डॉस क्या है? MS-DOS के कार्य, संस्करण और इतिहास

कंप्यूटर विकास के शुरुवाती दिनों में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बनाया गया DOS कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के सबसे प्रचिलित विकल्प था। कंप्यूटिंग की दुनिया में, DOS का एक महत्वपूर्ण स्थान है। क्योकि यह सबसे शुरुआती ऑपरेटिंग सिस्टम में से एक था।

इस लेख में आप जानेंगे की डॉस क्या है, इसका इतिहास, यह कैसे काम करता है, और कंप्यूटर के विकास पर इसका प्रभाव क्या रहा।

DOS क्या है?

डॉस (DOS) का पूरा नाम “Disk operating system” है, यह एक कमांड-लाइन इंटरफ़ेस (CLI) ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसका अर्थ है कि इसमें उपयोगकर्ता को कार्यों को execute करने के लिए कमांड टाइप करने की आवश्यकता होती है। ये ऑपरेटिंग सिस्टम अपने काम में बार-बार डिस्क की मदद लेता है इसलिए इसे डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम या डॉस कहा जाता है।

IBM पर्सनल कम्प्यूटरों के लिए बनाये गए इस ऑपरेटिंग सिस्टम को आईबीएम द्वारा ‘पर्सनल कम्प्यूटर-डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम’ या PC-DOS कहा गया।

डॉस का उद्देश्य कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव पर संग्रहीत फ़ाइलों और डेटा को प्रबंधित और व्यवस्थित करना था। इसने कमांड और टूल का एक बुनियादी सेट प्रदान किया जो उपयोगकर्ताओं को डायरेक्टरी के माध्यम से नेविगेट करने, नया फाइल बनाने, कॉपी करने, ट्रांसफर करने और हटाने जैसी अन्य बुनियादी कार्यों को करने की सुविधा प्रदान की।

अपने शुरुआती दिनों में, डॉस एक बेसिक ऑपरेटिंग सिस्टम था जो बहुत सीमित हार्डवेयर वाले कंप्यूटर पर भी चल सकता था। इसने बेसिक फाइल मैनजमेंट, कुछ सिस्टम यूटिलिटी और प्रोग्रामों को चलाने की क्षमता प्रदान की। हालांकि, जैसे-जैसे कंप्यूटर शक्तिशाली होते गए, डॉस को धीरे-धीरे नेटवर्किंग और मल्टीटास्किंग जैसी अधिक उन्नत सुविधाओं के लिए सुधार कर विकसित किया गया।

DOS का इतिहास

DOS अपने समय के सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टमों में से एक था और आज भी इसके कुछ उपयोग हैं।

डॉस का पहला संस्करण 1981 में आईबीएम पीसी के लिए जारी किया गया था, जो की पहले के लोकप्रिय पर्सनल कंप्यूटरों में से एक था। डॉस के इस संस्करण को पीसी डॉस कहा जाता था जिसे माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने विकसित किया था।

यह QDOS (Quick and Dirty Operating System) नामक पहले के ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित था, जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने सिएटल कंप्यूटर प्रोडक्ट्स से खरीदा था। जबकि QDOS, CP/M नामक एक पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित था, जिसे “डिजिटल रिसर्च” द्वारा विकसित किया गया था।

इसे IBM PC कंप्यूटरों के लिए यूजर इंटरफेस प्रदान करने के लिए विकसित किया गया था। लेकिन 1990 दशक के मध्य तक पर्सनल कंप्यूटरों में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाने लगा। और अब इसके कई संस्करण (वर्जन्स) उपलब्ध हैं।

हालांकि, 1990 के दशक के मध्य में, माइक्रोसॉफ्ट ने अपना एक नया ग्राफिकल यूजर इंटरफेस आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज विकसित किया जिसने डॉस की तुलना में अधिक उन्नत सुविधाएं प्रदान कीं। जिसके बाद से विंडोज धीरे-धीरे पर्सनल कंप्यूटरों के लिए प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया।

DOS की घटती लोकप्रियता के बावजूद, डॉस का उपयोग कुछ विशेष अनुप्रयोगों में जारी रहा। उदाहरण के लिए, कुछ एम्बेडेड सिस्टम और औद्योगिक नियंत्रण प्रणाली आज भी इसकी stability और reliability के कारण डॉस का उपयोग करते हैं।

डॉस कैसे काम करता है?

