UEFI क्या है? और इसके Advantages

UEFI क्या है, कंप्यूटर सिस्टम में बूट प्रक्रिया प्रबंधन के लिए UEFI और BIOS दो तरह के यूजर इंटरफ़ेस होते है। BIOS जिसे Legacy boot mode भी कहते है, यह पुराना होने के साथ CUI (Character User Interface) वाला है। जबकि UEFI बूट मोड नया और विकसित रूप है। और इसमें GUI (Graphical User Interface) होता है।

आजकल के सभी नए कंप्यूटर पहले से ही UEFI सपोर्ट के साथ आते है। और यह बहुत तेजी से पुराने बायोस की जगह ले रहा है। तो आइये जाने UEFI क्या है।

UEFI क्या है

यह बायोस की तरह ही कार्य करता है। इसकी शुरुवात पहली बार विंडोज 7 और Vista ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ किया गया था। इसे बायोस की खामियों को दूर करने के लिए बनाया गया था। एक तरह से यह कंप्यूटर में फर्मवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम के जैसा है। या आसान शब्दों में समझे तो यह कंप्यूटर फर्मवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच मध्यस्थता करने वाला सॉफ्टवेयर इंटरफेस है।

UEFI बायोस के जैसे ही कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और इसके फर्मवेयर को जोड़ने का कार्य करता है। UEFI में कंप्यूटर प्रारम्भ होने के समय हार्डवेयर कंपोनेंट्स को जांचकर कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम को शुरू करता है।

इसमें शुरुवात से लेकर इसके चालू होने तक की सभी जानकारी और सेटिंग्स Hard Disk के ESP यानि EFI सिस्टम पार्टीशन में .efi फाइल के रूप स्टोर होता है। यह 32 बिट और 64 बिट मोड दोनों को सपोर्ट करता है जबकि बात करे Lagacy bios की तो यह केवल 16 बिट मोड पर ही कार्य करता है।

यह आधुनिक और पुराने दोनों तरह के कंप्यूटर सिस्टम और हार्डवेयर को सपोर्ट करता है। और Legacy मोड की तुलना में UEFI की कार्य क्षमता अधिक होती है। UEFI boot mode GPT और MBR दोनों तरह की फाइल को पढ़ सकता है जबकि Legacy बूट मोड केवल MBR फाइल को पड़ सकता है।

UEFI का पूरा नाम

आपने UEFI क्या है? ये तो जान लिया, चलिए जाने इसके नाम को। इसका का पूरा नाम Unified Extensible Firmware Interface है।

UEFI boot mode के Advantages

  • यह कीबोर्ड और माउस दोनों को सपोर्ट करता है।
  • इसमें Graphical user interface होता है इसलिए इसे चलाना काफी आसान होता है।
  • यह GPT और MBR दोनों को सपोर्ट करता है।
  • यह एक से अधिक स्टोरेज डिवाइस को सपोर्ट करता है।
  • Legacy मोड की तुलना में इसकी कार्य क्षमता ज्यादा होती है।
  • इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम जल्दी लोड होता है।
  • इसमें स्टोरेज के लिए 4 से ज्यादा पार्टीशन बनाए जा सकते हैं।
  • यह GPT और MBR दोनों तरह की फाइल को पढ़ सकता है। जबकि Legacy मोड केवल MBR फाइल को पड़ सकता है।

Legacy को UEFI में अपग्रेड क्यों कर दिया गया

यदि आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर BIOS legacy को UEFI में अपग्रेड क्यों किया गया। क्योकि Legacy बूट मोड में बहुत सारी कमियां थी इसलिए इन कमियों को देखते हुए इसे UEFI boot mode के रूप में अपग्रेड किया गया। लेकिन आज भी जहां-जहां पुराने कंप्यूटर सिस्टम का उपयोग होता है वहां ज्यादातर legacy मोड का ही उपयोग होता है।

इस “UEFI क्या है” लेख में अगर आपको किसी जानकारी की कमी लगे या कोई संदेह हो तो आप हमें निचे कमेंट कर जानकारी दे सकते है।

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