजाने ईमेल अटैचमेंट्स को न खोलें।
- कंप्यूटर में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर जरूर इनस्टॉल रखें।
क्या करें अगर Computer में Virus आ जाए
अगर आपको लगे की कंप्यूटर ठीक ढंग से कार्य नहीं कर रहा है और आप अपने कम्यूटर में रखे डाटा को लेकर चिंतित है। तो ध्यान रखे ऐसी स्थिति वायरस के अटैक के कारण भी हो सकता है। इसलिए सबसे पहले एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से स्कैन कर क्लीन करें।
और यदि किसी वायरस के कारण हार्ड ड्राइव currupt हो जाए तो आपको किसी अनुभवी कंप्यूटर एक्सपर्ट से संपर्क लेनी चाहिए। क्योकि ज्यादातर डाटा को कंप्यूटर और डाटा रिकवरी सॉफ्टवेयर की मदद से रिकवर किया जा सकता है।