डॉस एक बेसिक, lightweight और efficient ऑपरेटिंग सिस्टम है। जिसमें बेसिक utilities कमांड्स का एक सेट होता है जो उपयोगकर्ता को फ़ाइलों को प्रबंधित करने, प्रोग्राम चलाने और बेसिक टास्क जैसे कार्यों को करने की सुविधा देता है। जब डॉस चलाने वाले कंप्यूटर को बूट किया जाता है, तो ऑपरेटिंग सिस्टम को डिस्क से मेमोरी में लोड किया जाता है।

एक बार ऑपरेटिंग सिस्टम लोड हो जाने के बाद, उपयोगकर्ता को कमांड प्रॉम्प्ट प्रस्तुत किया जाता है, जो की कमांड दर्ज करने के लिए एक टेक्स्ट-आधारित इंटरफ़ेस होती है। उपयोगकर्ता तब फ़ाइलों की प्रतिलिपि बनाने, फ़ाइलों को हटाने और प्रोग्राम चलाने जैसे विभिन्न कार्यों को करने के लिए कमांड टाइप कर सकता है। डॉस कमांड की एक विस्तृत श्रृंखला का सपोर्ट करता है, जिनमें से कई आज भी उपयोग में हैं।

डॉस को विंडोज और मैकओएस जैसे आधुनिक ऑपरेटिंग सिस्टम की तरह फ़ाइलों और directories की एक श्रृंखला में व्यवस्थित किया जाता है। इन फ़ाइलों और directories को टर्मिनल विंडो में दर्ज commands के माध्यम से एक्सेस किया जाता है।

डॉस batch फ़ाइलों को भी सपोर्ट करता है। बैच फ़ाइल एक टेक्स्ट फ़ाइल है जिसमें कई कमांड्स होते है और इन्हे सीक्वेंस में execute किया जा सकता है। यह उपयोगकर्ताओं को दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करने और जटिल कार्यों का संचालन एक बार में करने की सुविधा देता है।

MS DOS क्या है?

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा IBM-PC Compatible कम्प्यूटरों के लिए बनाये गए DOS ऑपरेटिंग सिस्टम को IBM अपने कम्प्यूटरों में PC-DOS के नाम से रिब्रांड करके उपयोग करता था। चूँकि यह माइक्रोसॉफ्ट ने बनाया था इसलिए बाद में इसका नाम MS-DOS रखा गया। एम. एस. डॉस का पूरा नाम ‘माइक्रोसॉफ्ट डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम’ है। जो की माइक्रो कम्प्यूटर में प्रयुक्त होने वाला सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है।

MS DOS के कार्य

डॉस एक इन्टरप्रेटर का काम करता है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में सम्बन्ध स्थापित करता है। की-बोर्ड व माउस द्वारा दी गयी कमाण्ड्स का डॉस ऐसी भाषा में अनुवाद (ट्रान्सलेशन) करके सन्देशों का रूप देता है जिसे कम्प्यूटर समझ सकता है। सी. पी. यू. सन्देशों को प्रोसेस करके परिणाम निकालता है और उनको सन्देशों के रूप में वापस भेजता है जो मॉनीटर पर प्रदर्शित होते हैं या प्रिन्टर द्वारा उस भाषा में प्रिन्ट होते हैं जिसे हम समझते हैं।

सिस्टम यूनिट में कम्यूटर का मस्तिष्क होता है, अर्थात् इसमें सी. पी. यू., हार्डडिस्क आदि होते हैं। लेकिन ये सभी डॉस द्वारा संचालित होते हैं। डॉस का संचालन उन कमाण्ड्स द्वारा होता है जो आप की-बोर्ड पर टाइप करते हैं। हम डॉस की सहायता से खुद फंक्शनों को परफार्म कर सकते हैं।

DOS के संस्करण

अब तक 1 से 6 तक के डॉस वर्जन आ चुके हैं। इनमें 6.22 वर्जन सबसे नवीनतम है। प्रत्येक वर्जन में कुछ अतिरिक्त फीचर या कमाण्ड हैं जिन्हें आप प्रयोग कर सकते हैं। यदि आपके कम्प्यूटर में डॉस का 6 से नीचे वाला वर्जन है तो छठे वर्जन में लागू होने वाले कमाण्ड इस्तेमाल नहीं हो सकते, लेकिन छठे वर्जन से नीचे के संस्करणों के सभी कमाण्ड डॉस-6 में उपलब्ध होते हैं।

MS DOS प्रॉम्प्ट (MS-DOS Prompt)

पीसी की बूटिंग पूरी हो जाने यानी एमएस-डॉस रैम (RAM) में लोड हो जाने के बाद कंप्यूटर स्क्रीन पर एक चिह्न ‘C:>’ दिखाई पड़ता है, जिसे कमाण्ड प्रॉम्प्ट (Command Prompt) या एमएस डॉस प्रॉम्प्ट (MS-DOS Prompt) या केवल ‘प्रॉम्प्ट’ कहा जाता है।

MS DOS कमाण्ड्स (MS-DOS Command)

डॉस में ग्राफिकल यूजर इंटरफेस का उपयोग करने के बजाय टर्मिनल विंडो में कमांड टाइप करके सिस्टम के साथ कम्यूनिकेट करते हैं।

कमाण्ड्स का उपयोग कंप्यूटर पर फ़ाइलों और निर्देशिकाओं को प्रबंधित करने के साथ-साथ प्रिंटर और मोडेम जैसे हार्डवेयर उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। कमांड का उपयोग करके, उपयोगकर्ता फाइलों तक पहुंच सकते हैं, प्रोग्राम चला सकते हैं और अन्य कार्य कर सकते हैं।

इसमें सभी काम के लिए विशेष Command होता है, जो असल में उन प्रोग्रामों के नाम होते हैं, जो उन विशिष्ट कामों को कराने के लिए लिखे या बनाये गए होते हैं।

MS DOS कमांड्स के प्रकार

एमएस-डॉस के कमांड्स दो प्रकार के होते हैं-

  1. आन्तरिक आदेश (Internal Commands)
  2. बाह्य आदेश (External Commands )

इंटरनल कमांड्स

इन्टरनल कमाण्ड्स एम. एस. डॉस पर हमेशा उपलब्ध रहते हैं क्योंकि ये बूटिंग के समय ही मेमोरी में स्वतः स्टोर हो जाते हैं। ये सभी कमाण्ड COMMAND.COM प्रोग्राम फाइल में संकलित होते हैं इसीलिये ये कमाण्ड कम्प्यूटर चालु रहने तक सदैव उपलब्ध रहते हैं।

इंटरनल कमांड्स चलाने के लिए किसी और फाइल की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए इन्हें आन्तरिक आदेश कहा जाता है। अतः इन्टरनल कमाण्ड्स को कभी भी एग्जीक्यूट किया जा सकता है।

MS DOS के इंटरनल कमाण्ड्स

DIR, MD, CD, RD, MKDIR, CHDIR, RMDIR, COPY, REN, DEL, DATE, TIME, CON, CLS, VOL, PATH, BREAK, ERASE, LOADHIGH, RD, CALL, CTTY, EXIT, AIO, SHIFT, REM, TYPE, RENAME, VER, PAUSE, PROMPT, VERIFY, SET, M, CD, FOR, CHCP, GOTO, IF, ECHO, LH

एक्सटर्नल कमांड्स

एक्सटर्नल डॉस कमांड डिस्क पर संग्रहीत स्टैंडअलोन एक्सीक्यूटेबल फाइलें यानि प्रोग्राम होती हैं। जो की एक्जिक्यूट होने पर डिस्क से मेमोरी में लोड होते है। एक्सटर्नल कमांड इंटरनल कमांड की तुलना में अधिक कार्यक्षमता प्रदान करते हैं।

जब कोई एक्सटर्नल कमांड देते हैं, तो कमाण्ड प्रोसेसर उस फाइल को डिस्क पर खोजता है मैमोरी में लोड कर देता है। जिससे कमाण्ड का पालन शुरू हो जाता है। ऐसा करने के लिए संस्करण वही होना चाहिए, जो उपयोग किये जाने वाले एमएस-डॉस का है, अन्यथा ‘Incorrect Version’ सन्देश आएगा और आदेश रद्द या निरस्त हो जाएगा।

MS DOS के एक्सटरनल कमाण्ड्स

CHKDSK, XCOPY, PRINT, DISKCOPY, DISKCOMP, DOSKEY, TREE, MOVE, LABEL, APPEND, FORMAT, SORT, FDISK, BACKUP, EDIT, MODC, ATTRIB, HELP, SYS, DELTREE, DOSSHELL, KEYB, EXPAND, FASTOPEN, MEM, MSAV, NLSFUNG, MSBACKUP, UNDELETE, MEMMAKER, GRAPHICS, MORE, RESTORE

Internal एवं External Dos कमाण्ड्स में अन्तर

Internal डॉस कमाण्ड्सExternal डॉस कमाण्ड्स
इन कमाण्ड्स को डॉस प्रत्येक बार बूटिंग के समय मेमोरी में लोड करता है।ये कमाण्ड्स, डिस्क पर होते हैं एवं उन्हें डिस्क से RAM में क्रियान्वयन के लिये लाना होता है।
कुछ सिस्टम फाइल्स को छोड़कर इन्हें किसी भी अतिरिक्त फाइल्स की जरूरत नहीं होती है।प्रत्येक कमाण्ड्स के लिए अतिरिक्त सपोर्टिंग फाईल की आवश्यकता होती है।
इनके लिए बहुत कम मेमोरी की आवश्यकता होती है। इनके लिए बहुत अधिक मेमोरी की आवश्यकता होती है।
इन्टरनल कमाण्ड्स DOS की इनबिल्ट सुविधा है।ये अतिरिक्त प्रोग्राम्स होते हैं, जिन्हें DOS में जोड़ा जाता है।
इनके उदाहरण हैं-MD, RD, CD, DATE, TIME, PATH, VOL आदिइनके उदाहरण हैं- XCOPY, MOVE, EDIT, SYS, DISKCOMP आदि।
External एवं External Dos कमाण्ड्स में अन्तर

MS DOS के मुख्य कमांड्स (Main Commands of MS-DOS)

एमएस-डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले पर्सनल कम्प्यूटर से कोई काम कराने के लिए सही एमएस-डॉस आदेश जानना और उसको व्याकरण सहित याद रखना जरूरी है। इस सेक्शन में हम सबसे ज्यादा काम में आने वाले आदेशों के बारे में बताएँगे।

आदेशप्रयोग
DATEपीसी में सैट की हुई तारीख देखने एवं बदलने के लिए
TIMEपीसी में सैट किया हुआ समय देखने एवं बदलने के लिए
CLSस्क्रीन पर दिखाई गई सूचनाओं को मिटाने के लिए
DIRकिसी डायरेक्टरी में शामिल फाइलों एवं उप-डायरेक्टरी की सूची देखने के लिए
CDकरण्ट डायरेक्टरी देखने के लिए
COPYकिसी फाइल की नकल करने के लिए
RENकिसी फाइल के नाम परिर्वतन के लिए
DELकिसी फाइल को डिस्क या फ्लॉपी से हटाने के लिए
MDडायरेक्टरी या उप-डायरेक्टरी बनाने के लिए
RDकिसी डायरेक्टरी को हटाने के लिए
TYPEकिसी फाइल की सामग्री देखने के लिए
FORMATकिसी नई या पुरानी फ्लोपी को MS-DOS पर कार्य करने के लिए तैयार करने के लिए
PATHकिसी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टरी या फाइल का पाथ जानने के लिए
EDITसाधारण अक्षरों, अंकों तथा विशेष चिह्नों से बनी फाइल तैयार करने या उसे सुधारने के लिए
PRINTकिसी फाइल को छापने के लिए
XCOPYकिसी डायरेक्टरी में स्थित उप-डायरेक्ट्री एवं उनकी फाइलों की नकल करने के लिए।
MS DOS के मुख्य कमांड्स (Main Commands of MS-DOS)

DOS के लाभ

डॉस एक बुनियादी (basic) ऑपरेटिंग सिस्टम था, इसलिए विंडोज या मैकओएस जैसे आधुनिक ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में इसका उपयोग करना और समझना बहुत आसान था। चूंकि डॉस में आधुनिक ऑपरेटिंग सिस्टम की तरह पॉवरफुल कंप्यूटर की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए यह साधारण कंप्यूटरों पर भी आसानी से चल सकता था।

डॉस इतना लोकप्रिय क्यों था?

डॉस की लोकप्रियता का कारण इसकी stability और reliability थी। क्योंकि यह एक कमांड-लाइन ऑपरेटिंग सिस्टम था, इसमें आधुनिक जीयूआई-आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में ज्यादा पावरफुल सिस्टम की जरुरत नहीं पड़ती, जिससे इसमें क्रैश और दूसरे सिस्टम फेलियर का खतरा कम हो गया।

इसका उपयोग करना भी आसान था। जबकि कमांड-लाइन इंटरफ़ेस आधुनिक उपयोगकर्ताओं को मुश्किल लग सकता है, यह उस समय के उपयोगकर्ताओं के लिए एक सरल और आसान यूजर इंटरफ़ेस वाला ऑपरेटिंग सिस्टम था। थोड़े अभ्यास के साथ, कोई भी जल्दी से डॉस को चलना सिख सकते हैं।

FAQs

DOS का पूरा नाम क्या है?

डॉस का पूरा नाम डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम है।

डॉस का पहला संस्करण कब जारी किया गया था?

डॉस का पहला संस्करण 1981 में आईबीएम पीसी के माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा जारी किया गया था।

व्यक्तिगत कंप्यूटिंग पर डॉस का प्रभाव क्या था?

डॉस पहले व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम में से एक था। जिसने माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के विकास के लिए नींव का कार्य किया।

क्या डॉस batch फाइल को सपोर्ट करता है?

डॉस batch फ़ाइलों को भी सपोर्ट करता है। batch फाइल वे स्क्रिप्ट होते हैं जो उपयोगकर्ताओं को सीक्वेंस में कमांड्स रन करके कार्यों को ऑटोमेट करने की अनुमति देते हैं।

PC-DOS क्या है?

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा आईबीएम पर्सनल कम्प्यूटरों के लिए बनाये गए DOS ऑपरेटिंग सिस्टम को PC-DOS कहा गया।

निष्कर्ष

डॉस एक कमांड-लाइन ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका उपयोग व्यापक रूप से 1980 और 1990 के दशक में किया जाता था। कुल मिलाकर, डॉस ने पर्सनल कंप्यूटिंग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और इसका प्रभाव आज भी महसूस किया जा सकता है।

हालांकि अब इसका उपयोग प्राइमरी ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में नहीं किया जाता है। यद्यपि यह सरल और उपयोग करने में आसान था, लेकिन इसकी जगह विंडोज और मैकओएस जैसे अधिक उन्नत और यूजर फ्रेंडली ऑपरेटिंग सिस्टम ने ले लिया।

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